पीएम आवास योजना में फर्जीवाड़ा: 27 अपात्रों को लाभ…खाते में भेजे 10.80 लाख, अभी तक सिर्फ 5.35 लाख की वसूली
कानपुर प्रदेश के सभी जिलों में 2016-17 से लेकर 2023 तक 9217 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित किए गए। टॉप दस जिलों में ही 3340 अपात्रों को आवास दिए गए हैं। अपात्रों से 54.61 करोड़ की रिकवरी की जानी है। इसमें से अभी सिर्फ 35.75 करोड़ की वसूली हो सकी है।
कानपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना में जिले में फर्जीवाड़ा हुआ है। गरीबों के आवास अमीरों को आवंटित कर दिए गए। 2016-17 से लेकर 2022-23 तक जिले में 27 अपात्रों को पीएम आवास दिए गए हैं। इनके अपात्रों के खाते में करीब 10.80 लाख रुपये की धनराशि भी भेजी गई। इसमें सिर्फ 5.35 लाख रुपये की ही वसूली जा सकी है।
कच्चे घरों में रहने वाले गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देने का प्रावधान है। तीन किस्तों में 1.20 लाख की धनराशि प्रति लाभार्थी दी जाती है। योजना का लाभ उसी लाभार्थी को दिया जाता है जिसका घर कच्चा हो और सालाना आय एक लाख रुपये से ज्यादा न हो। आवेदनों का सत्यापन सचिव करते हैं, ऐसे में उन्होंने अमीरों को योजना का पात्र घोषित कर दिया।
इससे उनके बैंक खातों में किस्त पहुंच गई। हाल ही में शासन ने अपात्र लाभार्थियों को आवास देने वाले लापरवाह जिलों की लिस्ट जारी की है तो यह मामला सामने आया। अपात्रों को आवास देने में जिला 48वें स्थान पर रहा। अपात्र मिले 27 लाभार्थियों में से सिर्फ 14 अपात्रों के खाते में रोक लगाकर धनराशि वापस ली गई है, शेष 13 ने धनराशि हजम कर डाली।
20 पात्रों ने धनराशि ली पर नहीं बनवाया आवास
जिले में वर्ष 2016-17 से 2022 तक जिले के करीब 20 लाभार्थी ऐसे हैं जिन्होंने आवास का पैसा तो ले लिया लेकिन आवास आज तक नहीं बनाया। शिवराजपुर ब्लॉक के तीन, पतारा के दो, चौबेपुर के तीन, कल्याणपुर के दो, भीतरगांव के दो और घाटमपुर के दो लाभार्थी धनराशि लेने के बाद गांव छोड़कर चले गए हैं। वहीं, छह लाभार्थी ऐसे हैं जिनके खाते में राशि भेजी गई पर आवास अभी तक नहीं बन सका है।
प्रदेश में 9217 अपात्रों को दिए आवास
प्रदेश के सभी जिलों में 2016-17 से लेकर 2023 तक 9217 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास आवंटित किए गए। टॉप दस जिलों में ही 3340 अपात्रों को आवास दिए गए हैं। अपात्रों से 54.61 करोड़ की रिकवरी की जानी है। इसमें से अभी सिर्फ 35.75 करोड़ की वसूली हो सकी है।
अपात्रों की सूची तैयारी की गई है, अब सभी को नोटिस भेजकर धनराशि वसूली जाएगा। जो लोग पलायन कर गए हैं, उनको पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। -केके सिंह, परियोजना निदेशक, डीआरडीए