बिजनौर। कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा विदुर सभागार में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने जनपद में पड़ने वाली गर्मी, गर्म हवा एवं लू के प्रकोप से बचाव के उपाय बताए । जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल के निर्देशानुसार अपर ज़िलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अरविंद कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में उपस्थित अधिकारियों को उनके द्वारा हीट वेव से बचाव के विभागवार दायित्व के निर्देशन दिए गए हैं। जो जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एडवाइजरी जारी कर लू से बचाव के उपाय, लक्षण एवं उपचार आदि के बारे में विस्तार से बताया गया ।
अपर जिलाधिकारी ने कहा कि जन-सामान्य लू से बचाव को लेकर बताये गए उपायों को अमल में लाकर अपना बचाव करें। प्रभारी एवं नोडल अधिकारी आपदा अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि हीटवेब (लू) से बचाव के लिए संबंधित विभागों को पूरी तरह से तैयार रहने की आवश्यक है। तथा उससे संबंधी एहतियातें बरतें और सुरक्षात्मक उपायों को अपनाये।
जिला आपदा विशेषज्ञ प्रशांत श्रीवास्तव ने बचाव की जानकारी देते हुए कहा कि गर्मी के हवाओं से बचने के लिए खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एलुमिनियम पन्नी एवं गत्ते इत्यादि से ढककर रखें। ताकि बाहर की गर्मी को अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिड़कियों व दरवाजों पर, जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आतीं हैं। काले परदे लगाकर रखना चाहिए। स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को रेडियो व अन्य संसाधनों के माध्यम से सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सजग रहें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें।
बच्चों तथा पालतू जानवरों को कभी भी बन्द वाहन में अकेला न छोड़ें। जहां तक सम्भव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के ताप से बचें। सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभव हो घर की निचली मंजिल पर रहें। तथा संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। मादक पेय पदार्थों का सेवन न करें। घर से बाहर जाने पर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें
उन्होंने बचाव के बारे में बताते हुए कहा कि धूप में खड़े वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरों को न छोड़ें। खाना बनाते समय घर के खिड़की दरवाजे आदि खुले रखें, जिससे हवा का आना जाना बना रहे। तथा नशीले पदार्थों, शराब अथवा अल्कोहल से बचें। उच्च प्रोटीनयुक्त खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें । तथा बासी भोजन का कतई भी इस्तेमाल न करें, इसके साथ ही संतुलित व हल्का आहार लें। दोपहर के समय यदि बहुत आवश्यक हो तभी धूप में घर से बाहर निकलें। अन्यथा धूप में जाने से बचें और यदि जाना ही पड़े तो सिर को जरूर ढकें।
घर में पेय पदार्थ जैसे लस्सी, छांछ, मट्ठा, बेल का शर्बत, नमक चीनी का घोल, नीबू पानी या आम का पना इत्यादि का प्रयोग करें। उन्होंने बताया कि अभी आगे गर्मी का प्रकोप और बढ़ेगा इसलिए गर्मी से बचाव के लिए विभिन्न उपायों को अपनाना चाहिए।
कब लगती है लू- गर्मी में शरीर के द्रव्य बॉडी फ्लूड सूखने लगते हैं। शरीर में पानी, नमक की कमी होने पर लू लगने का खतरा ज्यादा रहता है। शराब की लत, हृदय रोग, पुरानी बीमारी, मोटापा, पार्किंसंस रोग, अधिक उम्र, अनियंत्रित मधुमेह वाले व्यक्तियों को लू से विशेष बचाव करने की जरूरत है। इसके अलावा डॉययूरेटिक, एंटीस्टिमिनक, मानसिक रोग की औषधि का उपयोग करने वाले व्यक्ति भी लू से सावधान रहें।
लू के मुख्य लक्षण- गर्म, लाल, शुष्क त्वचा का होना, पसीना न आना, तेज पल्स होना, उल्टे श्वास गति में तेजी, व्यवहार में परिवर्तन, भ्रम की स्थिति, सिरदर्द, मिचली, थकान और कमजोरी का होना या चक्कर आना, मूत्र न होना अथवा इसमें कमी आदि मुख्य लक्षण हैं। इन लक्षणों के चलते मनुष्यों के शरीर के उच्च तापमान से आंतरिक अंगों, विशेष रूप से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचता है। इससे शरीर में उच्च रक्तचाप उत्पन्न हो जाता है।