November 24, 2024
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भदोही। 90 के दशक में कालीन उद्योग फल फूल रहा था लाखो लोगो को इस उद्योग से रोजगार मिलते रहे लेकिन अब यह उद्योग की हालत दिन ब दिन दयनीय होती जा रही है इसका मुख्य कारण सरकार से मिलने वाली सुविधाएं धीरे-धीरे खत्म हो जाना और भदोही में जो कालीन का हब माना जाता है सुविधाओ का न होना भी है। उक्त बातें ईस्टर्न मिल्स प्रा0 लि0 के संस्थापक वरिष्ठ कालीन निर्यातक ज़फ़र बाबू अंसारी ने सरकार का ध्यान उद्योग पर आकृष्ट कराते हुए कहा। श्री अंसारी ने कहा कि कालीन उद्योग को बढ़ावा देने लिए भदोही में अत्यंत आवश्यकता एक इंडस्ट्रियल जोन की स्थापना हो जिसमे निर्यातकों को कताई व रंगाई के लिए इधर-उधर भटकना न पड़े। वहीं भदोही में उत्तर प्रदेश सरकार स्पिनिंग मिल व डाइंग हाउस को इंडस्ट्रियल जोन में लगाएं जो कि कार्पेट के उत्पाद में 60 फीसदी रोल अदा करता है। इसके स्थापना से लघु एवं मध्यम उद्योग को काफी लाभ पहुंच सकता है। उन्होंने कहा कि भदोही में आईसीडी है जो कंटेनर की उपलब्धता न होने की वजह से बंद पड़ा है यदि उत्तर प्रदेश सरकार औधोगिक क्षेत्र भदोही में 10-15 किलोमीटर के रेंज में केवल स्पिनिंग मिल और डाइंग हाउस की स्थापना कर दे तो कालीन उद्योग को बढ़ावा व अधिक से अधिक लाभ पहुंच सकता है। और इसमें कम से कम 8 से 10 हजार लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकता है। श्री अंसारी ने कहा कि कालीन बनाने के लिए जो कच्चा उल आता है वह न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की तथा अरब देशों से सीधे बीकानेर, बियावर व अन्य जगहों पर जाता है जहां से धागा बन कर भदोही भेजा जाता है जिसमे बेवजह भाड़ा बढ़ जाता है और समय की बर्बादी भी होती है। कहा कि विदेश से कंटेनर द्वारा कच्चा उल बीकानेर आता है और वहां से कंटेनर खाली ही वापस जाता है इसलिए कि बीकानेर से निर्यात का कोई काम नही होता अगर वही कच्चा माल भदोही में डायरेक्ट आता है तो उससे कालीन का निर्माण कर सीधे विदेशों में निर्यात किया जा सके। कहा भदोही में कंटेनर डायरेक्ट आए तो उसी कंटेनर से माल भर कर निर्यात होगा जिससे कि ट्रांसपोटेशन की लागत कम होगी और आईसीडी पूरी तरह से सफल भी होगी। भदोही में आईसीडी की उपलब्धता से उद्योग को चारचांद लग जायेगी। श्री अंसारी ने सीईपीसी के नवनिर्वाचित सभी सदस्यों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि जीते हुए सभी लोग उद्योग को जीवित रखने के लिए सरकार से भदोही में स्पिनिंग मिल और डाइंग हाउस की स्थापना कराएं और इंडस्ट्रियल जोन की स्थापना को लेकर सरकार से बात करें और डाइंग हाउस व स्पिनिंग मिल को इंडस्ट्रियल जोन में ही लगा कर लघु एवं मध्यम उद्योग को लाभ पहुंचाने का काम करें।

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