यूपी: संवेदनशील सेक्टरों में विदेशी कंपनियों के हिस्सा लेने पर सशर्त रोक, केंद्र ने यूपी सरकार को दिए निर्देश
लखनऊ
राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को देखते हुए सरकार कुछ देशों को सरकारी खरीद से बाहर रख सकती है या उनपर कुछ प्रतिबंध लागू कर सकती है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।
संवेदनशील सेक्टरों मे विदेशी कंपनियों के हिस्सा लेने पर सशर्त रोक लगाई गई है। इस संबंध में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश सरकार को भी दिशा-निर्देश दिए हैं। इस पर वित्त विभाग ने शासनादेश जारी किया। पूर्व के नियमों के अनुसार, यदि सरकार का विभाग या एजेंसी किसी परियोजना के लिये बोलियां आमंत्रित करती है और इसे विदेशी बोलीदाताओं (कंपनियों/नागरिक) के लिये खोला जाता है, तो इसमें देशों के आधार पर कंपनियों के खिलाफ भेदभाव नहीं किया जा सकता।
इसे देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा संशोधन करते हुए नियम-144 (सरकारी खरीद के मूल सिद्धांत) में उप-प्रावधान 11 को जोड़ दिया गया है। इस उप-प्रावधान के अनुसार, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को देखते हुए सरकार कुछ देशों को सरकारी खरीद से बाहर रख सकती है या उनपर कुछ प्रतिबंध लागू कर सकती है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को सार्वजनिक खरीद के संदर्भ में केंद्र सरकार के आदेश को लागू करने का निर्देश दिया है।
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नए संशोधन के अनुसार, भारत के साथ थल सीमा साझा करने वाले देशों से संबंधित कंपनियों व नागरिकों को सार्वजनिक खरीद में बोली लगाने का अधिकार तभी दिया जाएगा जब वे ‘उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग’ द्वारा गठित पंजीकरण समिति के साथ पंजीकृत हों। साथ ही उनके लिये विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से क्रमशः राजनीतिक और सुरक्षा मंजूरी लेनी अनिवार्य होगी।
यह आदेश सरकार के मंत्रालयों, विभागों और अधीनस्थ निकायों के अलावा सभी स्वायत्त निकायों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के साथ सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत चल रहे उन सभी कार्यक्रमों पर लागू होगा, जिन्हें सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, केंद्र शासित प्रदेशों और इससे जुड़ी एजेंसियों से वित्तीय सहायता मिलती है।
ये हैं संवेदनशील सेक्टर
प्रिंट और डिजिटल मीडिया, परमाणु सेक्टर, रक्षा, अंतरिक्ष, टेलीकम्युनिकेशन, ऊर्जा, बैकिंग, नागरिक उड्डयन, बांध व नदी घाटी परियोजनाएं, इलेक्ट्रानिक्स, खनन, रेलवे, फार्मा, कृषि, स्वास्थ्य, शहरी ट्रांसपोर्ट, थ्री डी प्रिटिंग, डाटा टेक्नोलाजी, केमिकल टेक्नोलाजी, सूचना, सॉफ्टवेयर आदि।