November 21, 2024
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बंदला में पैराग्लाइडिंग का एडवांस प्रशिक्षण शिविर, झील के ऊपर कई करतब दिखाएंगे मानव परिंदे

बिलासपुर
शुक्रवार से बंदला की पहाड़ियों पर मानव परिंदों की अठखेलियां शुरू हो गईं। एसआईवी कोर्स के लिए महाराष्ट्र के पुणे से पैराग्लाइडिंग के शौकीन बंदला पहुंचे हैं।

विश्व प्रसिद्ध बंदला पैराग्लाइडिंग साइट पर शुक्रवार से पैराग्लाइडिंग एडवांस प्रशिक्षण शिविर शुरू हो गया है। इस शिविर में देश भर से 25 पैराग्लाइडर पायलट भाग ले रहे हैं। देश के नंबर वन एक्रो पायलट इसका प्रशिक्षण दे रहे हैं।

 

शुक्रवार से बंदला की पहाड़ियों पर मानव परिंदों की अठखेलियां शुरू हो गईं। एसआईवी कोर्स के लिए महाराष्ट्र के पुणे से पैराग्लाइडिंग के शौकीन बंदला पहुंचे हैं। इस दल में करीब 25 लोग प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। पुणे के मंतरा स्कूल के यह प्रशिक्षु प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग पायलट तान्हाजी टाकवे के मार्गदर्शन में पैराग्लाइडिंग के गुर सीखेंगे। यह प्रशिक्षण 30 सितंबर तक चलेगा। इसके बाद पुणे से ही टेंपल पायलट स्कूल के प्रशिक्षु 1 अक्तूबर से यहां पर प्रशिक्षण लेंगे। इसमें प्रशिक्षक अभि मलिक उनका मार्गदर्शन करेंगे।

कहलूर पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सन्नी ने बताया कि शिविर के लिए गोबिंद सागर झील में मोटर वोट तैनात की गई है। एक्रो पैराग्लाडिंग में पायलट आसमान में पैराग्लाइडर के साथ कई तरह के करतब करते हैं। साइट से टेक ऑफ करने के बाद मानव परिंदे पानी की झील के ऊपर कई तरह की अठखेलियां करते हैं। एक्रो सिर्फ ऐसी जगहों पर होती है जहां पर नीचे पानी हो। बंदला पैराग्लाइडिंग साइट से उड़ान भरने के बाद लैंडिंग गोबिंद सागर झील के किनारे होती है। साथ ही प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षु झील में उतरते हैं। झील होने के चलते यह साइट एक्रो के लिए सबसे बेहतर है। जिस वजह से यह विश्व की तीन एक्रो साइटों में शामिल हुई है। यहां पर अगर कोई हादसा भी हो जाए तो भी पैराग्लाइडर सीधे झील में गिरेगा। इससे उसे कोई नुकसान नहीं होगा और झील में तैनात बोट से उसे सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।

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