रिसिया/बहराइच l प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली के व्यापार को रोकने एवं विभिन्न माध्यमों से मिल रही शिकायतों पर जिलाधिकारी मोनिका रानी द्वारा प्राप्त निर्देश के क्रम में मत्स्य विभाग व पुलिस की संयुक्त टीमें गठित की गई हैं। इसी क्रम में मुखबिर से सूचना मिली कि प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली पिकअप वाहन से लहरपुर सीतापुर के मार्ग से सिसैया खीरी के रास्ते जनपद बहराइच को लाई जा रही है। इस पर सहायक निदेशक मत्स्य डा जितेंद्र कुमार ने ज्येष्ठ मत्स्य निरीक्षक बाबूराम व पुलिस उ0 नि0 दिनेश बहादुर सिंह, उ0 नि0 आशुतोष सिंह मय का0 गौरव कुमार, का0 अमित कुमार का0 जितेन्द्र यादव की मदद से पिकअप को रोककर चेक किया गया। उक्त वाहन पर लदी मछली पाई गई। इस दौरान चालक ने अपना नाम आशीष कुमार पुत्र श्री सुग्रीव प्रसाद निवासी ग्राम हिलालपुर थाना लहरपुर जिला सीतापुर बताया। पूछताछ करने पर चालक द्वारा बताया गया कि मैं उक्त माल को मैं लहरपुर सीतापुर से लादकर नानपारा बहराइच लाया जा रहा था । इस वाहन मे कुल साढे नौ कुन्टल मछली है। इस पर जांच टीम ने उक्त वाहन मे लदी मछली को देखकर प्रतिबंधित थाई मांगुर मछली होने की पुष्टि की तथा सूचना देने पर मौके पर पहुंचे उप जिलाधिकारी मिहीपुरवा, तहसीलदार मिहीपुरवा अम्बिका चौधरी की उपस्थिति में उक्त थाई मांगुर मछली को गड्ढा खोदवाकर सम्पूर्ण थाई मांगुर मछली का विनष्टीकरण कराया गया। बरामद मछली की अनुमानित कीमत करीब एक लाख है। विनष्टीकरण की फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी करायी गयी। सहायक निदेशक मत्स्य ने बताया कि ग्रीन ट्रिब्यूनल और भारत सरकार ने वर्ष 2000 में विदेशी थाई मांगुर मछली को प्रतिबंधित कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस मछली के खाने से कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी बीमारियां जनित होती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिबंधित मछली विक्रेताओं की सूचना यदि किसी को मिलती है तो वह विभाग को सूचित करे। उसका नाम गोपनीय रहेगा।