November 25, 2024

पहल टुडे

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नई दिल्ली। सरकार ने राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कहा कि पायरेसी एक दीमक की तरह भारतीय फिल्म उद्योग को खा रही है और इसको रोकने के लिए लाये गये चलचित्र (संशोधन) विधेयक से उद्योग के हर सदस्य को लाभ मिलेगा और सिनेमा के माध्यम से भारत एक साफ्ट पॉवर की तरह तेजी से उभरेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उच्च सदन में यह बात चलचित्र (संशोधन) विधेयक 2023 को चर्चा के लिए रखते हुए कही। उन्होंने कहा कि चार दशकों में बहुत बदलाव आया है। उन्होंने कहा, ‘‘दर्शकों की संख्या भी बहुत बढ़ी है। भारतीय फिल्मों की साख भी बहुत बढ़ी है। आज विश्व में सबसे अधिक फिल्म बनाने वाला देश भारत है। उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्म उद्योग ने इस साल आस्कर पुरस्कारों में भी अपनी पहचान बनायी है। उन्होंने कहा कि लघु वृत्तचित्र में भारत की एलीफेंट विस्पर्स और फिल्म आरआरआर ने पूरी दुनिया में अपनी धूम मचायी और भारत के लिए आस्कर पुरस्कार जीते। उन्होंने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि सरकार जब 40 साल बाद इतने महत्वपूर्ण संशोधन ले कर आयी है तो इनके (विपक्ष) रवैये को देखकर लगता है कि ये न तो फिल्म जगत के पक्ष में हैं और न ही भारत के साफ्ट पॉवर के रूप में उभरने के पक्ष में। ठाकुर ने कहा कि यह विधेयक किसी फिल्म निर्माता या निर्देशक के पक्ष में ना होकर स्पॉट ब्वाय, स्टंट मैन से लेकर कोरियोग्राफर तक सिनेमा उद्योग से जुड़े हर व्यक्ति के हित में लाया गया है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में पायरेसी के खिलाफ प्रावधान किये गये हैं। उन्होंने कहा कि पायरेसी एक ऐसा दीमक है जो फिल्म जगत को खाये जा रही है और उनकी वर्षों की मेहनत और धन राशि को खत्म कर देती है। ठाकुर ने इस विधेयक को लाये जाने के तीन प्रमुख कारण बताये। उन्होंने कहा कि इनमें पहला फिल्मों की अनधिकृत रिकार्डिंग के चलन पर रोक लगाना, दूसरा लाइसेंसिंग की प्रक्रिया को सरल करना और तीसरा, उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के जो विभिन्न निर्णय आये हैं उनके अनुरूप मूल कानून में संशोधन करना है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘‘मैं बिल के बारे में बात करना चाहता हूं और दिल के बारे में भी बोलना चाहता हूं।’’ इसके बाद उन्होंने जैसे ही मणिपुर का नाम लिया, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। शोरगुल में उनकी बात सुनी नहीं जा सकी। विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए बीजू जनता दल के प्रशांत नंदा ने कहा कि वह पिछले पचास साल से फिल्म उद्योग से जुड़े हैं। उन्होंने फिल्में बनायी हैं और उन्होंने पायरेसी की समस्या का सामना किया है। नंदा जब अपनी बात रख रहे थे, उसी दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने मणिपुर मुद्दे पर चर्चा कराये जाने और प्रधानमंत्री के बयान की मांग पर सदन से बहिर्गमन किया। उन्होंने कहा कि किसी भी हिंदी फिल्म को जिस दिन रिलीज किया जाता है, अगले दिन ही वह (पायरेसी के कारण) दुबई में दिखायी जाने लगती है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक में पायरेसी के आरोप साबित होने पर तीन साल तक की सजा और दस लाख रूपये तक का जुर्माना प्रावधान किया गया है। नंदा ने फिल्मों के वर्गीकरण के लिए विधेयक में नयी श्रेणियां बनाये जाने के प्रावधान का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यदि किसी फिल्म के बारे में सेंसर बोर्ड के निर्णय की समीक्षा की जाती है तो यह काम उन्हीं सदस्यों को नहीं दिया जाना चाहिए जिन्होंने इसका निर्णय किया था। उन्होंने कहा कि समीक्षा का काम बोर्ड के अन्य सदस्यों को दिया जाना चाहिए।...
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को बड़ी राहत मिली है। SC ने  ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। 15 सितंबर तक अब ईडी डायरेक्टर के पद पर संजय मिश्रा बने रहेंगे। वहींं केंद्र ने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों की मंशा है कि भारत एफएटीएफ की ‘संदिग्ध सूची’ में आ जाए और इसलिए ईडी प्रमुख पद पर निरंतरता जरूरी है।
कोल्हापुर। महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले के किने गांव में गुरुवार को मकान की दीवार गिरने से एक महिला की मौत हो गयी जबकि दो गंभीर रूप से घायल हो गये। अजारा पुलिस के अनुसार, बुधवार रात की अजारा तहसील में हुई भारी बारिश के कारण आज सुबह किने गांव में एक घर की दीवार अचानक ढह गई। इस हादसे में सुनीता अर्जुन गुडुलकर (45), उसके पति अर्जुन और उसकी भाभी वस्ताला गुडुलकर मलबे में फंस गए। घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तीनों को बाहर निकाला, लेकिन तबतक सुनीता की मौत हो चुकी थी। उसके पति और भाभी घायल हो गयी। उन्हें नेसारी ग्रामीण अस्पताल में ले जाया गया। अजारा पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच कर रही है।
गाजीपुर । यूनियन बैंक द्वारा संचालित यूनियन ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण  संस्थान में दिनांक 27...
मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर बिहार बीजेपी के प्रवक्ता विनोद शर्मा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। शर्मा ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के बयान की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति ने ‘भारत को बदनाम’ किया है। उन्होंने कहा कि मैंने भारी मन से भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मणिपुर की स्थिति ने भारत को बदनाम किया है। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने का भयावह वीडियो सामने आने के बाद से बीजेपी की राज्य सरकार और केंद्र निशाने पर है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर संसद में प्रधान मंत्री से बयान देने और उसके बाद इस पर पूर्ण चर्चा की मांग कर रहा है। अपने बयान में विनोद शर्मा ने कहा कि भारी मन से मैंने जेपी नड्डा और पीएम मोदी को लिखा कि मणिपुर के वीडियो जैसी घटना कहीं और नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि फिर भी पीएम सो रहे हैं, उनमें सीएम बीरेन सिंह को बर्खास्त करने की हिम्मत नहीं है। इंसानियत के नाते मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सका और मामला उठाया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के एक दिन बाद, विभिन्न विपक्षी दलों के नेता, जो इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, आज काले कपड़े पहने नजर आए। उन्होंने मणिपुर पर चर्चा की अनुमति नहीं देने और उनके अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू नहीं करने के लिए ट्रेजरी बेंच के विरोध में ऐसा करने का फैसला किया। विपक्षी नेता मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने के लिए सरकार के खिलाफ और साथ ही हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य पर दोनों सदनों में बयान नहीं देने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ संसद में हर दिन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। एक ओर जहां संसद में मणिपुर को लेकर विपक्षी दल नरेंद्र मोदी के बयान की मांग कर रहे हैं। वहीं, प्रधानमंत्री आज राजस्थान दौके पर हैं जहां से उन्होंने इंडिया को लेकर कड़ा प्रहार किया है। इसी पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पलटवार किया है।
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को  ‘पीएम किसान सम्मान निधि’ की 14वीं किस्त को किसानों के खाते में ट्रांसफर किया है। इसके अंतर्गत 17,000 करोड़ से अधिक की सम्मान राशि 8.5 करोड़ से अधिक किसानों को भेजी गई है। इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया है। सीएम योगी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि पीएम मोदी ने देश के किसानों का कल्याण किया है और इसके लिए वो सदैव समर्पित रहते है। सीएम ने कहा उत्तर प्रदेश के 1.86 करोड़ अन्नदाता किसान इस सम्मान निधि से लाभान्वित हुए हैं। इसके लिए पीएम मोदी का हार्दिक आभार है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को जलमार्ग परिवहन की प्रचुर संभावनाओ वाला राज्य बताते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कहा कि प्रदेश में अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण का गठन किया जायेगा। सीएम योगी ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में जलमार्गो के विकास पर विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि अंतर्देशीय जल परिवहन में यात्रियों और कार्गो परिवहन के राज्य में व्यापक अवसर है। प्रदेश में जलमार्ग परिवहन का तेजी से विस्तार हो रहा है। प्रयागराज से हल्दिया तक राष्ट्रीय जलमार्ग क्रियाशील है। हमें इसे विस्तार देना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सदानीरा नदियों का प्रदेश है। यहां अधिकांश नदियों में हर समय नदियों में पर्याप्त जल उपलब्ध रहता है। प्रदेश में जल परिवहन की प्राचीन परंपरा रही है। एक समय था कि जब अयोध्या की राजकुमारी जलमार्ग से ही दक्षिण कोरिया गई थी। बदलते समय के साथ इस सेक्टर को उपेक्षित कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जलमार्गों के सृजन विकास और उन्हें यातायात व माल ढुलाई के लिए प्रयोग में लाने के लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। इसे नियोजित रूप देते हुए प्रदेश में अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन किया जाना चाहिए। इस संबंध में राष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण और अन्य राज्यों में प्रचलित व्यवस्था का अध्ययन कर आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि यह प्राधिकरण नोडल अथॉरिटी के रूप में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के साथ समन्वय का कार्य करेगा। प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल परिवहन एवं पर्यटन संबंधित समस्त गतिविधियों का रेगुलेशन किया जाएगा, साथ ही, जल परिवहन से संबंधित पर्यावरण एवं सुरक्षा कानूनों का अनुपालन, जलमार्गों के विकास एवं बेहतर उपयोग के लिये हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण एवं जांच की जिम्मेदारी का निर्वहन भी करेगा। योगी ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा अंतर्देशीय जल यातायात डेटा का अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाना चाहिए। अंतर्देशीय जल परिवहन, पर्यटन एवं शिपिंग तथा नेविगेशन संबंधित गतिविधियों के संबंध में वैज्ञानिक अनुसंधान किया जाए। अंतर्देशीय जल परिवहन से संबंधित स्टेकहोल्डर्स एवं अधिकारियों/कर्मचारियों का तकनीकी प्रशिक्षण भी कराया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश अन्तर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण में परिवहन मंत्री को पदेन अध्यक्ष के रूप में नामित किया जाना चाहिए, जबकि उपाध्यक्ष के रूप में जल परिवहन क्षेत्र में सुदीर्घ अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ की तैनाती की जानी चाहिए। प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर को प्राधिकरण के सीईओ की भूमिका दी जानी चाहिए। इसके अलावा, वित्त, संस्कृति, सिंचाई तथा वन सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को बतौर सदस्य सम्मिलित किया जाना चाहिए। योगी ने कहा कि नदियों के कैचमेंट एरिया में अवैध खनन/बसाहट कतई न हो। इसके लिए सतर्क रहें। नदियों के चैनेलाइजेशन, सिल्ट सफाई का कार्य समय से किया जाए।
मुंबई। शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट द्वारा पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर किए गए दावे पर निर्वाचन आयोग ने उनकी प्रतिक्रिया को लेकर एक पत्र भेजा है, जिसका वे जवाब भेजेंगे। हालांकि अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। एनसीपी में बगावत करते हुए अजित पवार गुट दो जुलाई को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गया था। सरकार में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद जबकि आठ अन्य विधायकों को मंत्री पद प्रदान किया गया था। शरद पवार नीत राकांपा गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट द्वारा पार्टी के नाम और चिह्न पर दावा किए जाने को लेकर उनकी (शरद पवार गुट की) प्रतिक्रिया जानने के लिए एक पत्र भेजा है। क्रास्टो ने कहा, ”हम तदनुसार जवाब देंगे।” प्रफुल्ल पटेल ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ”मैं अपनी पार्टी के अंदरुनी मामलों से संबंधित मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।” उन्होंने कहा, ”शरद पवार हमारे आदर्श बने रहेंगे और हम चाहते हैं कि वह (शरद पवार) हमारे द्वारा लिए गए राजनीतिक फैसले को स्वीकार करें। हम उन्हें मनाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ एक बहाना है। पटेल ने कहा, ”यह विपक्ष की कुंठा को दर्शाता है और वे जानते हैं कि लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास जो संख्या है, उसे देखते हुए अविश्वास प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं है। ” उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के लिए एक स्थिर विकल्प मुहैया कराना आसान नहीं होगा। पटेल ने कहा कि इस तरह की पहल 1977, 1989 और 1996 में भी विफल हो चुकी है, क्योंकि ये राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता की ओर ले जाती हैं। पटेल ने यह भी कहा कि राकांपा और भाजपा के बीच दोस्ती मजबूत हुई है। उन्होंने कहा, ”हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। यह बहुत जरूरी है कि एक ऐसे चेहरे के साथ एक स्थिर सरकार दी जाए, जिसपर लोग विश्वास करते हों। यह वक्त की जरूरत है।
भोपाल।  मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य के कुछ हिस्सों में ‘विजय संकल्प यात्रा’ निकालने का फैसला किया है। पार्टी के एक पदाधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये यात्राएं सितंबर में निकाली जा सकती हैं, लेकिन इन यात्राओं को जल्द ही अंतिम रूप देकर घोषणा की जाएगी। पार्टी पदाधिकारी ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह की अध्यक्षता में बुधवार देर रात भाजपा की कोर समिति की यहां चार घंटे तक चली बैठक में यह फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि ये यात्राएं उज्जैन, जबलपुर, सागर, ग्वालियर और चित्रकूट शहरों से निकाली जाएंगी। उज्जैन में विजय संकल्प यात्रा निकालकर पार्टी का लक्ष्य मालवा क्षेत्र को कवर करना है, जबकि जबलपुर एवं सागर में इसका उद्देश्य क्रमशः महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्रों में मतदाताओं तक पहुंचना है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि ग्वालियर और चित्रकूट में विजय संकल्प यात्रा चंबल और विंध्य क्षेत्रों के मतदाताओं को साधेगी। उन्होंने बताया कि पार्टी की योजना इन यात्राओं को शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत अपने शीर्ष नेताओं को शामिल करने की है। इस साल की शुरुआत में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव से पहले, भाजपा ने मार्च में वहां ऐसी चार यात्राएं निकाली थीं। हालांकि, भाजपा इस दक्षिणी राज्य में सत्ता बरकरार रखने में विफल रही क्योंकि जनादेश कांग्रेस को मिला। मध्य प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ निकाली थी।