मरीजों की जान लेने वाले अस्पतालों को नहीं बख्शेंगे, संजय गांधी अस्पताल विवाद पर बोले डिप्टी सीएम
लखनऊ
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित किए जाने को लेकर बयान दिया है। अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने को लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।
अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने के मामले में विवाद बढ़ता जा रहा है। इस पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। अस्पताल की लापरवाही के कारण एक बेटी की जान चली गई। स्थानीय स्तर की टीम की जांच के बाद यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम पूरे प्रदेश के अस्पतालों को रेगुलराइज कर रहे हैं। लापरवाही के कारण मरीजों की जान लेने वाले अस्पतालों को बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि मुंसीगंज स्थित संजय गांधी अस्पताल में कोतवाली क्षेत्र मुसाफिरखाना के गांव राम शाहपुर निवासी अनुज शुक्ला की पत्नी दिव्या शुक्ला की मौत के मामले में संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसे लेकर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष संजय सिंह की अगुवाई में कर्मचारियों ने अस्पताल परिसर में नारेबाजी की। कर्मियों ने निलंबन समाप्त करने की मांग की है। कलेक्ट्रेट पहुंचकर संघ ने डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को दिया। कहा है कि संजय गांधी अस्पताल में वह बीते 35 वर्षों से कार्यरत हैं। अस्पताल पर कार्रवाई से यहां के कर्मचारियों की आजीविका पर संकट पैदा हो गया है।
संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने कहा कि कर्मचारी संघ के हितों की रक्षा के लिए आर पार की लड़ाई होगी। यदि उनकी मांगों को अनसुना किया गया तो वह न्यायालय की शरण के साथ अनशन करेंगे। अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि कर्मचारियों के सामने सबसे बड़ा संकट परिवार के भरण पोषण का है। संजय सिंह परिहार ने कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।
सियासी विद्वेष की भावना से कार्रवाई करने का आरोप
मामले में कांग्रेस ने सियासी विद्वेष की भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। मरीजों के हितों में तत्काल अस्पताल की व्यवस्था बहाल कराने की मांग की है। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में कांग्रेस अध्यक्ष ने पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि मरीज की मौत मामले की कमेटी बनाकर जांच कराई जाए। लेकिन अस्पताल में मरीजों का उपचार नहीं रोका जाना चाहिए। उन्होंने अस्पताल के पंजीकरण के निरस्तीकरण आदेश को तत्काल वापस लेने की मांग की है। बताया कि अस्पताल कई दशक से स्थानीय और आसपास के जनपदों के लोगों को न्यूनतम शुल्क पर बिना लाभ के स्वास्थ्य सुविधाएं दे रहा है।