October 25, 2024

देश विदेश

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शनिवार सुबह एनएच 6 पर दो लक्जरी ट्रैवल बसों की टक्कर में दो महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना जिले के मलकापुर शहर में एक फ्लाईओवर पर देर रात करीब 2.30 बजे हुई। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में बस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत, 20 घायल महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शुक्रवार देर रात दो निजी बस की टक्कर में छह लोगों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना शुक्रवार देर रात करीब ढाई बजे मल्कापुर कस्बे के एक फ्लाईओवर पर हुई। अमरनाथ से लौट रहे थे यात्री अधिकारियों ने बताया कि एक बस अमरनाथ से हिंगोली लौट रही थी जबकि दूसरी बस नासिक की तरफ जा रही थी। उन्होंने बताया कि नासिक जा रही बस ने एक ट्रक से आगे निकलने की कोशिश की और इसी क्रम में वह सामने से आ रही दूसरी बस से टकरा गई। इस टक्कर में दो महिलाओं सहित पांच लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को पास के अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि हादसे की वजह के कुछ देर के लिए सड़क पर यातायात बाधित रहा। अधिकारियों ने बताया बताया कि नासिक की ओर जा रही बस ने एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश की और दूसरी बस के सामने आ गई, जिसके परिणामस्वरूप टक्कर हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इस मार्ग पर यातायात प्रभावित हो गया और वाहनों का परिचालन बाधित हो गया। इस महीने की शुरुआत में, महाराष्ट्र में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर एक बस में आग लगने से कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। बस यवतमाल से पुणे जा रही थी। यह घटना राज्य के बुलढाणा जिले में शनिवार देर रात करीब 2 बजे हुई थी। पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के साथ दुर्घटनास्थल का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के भी आदेश दिये हैं।
मुंबई। भगोड़े गैंगस्टर छोटा शकील के एक कथित सहयोगी को 25 साल बाद हत्या के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारी के मुताबिक लइक मोहम्मद फिदा हुसैन शेख (50) को बृहस्पतिवार को पायधोनी पुलिस की एक टीम ने ठाणे रेलवे स्टेशन के पास से पकड़ा। घटना के वक्त वह तब दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में रहता था। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ हुसैन शेख, जो छोटा शकील गिरोह के लिए काम कर रहा था। उसके सहयोगियों ने 1997 में छोटा राजन गिरोह के एक सदस्य की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अदालत ने उसे मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया था। हमें सूचना मिली कि वह ठाणे के मुंब्रा में रह रहा है और हमने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शनिवार को प्रदेश के सभी नागरिकों और प्रकृति प्रेमियों को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि अनुकूल पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बाघों का होना बेहद जरूरी है। योगी ने ट्वीट किया, “सभी प्रदेश वासियों और प्रकृति प्रेमियों को ‘अंतरराष्ट्रीय बाघ...
बोकारो (झारखंड)। झारखंड के बोकारो जिले में मुहर्रम के जुलूस की तैयारी करते समय शनिवार सुबह हाई टेंशन तार की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए। बोकारो के पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक ने बताया कि राज्य की राजधानी रांची से लगभग 80 किलोमीटर दूर पेटरवार पुलिस थाना क्षेत्र के खेतको गांव में एक धार्मिक झंडे के बिजली की तार के संपर्क में आने से यह हादसा हुआ। मुहर्रम जुलूस के दौरान करंट लगने से 4 की मौत, 13 घायल झारखंड के बोकारो में शनिवार को मुहर्रम का जुलूस निकालते समय बिजली की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 13 अन्य घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब ‘ताज़िया’ 11,000 हाई-वोल्टेज टेंशन तार के संपर्क में आ गया, जिसके परिणामस्वरूप विस्फोट हो गया। आलोक ने कहा, ‘‘यह हादसा शनिवार को सुबह करीब छह बजे उस समय हुआ, जब लोग मुहर्रम के जुलूस की तैयारी कर रहे थे। उनके हाथ में एक धार्मिक झंडा था, जिसका डंडा लोहे का था। यह झंडा 11,000 वोल्ट के हाई-टेंशन बिजली के तार के संपर्क में आ गया।’’ उन्होंने बताया कि सभी घायलों को एक निकटवर्ती अस्पताल में भर्ती कराया गया। अधिकारी ने बताया कि इनमें से आठ को बोकारो जनरल अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां चार लोगों की मौत हो गई। 13 घायलों में से 9 की हालत गंभीर घटना के बाद सभी घायलों को इलाज के लिए तुरंत बोकारो थर्मल डीवीसी अस्पताल ले जाया गया। 13 में से नौ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है।अधिकारी विस्फोट के कारणों की जांच कर रहे हैं।
भारत के सन्दर्भ में न्यूजीलैंड में मंत्री के इस्तीफे का यह उदाहरण इतना ही बताने के लिए काफी है कि कानून-कायदे सख्त हों इससे ज्यादा जरूरी यह है कि कानून सबके लिए समान भी हों। अपराध या गलती होने पर राजनेता पहले उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपने पद को त्यागे। यह एक अवसर है कि न्यूजीलैंड से मिली नसीहत और नैतिकता के मापदण्डों पर भारत के राजनेता एवं सत्ता पर बैठे लोगों के लिये खरा उतरने की प्रेरणा लेने का। लेकिन ऐसा न होना एक गंभीर स्थिति है। मणिपुर में 4 मई का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कुकी समुदाय की महिलाओं को मैतेई समुदाय के पुरुषों के एक समूह ने नग्न परेड कराया और उनके साथ दरिंदगी की। मणिपुर की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दो महिलाओं को नग्न घुमाने की घटना ने 140 करोड़ भारतीयों को शर्मसार किया है, लेकिन प्रश्न है कि वहां के मुख्यमंत्री ने इसकी जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद को त्यागने का उदाहरण क्यों नहीं प्रस्तुत किया। इससे पूर्व लम्बे समय तक बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों से लगातार यौन उत्पीडन के आरोप लगते रहे, प्रदर्शन होते रहे, उन्होंने सचाई सामने आने तक अपने पद से त्यागपत्र क्यों नहीं दिया। जबकि उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 354 (महिला की शीलता भंग करना), 354-ए (यौन उत्पीड़न) और 354-डी (पीछा करना) के तहत आरोप तय हो गए हैं। इससे पूर्व लखीमपुर खिरी में जिस क्रूर तरीके से मंत्री के बेटे ने हिंसक घटना को अंजाम दिया गया, उसकी वीडियो भी वायरल हुई। इसके बावजूद सम्बन्धित मंत्री महोदय से न तो इस्तीफा लिया गया, न एक जिम्मेदार पद पर होने की नैतिकता के निर्वहन के लिए इस मामले में न्याय होने तक स्वयं इस्तीफे की कोई पेशकश की गई। वर्तमान दौर पर निगाह डालें तो राजनीति में संवेदना, मर्यादा और नैतिकता लगातार छिजती जा रही है। जो न केवल राजनीति पर ही सवाल खड़ा नहीं करती, बल्कि मानवीय संवेदना को भी कठघरे में लाती है। अभी तक अमीर बापों की नशे में धुत संतानों द्वारा गरीब लोगों को कुचलकर मार डालने के मामले ही सामने आते रहे हैं। लेकिन जब कभी समाज में अमीर और रसूखदार लोगों द्वारा जघन्य अपराध किये गये, तो पूरे समाज ने विरोध में उतरकर अपने सभ्य होने का प्रमाण दिया। नैना साहनी तंदूर हत्याकांड हो या नितीश कटारा मर्डर केस या निर्भया का मामला, इन मामलों पर पूरे समाज ने एकजुटता दिखाई, लेकिन लखीमपुर खीरी, बृजभूषण की घटना हमें सोचने के लिए मजबूर करती है कि मानवीय संवेदना का स्तर लगातार कम होता जा रहा है या हम एक निष्ठुर और असंवेदनशील समाज होने की दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं? राजनीति में अनैतिकता तरह-तरह से पांव पसार रही है। दलबदल, नेताओं पर बदले की भावना से हो रही कार्रवाइयां भी अनैतिकता के ही उदाहरण हैं। शरद पवार के भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में राकांपा के विधायकों द्वारा दल-बदल कर पिछले दिनों शिंदे की शिवसेना-भाजपा सरकार के साथ जाने से इस बात का पर्दाफाश हो गया है कि जो नेता चाहते हैं, वे खुद को सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को बेच देते हैं और यह सब काम बड़ी सटीकता से किया जाता है तथा इसमें मनों का मेल, विचारधारा, सिद्धान्त, नैतिकता या व्यक्तिगत पसंद आदि जैसे कोई बहाने नहीं बनाए जाते। नैतिकता एवं मूल्यों की वकालत करने वाली भारतीय जनता पार्टी भी राजनीतिक जोड़तोड़ के लिये मूल्यों से मुंह फेरने लगी है एवं स्मार्ट राजनीतिक प्रबंधन के लिए जानी जाती है। प्रलोभन तथा धमकाने के लिए राज्य तंत्र एवं सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल कर उसने भी नैतिकता को ताक पर ही रखा है। प्रश्न है कि न्यूजीलैंड की तरह हमारा देश कानून का सख्ती से पालन एवं नैतिक निष्ठा दिखाने में कब तक निस्तेज बना रहेगा? न्यूजीलैंड में न केवल कानून सख्त हैं बल्कि नैतिकता और मर्यादा के मामले में राजनेता दूसरे देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा सतर्क हैं। वहां की न्याय मंत्री को छोटी-सी घटना पर न केवल तीन-चार घंटे पुलिस स्टेशन में भी रहना पड़ा था बल्कि इस्तीफा भी देना पड़ा। वहां के प्रधानमंत्री ने न्याय मंत्री का इस्तीफा स्वीकार भी कर लिया है। नजीर पेश करने का यह न्यूजीलैंड में कोई अकेला उदाहरण नहीं है। इस साल के शुरू में ही वहां की तत्कालीन पीएम जेसिंडा अर्डर्न ने यह कहते हुए पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया था कि अब उनके पास काम करने के लिए ऊर्जा नहीं बची है। दुनिया की सबसे कम उम्र में महिला प्रधानमंत्री बनने वाली जेसिंडा ने न केवल कोरोना महामारी बल्कि अपने देश में आतंकी हमलों का बहादुरी से मुकाबला किया था।
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गाजीपुर। आईएस-191 गैंग का सरगना मुख्तार अंसारी द्वारा अपने  अपराध में सहयोगी/ पारिवारिक सदस्य...