May 20, 2024

देश विदेश

शिमला हिमाचल प्रदेश में पहली बार जुलाई में बादल झमाझम बरस रहे हैं। 1 से 21 जुलाई तक प्रदेश में अभी तक सामान्य से 115 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। कुल्लू, किन्नौर, शिमला, सोलन, सिरमौर में भारी बारिश दर्ज हुई है। बीते 19 वर्षों में 16 बार जुलाई में सामान्य से कम बरसात हुई है। सिर्फ तीन बार वर्ष 2005, 2021 और 2022 में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। इस दौरान सामान्य से सिर्फ चार से सात फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार बीते कई वर्षों के दौरान जुलाई के पूरे माह में इतनी बारिश नहीं हुई है। जितनी इस बार 21 जुलाई तक हो गई है। इस माह के अंत तक बारिश का आंकड़ा और अधिक पहुंचने के आसार हैं। इस माह के दौरान किन्नौर में सामान्य से 274 फीसदी, कुल्लू में 242, शिमला में 222, सिरमौर में 187, सोलन में 179, बिलासपुर में 135, चंबा में 99, हमीरपुर में 82, लाहौल स्पीति में 71, मंडी में 73, ऊना में 66 और कांगड़ा जिला में 41 फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। एक से 21 जुलाई तक प्रदेश में 354 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जबकि इस अवधि के लिए 165 मिलीमीटर बारिश को सामान्य माना गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस बार जुलाई के दौरान मानसून सक्रिय रहा है। आने वाले एक सप्ताह तक भारी बारिश का दौर जारी रहने का पूर्वानुमान है। मानसून सीजन में अभी तक 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज प्रदेश में 24 जून को मानसून ने प्रवेश किया है। 24 जून से 21 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 78 फीसदी अधिक बारिश दर्ज हो चुकी है। प्रदेश में 475 मिलीमीटर बारिश हुई है। सितंबर अंत तक मानसून प्रदेश में सक्रिय रहेगा। ऐसे में बारिश की मात्रा और अधिक बढ़ने का पूर्वानुमान है। पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान प्रदेश में इस बार पुराने मानसून सीजनों का रिकॉर्ड टूटने का पूर्वानुमान है। प्रदेश में मानसून को आए सिर्फ एक माह हुआ है। पूरे सीजन की करीब 40 फीसदी बारिश इस दौरान हो चुकी है। आने वाले ढाई माह में और अधिक बारिश होने पर पुराने रिकॉर्ड टूटने की संभावना बन गई है। साल 2011 से 2022 तक हर बार मानसून सीजन के दौरान सामान्य से कम बारिश ही हुई है।
नई दिल्ली । MG Motor भारत में कुछ सालों पहले ही आई है और फीचर लोडेड गाड़ी बेचने की वजह से इसे अलग ही प्यार मिला है। हाल ही में एमजी ने कॉमेट ईवी को इंडियन मार्केट में लॉन्च किया है, जो पिछले महीने देश में सबसे अधिक बिकने वाली इलेक्ट्रिक कारों की लिस्ट में टॉप पर रही है। वहीं अपने ईवी पोर्टोफोलियो को बढ़ाने के लिए कंपनी ने हाल ही में एक माइक्रो ईवी के लिए डिजाइन पेटेंट फाइल किया है। एमजी मोटर का नया माइक्रो-ईवी डिजाइन पेटेंट दायर किया गया है। सुपर-कॉम्पैक्ट और सुंदर दिखने वाले एमजी कॉमेट ईवी की तुलना में नए एमजी छोटे ईवी का प्रोफाइल अधिक मजबूत है। इसमें एक पारंपरिक एसयूवी का आकार है, हालांकि डॉयमेंशन इसके छोटे हैं। हालांकि कंपनी के ओर से इस अपकमिंग ईवी के बारे में कोई भी ऑफिशियल जानकारी सामने नहीं आई है। MG का फ्यूचर प्लान? इंडियन मार्केट में एमजी मोटर का लक्ष्य अगले कुछ सालों में अपनी कुल ब्रिकी में 60 प्रतिशत से अधिक योगदान देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की ब्रिकी को बढ़ावा देगी। कॉमेट ईवी भारत में एमजी मोटर की ओर से दूसरी पूरी तरह से इलेक्ट्रिक कार है। वाहन निर्माता कंपनी अगले पांच सालो में कई नए इलेक्ट्रिक मॉडल लॉन्च करने की योजना बना रही है, जिसमें से हालिया पेटेंट किया गया माइक्रो ईवी भी शामिल है। कंपनी ने किया 5 करोड़ का निवेश इसको पूरा करने के लिए एमजी मोटर ने 5,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना की घोषणा की है। इसके साथ ही कंपनी संयुक्त उद्यम के माध्यम से हाइड्रोजन फ्यूल-सेल तकनीक का भी पता लगाएगी। आपको बता दें, अभी कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया है कि वह अगले कुछ सालो में भारत में कौन से मॉडल लॉन्च करेगी।
घर बैठे खुद से चेंज कर सकते हैं इंजन ऑयल, बस इन स्टेप्स को करना होगा फॉलो जैसा की आप जानते है की तेल इंजन के महत्वपूर्ण हिस्सा को चिकनाई देता है ये गंदगी और कार्बन कणों से खराब हो जाता है। ये ऑयल गंदगी को हटाने में मदद करता है जो थोड़ी देर में इंजन में जमा हो जाता है। ऑयल बदलने से इंजन साफ रहता है। अब इसको खुद से चेंज कैसे करते हैं इसकी जानकारी इस खबर के माध्यम से आपको मिल जाएगी। नई दिल्ली, ऑटो डेस्क। समय पर ऑयल को बदल लेने से बाइक की लाइफ लंबी चलती है। आपको बता दें, अगर आपकी गाड़ी का इंजन ऑयल बढ़िया होगा तभी आपके गाड़ी लंबे समय तक चल पाएगी। कभी भी लोकल या खराब इंजन ऑयल का प्रयोग न करें। हमेशा सही ऑयल का ही चयन करें। अब सवाल आता है कि ये काम घर बैठे कैसे कर सकते हैं तो उसके बारे में हम इस खबर के माध्यम से बताने जा रहे हैं ताकि आप खुद से इंजन ऑयल को बदल सकें। घर बैठे इंजन ऑयल को चेंज करना है तो फॉलो करें ये स्टेप्स सबसे पहले एक बाइक के मैनुअल पुस्तिका के अनुसार सही इंजन ऑयल का चुनाव करें । उसको अपने पास लाकर रख लें। उसके बाद आप इंजन ऑयल के पास लगे कैप को हटाएं, अमूमन 2 जगह पर ये कैप दिया गया होता है, एक जगह जहां से इंजन ऑयल निकलता है और दूसरी जगह उपर साइड होता है जहां से इंजन ऑयल को डालना होता है। अब आप बाइक के इंजन के नीचे कोई बर्तन को लगा दें, उसके बाद नीचे दी गई कैप को खोल दें, अब आप देखेंगे कि पुराना काला इंजन ऑयल धीरे-धीरे करके बर्तन में गिर रहा होगा। जब पूरा इंजन ऑयल नीचे रखे बर्तन में गिर जाए तो आप उस कैप को बंद कर दें और अब उपर लगे इंजन ऑयल कैप को खोल कर ब्रांड न्यू इंजन ऑयल को डाल दें। पूरा भर जानें के बाद आप गाड़ी को मेन स्टैंड पर लगा कर स्टार्ट करके चेक कर लें कि कही लिकेज तो नहीं है। अगर सब कुछ ओके है तो गाड़ी के इंजन को एक साफ कपड़े से साफ करके अब बाइक को इस्तेमाल कर सकते है। किस काम में आता है इंजन ऑयल ? जैसा की आप जानते है की तेल इंजन के महत्वपूर्ण हिस्सा को चिकनाई देता है, ये गंदगी और कार्बन कणों से खराब हो जाता है। ये ऑयल गंदगी को हटाने में मदद करता है, जो थोड़ी देर में इंजन में जमा हो जाता है। ऑयल बदलने से इंजन साफ रहता है।
बिलासपुर नेशनल हाईवे चंडीगढ़-मनाली पर शनिवार सुबह स्वारघाट के समीप धारकांशी में सुबह साढ़े चार बजे एक दिल्ली नंबर की कार गहरी खाई में गिर गई। हादसे में कार (DL 3 CCT 5269) सवार तीनों लोगों की मौत हो गई है। मृतकों की पहचान सचिन और उसका दोस्त पिंटू व खुशी के तौर पर हुई है। सभी नोएडा दिल्ली निवासी बताए जा रहे हैं। घटनास्थल पर ही तीनों ने दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि कार अनियंत्रित होकर सड़क से लुढ़क कर करीब 500 फीट नीचे गहरी खाई में जा गिरी। घटना की सूचना मिलते ही स्वारघाट थाना के पुलिस प्रभारी राजेश वर्मा और उनकी टीम के एएसआई मनसू राम, हवलदार रिंपी, और एनडीआरएफ स्वारघाट की टीम को गहरी खाई से शव निकालने के लिए कड़ी मशक्क्त करनी पड़ी।
(शिमला)/चंबा/कुल्लू हिमाचल प्रदेश में चार दिनों तक भारी बारिश का येलो व ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 जुलाई के लिए बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। 23 से 25 जुलाई के लिए ऑरेंज अलर्ट है। उधर, शिमला के रोहड़ू में छौहारा विकास खंड की कलोटी खड्ड में बादल फट गया। चिड़गांव तहसील के लैला में तीन लोगों के मलबे में दबने की खबर है। जगोटी गांव के रोशन लाल और उनकी धर्म पत्नी भागा देवी लैला में ढाबा चलाते थे। बीती रात उनका पोता कार्तिक भी उनके साथ लैला में ही था। लैला खड्ड में आए भारी फ्लड में ढाबा बह गया। जिसके बाद तीनों लापता हैं। पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ जेसीबी की मदद से राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया है। कुल्लू जिले की गड़सा घाटी में बादल फटने का समाचार है। भलाण एक पंचायत के खोड़ाआगे में शुक्रवार शाम को बादल फटा है। बादल फटने से नाले में बाढ़ आ गई। भूस्खलन के चलते खोड़ाआगे गांव के 30 मकानों को खाली कर दिया गया है। गड़सा-खोड़ाआगे सड़क बाढ़ में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। बादल फटने के बाद गांव के लोगों में दशहत का माहौल है। भलाण एक पंचायत प्रधान कोयला देवी ने कहा कि पालगी से नीचे ओर खोड़ाआगे में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। सिरमौर जिले के नाहन में सीजेएम आवास के पास शिमला रोड पर सड़क के किनारे भूस्खलन हुआ है। यहां पार्क की गईं दो गाड़ियां डंगे से नीचे गिर गईं। मुख्य सड़क यातायात के लिए सुचारू है। वहीं, चंबा जिले के भरमौर और भटियात उपमंडल के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद रहेंगे। जिला प्रशासन ने स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने के आदेश जारी किए हैं। जिले में सुबह से हो रही मूसलाधार बारिश के चलते यह फैसला लिया गया है। मौसम केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में चल रही वर्षा गतिविधि में आज से अगले 48 घंटों के लिए वृद्धि होने की संभावना है। अगले 24 से 48 घंटों के दौरान चंबा, कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, सोलन और सिरमौर जिले के कुछ क्षेत्रों में बहुत भारी बारिश की संभावना है। वहीं, ऊना, हमीरपुर, किन्नौर और लाहौल जिले में भारी बारिश की संभावना है। इस अवधि के दौरान प्रदेश के निचले और मध्य पर्वतीय जिलों में चार दिनों तक भारी बारिश हो सकती है। अगले 4 से 5 दिनों के दौरान औसत अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य रहने की संभावना है। प्रदेश के कई भागों में 27 जुलाई तक बारिश का सिलसिला जारी रहने के आसार हैं।
देहरादून उत्तरकाशी के बड़कोट में यमुनोत्री घाटी में रातभर मूसलाधार बारिश के चलते यमुना नदी और नाले उफान पर हैं। यमुनोत्री हाईवे जगह-जगह मलबा, बोल्डर और दलदल होने से आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग धरासू बैंड और गंगनानी के पास मलबा और पत्थर आने के कारण मार्ग बाधित है। जिसके बाद उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पर्यटकों और स्थानीय लोगों सहित बड़ी संख्या में यात्री फंसे हुए हैं। वाहन मलबे में फंसे हुए हैं, जिससे यात्री परेशान हैं। एनएच बड़कोट के द्वारा मार्ग खोलने का प्रयास किया जा रहा है। उधर, पुरोला इलाके में आधी रात से मूसलाधार बारिश हो रही है। छाड़ा खड में बादल फटने की आशंका है। धान के रोपे खेतों को भारी भूकटाव हुआ है। इससे आवासीय भवनों को खतरा है।  छाडा खंड में उफान से तीन छोटी गाड़ी और बाइक बहने की खबर है। उत्तरकाशी प्रशासन के मुताबिक, छटांगा समेत कई जगहों पर यमुनोत्री हाईवे अवरुद्ध हो गया है, स्थिति का जायजा लेने के लिए एक तहसीलदार को भेजा गया है। उत्तरकाशी जिले के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि बड़कोट क्षेत्र में गंगनानी के पास भारी बारिश के कारण यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर काफी मलबा और पत्थर आ गए हैं। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जलजभराव हो गया। स्कूली बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा है। राहत कार्य के लिए राज्य आपदा मोचन बल और अग्निशमन विभाग की एक-एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। उधर, लगातार बारिश जारी रहने की वजह से चमोली जिले के पास बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी मलबा गिरने के कारण तीन स्थानों पर अवरुद्ध हो गया। अधिकारियों के अनुसार, इस घटना के कारण बड़ी संख्या में यात्री राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों ओर घंटों तक फंसे रहे। चमोली पुलिस ने शनिवार सुबह एक ट्वीट में कहा कि बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नंदप्रयाग, बेलाकुची और पागलनाला में मलबा आने के कारण सड़क मार्ग अवरुद्ध है। मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले 24 घंटों में देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी और नैनीताल में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली के साथ भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को हरिद्वार जिले के दमकोठी में जलभराव के संबंध में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उच्च अधिकारियों को भी लगातार स्थिति पर नजर रखने को कहा है। गंगनानी के पास यमुनोत्री हाईवे को खोलने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन मौसम खराब होने के कारण प्रशासन की चिंता बढ़ रही है। उधर ओजरी डाबरकोट में पत्थर मलबा बोल्डर लगातार
नयी दिल्ली। रिलायंस समूह की डिजिटल सेवा कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स का अप्रैल-जून तिमाही में ग्राहक आधार बढ़ने और बेहतर औसत राजस्व मिलने से शुद्ध लाभ सालाना आधार पर 12.5 प्रतिशत बढ़कर 5,098 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान तिमाही में जियो प्लेटफॉर्म्स का शुद्ध लाभ 4,530 करोड़ रुपये रहा था। जियो प्लेटफॉर्म्स में रिलायंस की दूरसंचार इकाई जियो इन्फोकॉम, कुछ स्टार्टअप और संगीत एवं वीडियो स्ट्रीमिंग ऐप शामिल हैं। शुक्रवार को घोषित तिमाही नतीजों के मुताबिक, अप्रैल-जून की अवधि में इसकी परिचालन आय 11.3 प्रतिशत बढ़कर 26,115 करोड़ रुपये हो गई जबकि साल भर पहले की समान अवधि में यह 23,467 करोड़ रुपये थी। इस तिमाही में 90 लाख शुद्ध ग्राहक जुड़े और कुल डेटा ट्रैफिक 28 प्रतिशत बढ़कर 33.2 अरब गीगाबाइट हो गया। प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू)
रायपुर। भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए निर्धारित उपायों का पालन नहीं किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को विधानसभा में कैग की यह रिपोर्ट पेश की। इसमें राज्य के खनन विभाग को पर्याप्त जनशक्ति और निरीक्षण के उचित रिकॉर्ड का रखरखाव करके निर्धारित मानदंडों के अनुरूप खदानों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने की बात कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ कोयला, लौह अयस्क और डोलोमाइट जैसे प्रमुख खनिजों का अग्रणी उत्पादक है और इसमें बॉक्साइट और चूना पत्थर के भी काफी भंडार हैं। राज्य में 37 प्रकार के लघु खनिज पाये जाते हैं। एक अप्रैल, 2021 तक राज्य में कुल 1,957 लघु खनिज खदान पट्टे स्वीकृत किए गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015-16 से 2020-21 के दौरान गौण खनिज से राज्य सरकार को प्राप्त रॉयल्टी 1,438.67 करोड़ रुपये थी। यह खनन से कुल राजस्व प्राप्तियों 30,606.89 करोड़ रुपये का 4.70 प्रतिशत थी। ऑडिट रिपोर्ट कहती है कि छत्तीसगढ़ में अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए खनन विभाग द्वारा निर्धारित उपायों का अनुपालन नहीं किया जा रहा था। खदान पट्टों के व्यापक डेटाबेस का अभाव होने के साथ खदान पट्टा क्षेत्र के सीमांकन को इंगित करने के लिए सीमा स्तंभ/ सीमा चिह्न भी गायब थे। इस वजह से स्वीकृत पट्टा क्षेत्रों से इतर की खनन गतिविधियों की पहचान नहीं हो पाई। खनिजों के अवैध परिवहन को रोकने के लिए स्थापित चेक पोस्टों की संख्या अपर्याप्त पाई गई और स्थापित चेक पोस्ट भी तौल-कांटे की सुविधा से लैस नहीं थे। रिपोर्ट के मुताबिक, विभाग के प्रशासकीय प्रतिवेदन के अनुसार, खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण के नए पंजीकृत मामलों की संख्या वित्त वर्ष 2015-16 के 3,756 से बढ़कर वित्त वर्ष 2020-21 में 5,410 हो गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि रेत खनन की निगरानी में कमी पाई गई और विभाग रॉयल्टी की चोरी और पर्यावरण मंजूरी शर्तों के गैर अनुपालन को रोकने में विफल रहा। कैग ने सुझाव दिया कि शासन को सतत रेत खनन तरीकों को अपनाना चाहिए और पर्यावरण मंजूरी की शर्तों और नियमों का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए रेत खनन गतिविधियों की नियमित निगरानी के लिए निर्देश भी देने चाहिए।
एसयूवी बनाने के लिए मशहूर भारत की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी Mahindra (महिंद्रा) अब अमेरिका में अपनी Roxor (रॉक्सर) ऑफ-रोडर को बेच सकेगी। फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल्स (एफसीए) ग्रुप (स्टेलेंटिस) ने डिजाइन उल्लंघन के मामले में अदालत में मुकदमा किया था। जिस पर अदालत ने भारतीय कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया है। एफसीए ग्रुप ने अपने Jeep (जीप) मॉडल के साथ डिजाइन में समानता के कारण रॉक्सर की बिक्री को रोकने के लिए एक मुकदमा दायर किया था। क्या है मामला Fiat Chrysler Automobiles NV (फिएट क्रिसलर ऑटोमोबाइल्स एनवी) ने पहली बार 2019 में मामला दर्ज किया था जब एफसीए ने दावा किया था कि महिंद्रा रॉक्सर के डिजाइन ने जीप से ट्रेडमार्क-प्रोटेक्टेड कंपोनेंट्स की नकल की थी। वाहन निर्माता ने मिशिगन में और अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार आयोग (आईटीसी) के सामने महिंद्रा के खिलाफ मुकदमा दायर किया। इसकी वजह से महिंद्रा ने अमेरिका में रॉक्सर की बिक्री तब तक बंद कर दी जब तक कि अदालत ने उसे डिजाइन में बदलाव करने का निर्देश नहीं दिया। अपनी फाइलिंग में, एफसीए ने शिकायत की थी कि रॉक्सर जीप की “लगभग एक जैसी कॉपी” है, जिसमें कुछ डिजाइन एलिमेंट्स हैं जैसे “फ्लैट दिखने वाले वर्टिकल साइड के साथ बॉक्सी बॉडी साइज और हुड के समान ऊंचाई पर खत्म होने वाली रियर बॉडी।” महिंद्रा ने क्या कहा एक नियामक फाइलिंग में, महिंद्रा ने कहा, “मिशिगन के पूर्वी जिला न्यायालय ने 19 जुलाई,...
भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष लखनऊ स्थित पार्टी के मुख्यालय पर पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर रणनीति पर चर्चा हो रही है। महामंत्री संगठन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में कोर कमेटी की बैठक में सरकार और संगठन के बीच समन्वय के साथ चुनावी मुद्दों पर मंथन भी करेंगे। बीएल संतोष का मुख्य फोकस लोकसभा चुनाव में हारी हुई 16 सीटें हैं जिसके विस्तारक और प्रभारी बैठक में शामिल हुए हैं। बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी और प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह भी मौजूद हैं।