May 20, 2024

देश विदेश

देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के रौद्र रूप के चलते बाढ़ का आपदाकाल चल रहा है। यमुना नदी में जल ने वर्ष 1978 के रिकॉर्ड 207.49 मीटर को तोडकर 208.66 मीटर के नये रिकॉर्ड तक जलस्तर बढ़ने से देश का दिल राजधानी दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी बाढ़ की मार को झेलने के लिए मजबूर है। आज दिल्ली की 20 फीसदी आबादी यमुना के जल के प्रकोप से किसी ना किसी रूप से त्रस्त है। दिल्ली में यमुना के आसपास के क्षेत्रों में रह रहे लोगों के सामने यमुना नदी की बाढ़ एक बड़ी चुनौती के रूप में आकर खड़ी है। दिल्ली में यमुना नदी के रौद्र रूप के चलते जबरदस्त बाढ़ आ गयी है, शहर की कॉलोनियों में जल भराव की गंभीर समस्या खड़ी हो गयी है। जिसके बाद से ही देश में दिल्ली की बाढ़ पर राजनेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का बहुत ही जबरदस्त सियासी घमासान मचा हुआ है। दिल्ली की राजनीति में सक्रिय कोई भी राजनीतिक दल आपदा के इस अवसर पर अपनी सियासत चमकाने में पीछे नहीं रहना चाहता है। लेकिन हर वर्ष देश में कहीं ना कहीं बाढ़ की मार झेलने वाले आम आदमी के बीच देश में बाढ़ से बचाव के उचित प्रबंधन क्यों नहीं है, इस ज्वलंत मुद्दे के बारे में चर्चा हो रही है, लोग बाढ़ प्रबंधन को समय की मांग बता रहे हैं। वैसे भी देखा जाए तो संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं के कारण औसतन वार्षिक आर्थिक हानि 9.8 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें से अकेले ही 7 अरब डॉलर से अधिक का बहुत बड़ा नुकसान तो देश में समय-समय पर आने वाली बाढ़ के कारण ही हो जाता है, जो स्थिति हम सभी के लिए बेहद चिंताजनक है और जिस पर हमें व हमारे देश के सिस्टम को समय रहते लगाम लगाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने चाहिए, क्योंकि भारत जैसे गरीब देश के लिए हर वर्ष इतनी बड़ी आर्थिक क्षति से मुक्ति पाना बेहद जरूरी है। वैसे भी जब से देश में अंधाधुंध अव्यवस्थित शहरीकरण तेजी से बढ़ा है तब से शहरी क्षेत्रों में जरा सी बारिश के बाद ही बाढ़ जैसा माहौल बन जाना एक आम बात होती जा रही है। इसके चलते ही पिछले कुछ वर्षों से जरा भी तेज बारिश के बाद ही दिल्ली के साथ देश के अन्य शहरों में बाढ़ जैसी गंभीर समस्या तत्काल उत्पन्न हो जाती है। देश में अचानक से आई बाढ़ पलक झपकते ही अपने रास्ते में आना वाले जान-माल सभी कुछ को जल प्रवाह के द्वारा लील कर अपने साथ बहाकर ले जाने के लिए तत्पर नज़र आती है। हालांकि वास्तव में बाढ़ नदी के पानी का वह अतिप्रवाह है, जिसमें आमतौर पर सूखी रहने वाली भूमि भी डूब जाती है और नदी किनारे के क्षेत्रों में बाढ़ आने पर परिस्थितियाँ अचानक से गंभीर नहीं हो जातीं, लोगों को बाढ़ से जान-माल के बचाव करने का भरपूर समय मिलता है। वैसे भी किसी भी नदी का जैसे-जैसे
देहरादून । उत्तराखंड में आज (शुक्रवार) को भी नहीं होगा मौसम में सुधार। देहरादून के साथ ही 7 जिलों में झमाझम बारिश की आशंका जताई जा रही है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कल यानी 22 जुलाई को उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार के लिए मौसम विभाग ने बारिश का ऑरेंज और अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इन सात जिलों में बिजली चमकने और तेज गर्जन के साथ कई दौर की बौछार वाली बारिश होने की आशंका है। जबकि अन्य जिलों में तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
देहरादून । 16 लोगों की मौत के जिम्मेदार आरोपियों के खिलाफ अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्तर से कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर मुख्य महाप्रबंधक, उत्तराखंड जल संस्थान ने अपर सहायक अभियन्ता हरदेव लाल और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक ने प्रभारी अवर अभियन्ता विद्युत वितरण खंड गोपेश्वर, कुन्दन सिंह रावत को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। इस सम्बन्ध में गुरुवार को जारी आदेश में मुख्य महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया है कि प्रथम दृष्ट्या अपर सहायक अभियन्ता हरदेव लाल द्वारा विभागीय कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते जाने का दोषी पाया गया है। हरदेव के पास एसटीपी का संचालन एवं रखरखाव करने वाली फर्म के कार्यों के समुचित अनुश्रवण का दायित्व था।
सुलतानपुर, तीन दिवसीय दौरे पर जिले में पहुंची पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद मेनका...
गाजीपुर।संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य) ने संचारी रोग नियंत्रण व दस्तक अभियान का जाना हाल सदर...
देहरादून फर्जी कागजात बनाकर दूसरे की जमीन का सौदाकर साढ़े चार करोड़ रुपये हड़पने वाले गिरोह के एक और सदस्य को क्लेमेंटटाउन पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी शातिर किस्म का अपराधी है। उसके खिलाफ मेरठ में कई मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह के एक सदस्य को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। क्लेमेंटटाउन एसओ शिशुपाल राणा ने बताया कि बीती 17 मई को अशोक अग्रवाल निवासी लक्ष्मणझूला जिला पौड़ी गढ़वाल ने तहरीर दी थी। बताया था कि उनके परिचित विजय कुमार गुप्ता एवं राधावल्लभ गुप्ता को भटनागर एवं वर्मा नाम के व्यक्तियों ने जमीन के सौदे के लिए रोहित पांडे और समीर कामयाब से मिलवाया। उन्होंने क्लेमेंटटाउन में मुख्य सहारनपुर रोड पर जमीन दिखाई। इसकी डील 11.50 करोड़ रुपये में तय की गई। इसके बाद उन्होंने 25 लाख बयाने के रूप में समीर कामयाब के खाते में और 5 लाख रुपये रोहित पांडे को नकद दे दिए। रोहित पांडे ने बताया था कि उक्त संपत्ति समीर की मां फातिमा बेगम के नाम है। जमीन के कागजात वकील को दिखाने के बाद समीर कामयाब ने उनके नाम रजिस्ट्री कराई। इसके बाद उन्होंने समीर कामयाब के खाते में कुल 2 करोड़ 40 लाख और एक करोड़ 85 लाख रुपये विजय सारस्वत और रोहित पांडे को नकद दिए। जब कब्जा दिलाने के लिए कहा तो आरोपी टालमटोल करने लगे। तहरीर के बाद समीर कामयाब, फातिमा, रोहित पांडे आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और आरोपी समीर कामयाब को अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, बुधवार को आरोपी रोहित पांडे को उसके मूल निवास पल्लवपुरम फेज-एक कैंट मेरठ से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जमीन पर भूमाफिया जमाए हैं नजरें सहारनपुर रोड से लगी उक्त जमीन डीके मित्तल निवासी क्लेमेंटटाउन की है। एसओ शिशुपाल राणा ने बताया कि डीके मित्तल और उनकी पत्नी सुशीला मित्तल की मृत्यु 2021 में कोरोना के दौरान हो गई। उनका कोई वारिस न होने के कारण भूमाफिया जमीन पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। पूर्व में भी उक्त जमीन का बाबर हुमायूं नाम के व्यक्ति ने फर्जी दानपत्र के माध्यम से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर नौ बार बेचा था। इस संबंध में डीके मित्तल ने भी वर्ष 2021 में मुकदमा दर्ज कराया था।