ललितपुर- राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर जनपद में सामु स्वा केन्द्र / प्रा स्वा केन्द्र / आयुष्मान आरोग्य मन्दिर एवं जनपद स्तर पर डेंगू दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता गोष्ठियों का आयोजन किया गया जिनमें डेंगू रोग के कारण, लक्षण एवं बचाव के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गयी जनपद स्तरीय बैठक में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा इम्तियाज अहमद द्वारा अवगत् कराया गया कि डेंगू बुखार एक वायरल बुखार है, जिसमें बुखार के साथ कुछ लक्षण जैसे-बुखार के साथ तेज सिर दर्द, मांस पेशियों में दर्द, आँखों के पीछे दर्द, त्वचा पर चकत्ते पडना एवं उल्टी आदि भी हो सकते हैं।जिला मलेरिया अधिकारी मुकेश जौहरी ने बताया कि बुखार आने पर घबडायें नहीं तथा रोगी को निकट के सरकारी अस्पताल में निशुल्क उपचार दिलवायें। डेंगू के लिए कोई खास दवा या वैक्सीन नहीं है, बुखार उतारने के लिए एवं अन्य दवाईयां चिकित्सक की सलाह से ही लें। सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क जाँच की सुविधा उपलब्ध है। इसमें विशेष रूप से प्लेटलेट्स कम होने पर ही स्थिति बिगडने की सम्भावना होती है। बुखार आने पर किसी भी नीम हकीम से उपचार कदापि न लें। केवल प्रशिक्षित चिकित्सक से ही उपचार करायें। डेंगू एडीज एजिप्टाई मच्छर द्वारा काटने से होता है, इस मच्छर पर काली सफेद धारियां होती हैं, इसलिये इसे टाइगर मॉस्कीटो भी कहते हैं डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ सौरभ सक्सेना ने बताया कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है। अतः घर के आस-पारा पानी जमा नहीं होने दें। पानी की टंकी, कूलर, पशु पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फिज की ट्रे, गमले, आदि का पानी नियमित रूप से बदलते रहें। नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायर आदि में पानी एकत्रित न होने दें एवं ऐसे पात्रों को नष्ट कर दें। पानी के भरे हुए बर्तनों एवं टंकियों को ढक कर रखें। डेंगू का मच्छर दिन में काटता है। अतः ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिकतम भाग ढका रहे।