नई दिल्ली
यमुना के साथ-साथ हिंडन नदी के बढ़ते जलस्तर ने दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ का खतरा बढ़ा दिया है। दिल्ली-एनसीआर में बाढ़ का खौफ फिर गहराने लगा है। यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। हिंडन में उफान से गाजियाबाद व नोएडा में इसके आसपास के घरों में पानी घुस गया है। सोमवार सुबर सात बजे पुराने यमुना पुल (लोहा पुल) पर यमुना नदी का जल स्तर 206.56 मीटर दर्ज किया गया।
हथिनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी के दिल्ली पहुंचने से पहले से ही यमुना नदी चौथी बार खतरे के निशान के ऊपर बहने लगी है। रविवार शाम 9 बजे तक इसका जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर ऊपर 206.48 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो सुबह 205.81 था।
बाढ़ के खतरे को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों को खाली करने को कहा है। यमुना की सहायक नदी हिंडन के भी उफान पर होने से नोएडा-गाजियाबाद में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। नदी किनारे बसे क्षेत्र पानी में घिर गए हैं। सिटी फॉरेस्ट में छह फुट तक तो मोरटा और करहेड़ा कॉलोनी में दो फुट तक पानी भर गया है। बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों को निकालने के लिए नाव तक बुलानी पड़ी। पानी की निकासी के लिए नगर निगम ने 10 पंप लगाए गए। गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने निचले इलाकों में बाढ़ की चेतावनी जारी की है। यही नहीं, हिंडन के करीब बसे पांच गांवों से शनिवार को करीब 200 लोगों को सुरक्षित निकाला गया।
यमुना में गिरने वाले 17 नाले बंद किए
जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर होने पर यमुना में गिरने वाले सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के 17 नाले 11 दिन बाद फिर बंद कर दिए गए। इस कारण रिहायशी इलाकों के नाले-नालियां और सीवर ओवरफ्लो हो सकते हैं।