रामपुरा। आने वाले दिनों में संभावित बाढ़ से निपटने हेतु प्रशासन ने तैयारी करते हुए बचाव और राहत शिविरों के सुरक्षित स्थानों का चयन कर स्थलीय निरीक्षण किया।
माधौगढ़ तहसील क्षेत्र में रामपुरा थानान्तर्गत पांच नदियों के संगम पंचनद क्षेत्र में प्रतिवर्ष बाढ़ के कारण अनेक गांव पानी से घिर कर संकटग्रस्त हो जाते हैं एवं एक दर्जन से अधिक गांव पानी से लबालब हो जाते हैं। रामपुरा क्षेत्र के नदिया पार में सिद्धपुरा, नरौल, निनावली जागीर, कदमपुरा, कूसेपुरा, हनुमंतपुरा, लक्ष्मनपुरा, बड़ी बेड़ ,छोटी बेड, भैलावली, विलौड, हुकुमपुरा, सुल्तानपुरा, जखेता सहित जायघा, भिटौरा, कंजौसा, हिम्मतपुर, मढेपुरा, गुढ़ा, बेरा, महटौली , पुरा, पुरवा आदि लगभग 30 गांव बाढ़ के पानी से गिर जाते हैं इन गांवों के लिए जाने वाला सड़क मार्ग पांच से दस फुट ऊंचे पानी में डूब जाने के कारण इन गांव का संपर्क मुख्य मार्गो व आसपास के बड़े गांव रामपुरा, माधौगढ़, जगम्मनपुर आदि से समाप्त हो जाता है। बाढ़ के दौरान स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि प्रशासन के हाथ पांव फूल जाते है एवं बचाव व राहत कार्य में लगी एनडीआरएफ टीम भी अपने को असहाय महसूस करती हैं। इस वर्ष जिलाधिकारी राजेश कुमार पांडेय ने बाढ़ आने से पूर्व संभावनाओं के आधार पर बाढ़ आपदा से निपटने हेतु बचाव एवं राहत के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए इसके लिए क्षेत्रीय अधिकारियों को राहत शिविर के लिए सुरक्षित स्थान का चयन करने एवं उनका स्थलीय निरीक्षण करने को कहा गया है। उप जिलाधिकारी माधौगढ़ सुरेश कुमार पाल एवं क्षेत्राधिकारी माधौगढ़ शैलेंद्र कुमार बाजपेई, वरिष्ठ उपनिरीक्षक रामपुरा सत्यपाल सिंह ने अपने अधीनस्थों के साथ जगम्मनपुर किला में संचालित श्री राजमाता इंटर कॉलेज सहित ग्राम मई, भीमनगर, सिद्धपुरा, निनावली जागीर, आईटीआई रामपुरा का स्थलीय निरीक्षण कर संभावित बाढ़ आपदा पीड़ितों के लिए शिविर बनाने के लिए उचित प्रबंध करने की तैयारी हेतु खाखा तैयार कर लिया है एवं निर्धारित बचाव एवं राहत शिविरों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर उप जिलाधिकारी माधौगढ़ सुरेश कुमार पाल ने बताया कि इस संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी कमर कस ली है संभावित आपदा से बचाव हेतु किए गए उपायों की तैयारी की जानकारी शासन को भेजी जाएगी।
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