November 25, 2024

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नयी दिल्ली। कतर का सॉवरेन संपदा कोष मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई में करीब एक प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। उद्योग सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सूत्रों ने बताया कि कतर निवेश प्राधिकरण (क्यूआईए) द्वारा रिलायंस रिटेल वेंचर्स लि. (आरआरवीएल) में एक प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण एक अरब डॉलर या 8,199 करोड़ रुपये में किया जाएगा। इस लिहाज से आरआरवीएल का मूल्यांकन करीब 100 अरब डॉलर बैठेगा। आरआरवीएल, रिलायंस इंडस्ट्रीज के खुदरा साम्राज्य की होल्डिंग कंपनी है। इस कदम से आरआरवीएल को अपने विस्तार को और तेज करने में मदद मिलेगी। इस बारे में संपर्क करने पर रिलायंस रिटेल के प्रवक्ता ने पीटीआई-से कहा, ‘‘कंपनी निरंतर आधार पर विभिन्न अवसरों का मूल्यांकन करती है। हमारा सिद्धान्त है कि हम बाजार में चल रही अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं।’’ इससे पहले इसी महीने मीडिया की खबरों में कहा गया था कि कंपनी द्वारा नियुक्त दो वैश्विक सलाहकारों ने आरआरवीएल का मूल्यांकन 92-96 अरब डॉलर के बीच निकाला है। आरआरवीएल कंपनियों का अधिग्रहण कर भारत में अपने कारोबार का तेजी से विस्तार कर रही है। इसके अलावा वह भारतीय बाजार के लिए प्रमुख अंतरराष्ट्रीय ब्रांड के फ्रेंचाइजी अधिकार भी हासिल कर रही है। इस महीने की शुरुआत में रिलायंस रिटेल ने कहा था कि वह अपने प्रवर्तक और होल्डिंग कंपनी के अलावा अन्य शेयरधारकों के पास मौजूद इक्विटी शेयर पूंजी को कम कर रही है। कंपनी के निदेशक मंडल ने चार जुलाई, 2023 को पूंजी घटाने की योजना के तहत ऐसे शेयरधारकों की पूंजी को रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। आरआरवीएल ने 2020 में 10.09 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचकर वैश्विक निजी इक्विटी कोषों से 47,265 करोड़ रुपये (लगभग 6.4 अरब डॉलर) जुटाए थे। उस समय कंपनी का मूल्यांकन 4.2 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया था। कंपनी ने उस समय लगभग 57 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर सिल्वर लेक, केकेआर, मुबाडला, अबू धाबी निवेश प्राधिकरण, जीआईसी, टीपीजी, जनरल अटलांटिक और सऊदी अरब के सार्वजनिक निवेश कोष से धन जुटाया था।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) का एकल शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की पहली तिमाही में चार गुना होकर 1,255 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। डूबे कर्ज में कमी तथा ब्याज आय बढ़ने से बैंक का मुनाफा बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में बैंक ने 308 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में पीएनबी ने कहा कि पहली तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 28,579 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 21,294 करोड़ रुपये थी। इस दौरान बैंक की ब्याज आय भी बढ़कर 25,145 करोड़ रुपये रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 18,757 करोड़ रुपये थी। जून, 2023 के अंत तक बैंक की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) घटकर कुल ऋण पर 7.73 प्रतिशत रह गईं। जून, 2022 के अंत तक यह 11.2 प्रतिशत पर थीं। इसी तरह बैंक का शुद्ध एनपीए भी 4.26 प्रतिशत से घटकर 1.98 प्रतिशत रह गया। एनपीए के मोर्चे पर सुधार से बैंक का डूबे कर्ज के लिए प्रावधान भी अप्रैल-जून की तिमाही में घटकर 4,374 करोड़ रुपये रह गया। एक साल पहले समान अवधि में यह 4,814 करोड़ रुपये था। एकीकृत आधार पर तिमाही के दौरान बैंक का शुद्ध लाभ बढ़कर 1,342 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 282 करोड़ रुपये रहा था। बैंक के एकीकृत नतीजों में पांच अनुषंगियों और 15 सहायक इकाइयों के परिणाम भी शामिल हैं। बैंक का पूंजी पर्याप्तता अनुपात भी 14.62 प्रतिशत से सुधरकर 15.54 प्रतिशत पर पहुंच गया।
अमिला।  अमिला नगर पंचायत क्षेत्र के चिरैयाडॉड में कार्डधारकों से अंगूठा लगवाने के दो...
वर्ष 2014 के बाद से भारतीय स्टॉक बाजार ने जो रफ्तार पकड़ी हैं, वह भारतीय स्टॉक बाजार के इतिहास में पहिले कभी भी नहीं रही है। 7 अप्रैल 2014 को भारत में सेन्सेक्स 22,343 अंकों पर था, जो 26 मई 2014 को 24,700 के आंकड़े को पार कर गया। वर्ष 2019 में चुनावी बिगुल बजने से पहले 10 अप्रैल 2019 को सेन्सेक्स 38,600 अंकों पर पहुंचा। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में स्टॉक बाजार ने लगभग 73 प्रतिशत यानी 16,250 अंको से ज्यादा की छलांग लगाई। वर्ष 2020 में कोरोना महामारी पर नियंत्रण स्थापित करते हुए भारत ने पूरी दुनिया के पटल पर सफलता की एक कहानी लिखी। वर्ष 2020 में भारतीय स्टॉक बाजार ने दुनिया के बाजारों के मुकाबले निवेशकों को 15 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न प्रदान किया। मौजूदा समय में भारत में सेन्सेक्स 65,000 के पार पहुंच गया है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सेन्सेक्स ने 66 प्रतिशत यानी 25,500 अंकों की तेजी दिखाई है। बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज का मार्केट केप 7 अप्रैल 2014 को 74.51 लाख करोड़ रुपए था, जो वर्तमान में बढ़कर 294.11 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच चुका है। इस प्रकार, इस दौरान निवेशकों की झोली में 219.59 लाख करोड़ रुपए आ चुके हैं। भारत में पिछले 40 दिनों में सेन्सेक्स ने लगभग 1800 अंकों की छलांग लगाई है। भारतीय स्टॉक बाजार में वर्ष 2014 से वर्ष 2023 के दौरान विदेशी निवेशकों की अहम भूमिका रही है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 4,900 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश भारतीय स्टॉक बाजार में किया है। अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 तक विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 1500-1600 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश भारतीय स्टॉक बाजार में किया है। जो विदेशी संस्थागत निवेशक जनवरी-फरवरी 2023 में भारतीय कम्पनियों के शेयर बेचकर चीन की कम्पनियों के शेयर खरीद रहे थे परंतु अब मार्च-अप्रैल 2023 के बाद से पुनः वे भारतीय कम्पनियों के शेयर खरीदने लगे हैं। पिछले 9 वर्षों में से केवल 2 वर्ष ही ऐसे रहे हैं जिनमें विदेशी संस्थागत निवेशकों का भारतीय स्टॉक बाजार में शुद्ध रूप से निवेश ऋणत्मक रहा है। विदेशी संस्थागत निवेशक आज भारतीय स्टॉक बाजार की ओर इतना अधिक आकर्षित क्यों हो रहे हैं। एक तो भारतीय स्टॉक बाजार ने अपने निवेशकों को बहुत अधिक रिटर्न प्रदान किए हैं। जब हम इस रिटर्न की तुलना अन्य देशों के पूंजी बाजार से करते हैं तो ध्यान में आता है कि विश्व के अन्य कई देशों के स्टॉक बाजार में निवेश पर लगभग 8-9 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है, जबकि भारतीय स्टॉक बाजार में निवेश पर लगभग 15-16 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है। इसी प्रकार, अमेरिका में बांड्ज में निवेश पर केवल 2-3 प्रतिशत अथवा अधिकतम 5 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है और भारत में बैंक में सावधि जमाराशि पर लगभग 6 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है, ऋण, कामर्शियल पेपर, बांड्ज आदि पर भी लगभग 6 से 7.5 प्रतिशत तक रिटर्न मिलता है। सोने के निवेश पर भी रिटर्न लगभग 7 से 8 प्रतिशत का ही रहता है और रियल इस्टेट में निवेश पर लगभग 9 से 11 प्रतिशत तक का रिटर्न मिलता है। जबकि भारतीय स्टॉक बाजार में वर्ष 1980 में सेन्सेक्स 100 अंकों पर था जो आज 67,000 अंकों पर आ गया है। अतः स्टॉक बाजार ने प्रतिवर्ष औसत 16 प्रतिशत की वार्षिक चक्रवृद्धि दर से अधिक की रिटर्न निवेशकों को दिलाई है। लम्बी अवधि में सामान्यतः केवल स्टॉक बाजार ही मुद्रा स्फीति से अधिक की वृद्धि दर देता आया है। आगे आने वाले समय में भारतीय स्टॉक बाजार में वृद्धि दर और भी तेज होने की सम्भावना इसलिए भी बलवती होती जा रही है क्योंकि आज भी भारतीय स्टॉक बाजार में खुदरा निवेशकों की पैठ बहुत कम है। 140 करोड़ से अधिक की जनसंख्या वाले देश में केवल 14 करोड़ डीमैट खाते खोले जा सके हैं। कोरोना खंडकाल से पहले भारत में डीमैट खातों की संख्या केवल 4 करोड़ के आसपास थी और कोरोना खंडकाल के दौरान लगभग 7-8 करोड़ नए डीमैट खाते खोले गए हैं। हालांकि अब खुदरा निवेशकों का रुझान तेजी से स्टॉक बाजार की ओर बढ़ रहा है। डिपोजिटरी आंकड़ों के अनुसार खुदरा घरेलू निवेशकों ने भारतीय स्टॉक बाजार में 7 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है। यूरोपीय देश आपस में लड़ रहे हैं तो इधर रूस एवं यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है। चीन के भी अपने पड़ोसी देशों से सम्बंध बहुत अच्छे नहीं हैं। साथ ही, भारत में राजनैतिक स्थिरता है, विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्था भारत में ही मानी जाती है। भारतीय राज्य भी अब आर्थिक विकास के मामले में आपस में प्रतिस्पर्धा करते नजर आ रहे हैं। पहले केवल गुजरात राज्य को ही तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था कहा जाता था। परंतु, अब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा आदि राज्य भी विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ते दिखाई दे रहे हैं इनमें से कुछ राज्यों ने तो अपनी अर्थव्यवस्थाओं को 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर का बनाने की ओर अपने कदम बढ़ा दिये हैं। 19वीं शताब्दी यदि यूरोप की थी और 20वीं शताब्दी यदि अमेरिका की थी तो अब 21वीं शताब्दी भारत की होने जा रही है।
चेहरे पर निखार के लिए लोग ना जानें क्या-क्या करते। चाहे महिला हो या पुरुष, हर कोई ये चाहता है कि उनका चेहरा हमेशा दमकता रहे। उस पर किसी तरह का कोई दाग-धब्बा ना हो। वैसे तो लोग इसके लिए पार्लर जाकर हजारों रुपये खर्च कर देते हैं। ग्लोइंग त्वचा के लिए बाजार में कई तरह के महंगे प्रोडक्ट मिलते हैं, जो लोगों के स्किन टाइप के हिसाब से उपलब्ध होते हैं, पर कई लोग ऐसे होते हैं जो चेहरे के निखार के लिए पैसे खर्च करने से कतराते हैं। जो लोग पार्लर नहीं जाते, वो घर पर ही त्वचा को खूबसूरत बनाने के लिए कई चीजों का इस्तेमाल करते हैं। इसी के चलते आज हम आपको कुछ ऐसे फल और सब्जियों के बारे में बताएंगे, जिनके इस्तेमाल से आप घर पर दमकती त्वचा पा सकते हैं। दरअसल, इन सब्जियों और फलों में मौजूद तत्व आपकी त्वचा को अंदर से साफ करते हैं और दाग-धब्बों से छुटकारा दिलाते हैं। टमाटर अगर आप चेहरे की टैनिंग और दाग-धब्बों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो टमाटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी और लाइकोपीन बढ़ती उम्र में होने वाली चेहरे की परेशानियों से भी छुटकारा दिलाते हैं। नींबू नींबू में भरपूर तौर पर विटामिन-सी पाया जाता है। ऐसे में इसके इस्तेमाल से आपके चेहरे के दाग-धब्बे दूर होते हैं। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल तत्व भी मौजूद होते हैं। गाजर क्या आप जानते हैं कि त्वचा पर गाजर का इस्तेमाल करके आप ऑयली स्किन प्रॉब्लम से भी छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए गाजर के जूस में 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिक्स करें। ये मिक्चर आपके चेहरे की कई परेशानियों को दूर करता है।केला  खाने के साथ-साथ केला त्वचा के दाग-धब्बों को दूर करने में सहायक है। इसका फेस मास्क तैयार करके आप चेहरे को चमका सकते हैं। संतरा  ग्लोइंग त्वचा पाने के लिए आप संतरे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमे मौजूद विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी, पोटैशियम आपकी त्वचा का निखार बरकरार रखने में सहायक है। पपीता  त्वचा की रंगत निखारने के लिए पपीते का फेसपैक लगा सकते हैं। गर्दन और चेहरे पर इस पैक को लगाकर आप दमकती त्वचा पा सकते हैं।
आजकल लगभग हर कोई रिलेशनशिप में बंधना चाहता है। किसी भी रिश्ते में प्यार खुशियां बढ़ा देता है। हर किसी में प्यार की चाह होती है। ऐसे में आपको अगर अपने पार्टनर से उसी प्यार की चाह है तो कई बातों का खास ध्यान देना पड़ता है। पहले लोग जान पहचान के लोगों के साथ ही रिश्ते में बंधते थें लेकिन इन दिनों सोशल मीडिया के जरिए, कई अन्य सोशल मीटिंग में एक दूसरे के संपर्क में आते हैं और फिर एक दूसरे के प्रति आकर्षण बढ़ने से प्यार या किसी रिश्ते में बंध जाते हैं। अगर आप नए नए रिलेशनशिप में आए हैं तो आपको अपने पार्टनर के  बारे में जान लेना चाहिए। हो सकता है कि वक्त के साथ आपके पार्टनर का बर्ताव बदलने लगे। आपको उनके बर्ताव को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, बल्कि उनकी हरकतों से ये जानने का प्रयास करना चाहिए कि इस बदलाव या रवैये की वजह क्या है? आपका पार्टनर आपसे क्या चाहता या चाहती है? अगर आप जानना चाहते हैं कि आपका पार्टनर इस रिलेशनशिप के प्रति कितना ईमानदार है या उसके बदलते बर्ताव कि क्या वजह है तो दीजिए इन बातों पर ध्यान। पार्टनर के बात करने का तरीका आपका पार्टनर किस तरह से आपके बात करता है, इस पर ध्यान जरूर दें। होता यूं है कि रिलेशनशिप की शुरुआत में आपके साथ उनका बर्ताव या बात करने का तरीका काफी प्यार भरा या स्वीट होता है लेकिन अगर वो आपसे रूडली बात करने लगे या कम बात करें तो ये गंभीर हो सकता है। हो सकता है कि आपके पार्टनर के मन में आपके लिए सम्मान कम होने लगा हो। वो आपसे किसी बात को लेकर असंतुष्ट हो या रिश्ते से ऊबने लगा हो। इसके अलावा आप अपने पार्टनर के झूठ या धोखे को भी उनके बात करने के तरीके से पकड़ सकते हैं। उनकी बातों में किसी तरह की हिचकिचाहट को महसूस करें तो समझ लीजिए कि आपसे कुछ छिपा रहे है। जरूरत से ज्यादा स्वीट होना रिलेशनशिप में प्यार होना, एक दूसरे की फिक्र करना आम बात है। लेकिन अगर आपका पार्टनर अचानक से अधिक स्वीट होने लगे। अपने बारे में या इस रिलेशनशिप के बारे में बढ़ा-चढ़ाकर बातें करें तो उसके इरादे आपके कुछ छिपाने या फिर आपके साथ टाइम पास करने हो सकते हैं। जरूरी नहीं कि आप उनके प्यार पर शक करें पर इस तरह अचानक उसका अधिक प्यार दिखाना ब्रेकअप करने के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में आप उनके मूड को परखें और फिर उनसे पुरानी बातों का जिक्र करें। हो सकता है कि वह बातों बातों में आपसे कुछ ऐसा कह जाएं जो उनके दिल की हकीकत बयान करता हो। पार्टनर के बहाने पार्टनर की बर्ताव पर ध्यान दें। अगर वह बात बात पर बहाने बनाते हैं तो भी दाल में कुछ काला हो सकता है। देर से आने पर, जरूरी बाते भूल जाने पर उनकी प्रतिक्रिया कैसी होती है, इस बात से आप जान सकते हैं कि इस रिश्ते के लिए वह कितना गंभीर है। पार्टनर छुपाने लगे बातें जब आप किसी रिलेशनशिप में आते हैं तो अक्सर एक दूसरे से अपनी अधिकतर बातें शेयर करते हैं। हालांकि रिलेशनशिप में प्राइवेसी भी होनी चाहिए, लेकिन अगर आपका पार्टनर आपसे अधिकतर बातें छुपाता है या आपके कुछ पूछने पर ज्यादातर मौके पर बात बदलने की कोशिश करता है तो हो सकता है कि वह आपको अपने सुख दुख का साथी बनाने के बारे में सीरियस न हो।