May 8, 2024

दिल्ली

दिल्ली के नांगलोई में शनिवार को ताजिया के दौरान हुए बलवे के मामले में पुलिस ने देर रात नांगलोई थाने में तीन एफआईआर दर्ज की हैं। तीनों में दंगा, सरकारी काम में बाधा, हमला, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के अलावा एक एफआईआर में हत्या के प्रयास की धारा भी जोड़ी गई है। फिलहाल, मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। पुलिस ने सौ से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के अलावा मोबाइल से बनाए दर्जनों वीडियो को कब्जे में लिया है। आरोपियों को दबोचने के लिए 20 से ज्यादा टीमों का गठन किया गया है।

बाहरी जिला पुलिस उपायुक्त हरेंद्र सिंह ने बताया कि पथराव के दौरान पुलिस के दर्जनभर जवानों के अलावा सात पुलिस मित्र भी जख्मी हो गए थे। मामले में पहली एफआईआर नांगलोई थाना प्रभारी निरीक्षक प्रभु दयाल के बयान पर दर्ज हुई। इसमें बलवा करने के अलावा एक उप निरीक्षक पर चाकू से हमला करने का भी आरोप है। दूसरा मामला थाने के ही निरीक्षक नानगराम मीना के बयान पर दर्ज हुआ। तीसरा मामला थाने के हवलदार मुकेश के बयान पर हुआ। तीनों एफआईआर में लगभग एक की तरह के आरोपों की बात की गई है।

थाना प्रभारी प्रभुदयाल ने बताया कि ताजिये में रोहिणी के प्रेमनगर, अमन विहार और रोहिणी के भी लोग शामिल थे। कई लोगों के हाथ में तलवार, चाकू, डंडे और रॉड मौजूद थी। पुलिस ने मना किया तो भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। एक लड़के ने अपने हाथ में लिए चाकू से उप निरीक्षक प्रवीण पर हमला करने की कोशिश की, बचाव करने के दौरान प्रवीण जख्मी हो गए।

हमले में थाना प्रभुदयाल और अन्य पुलिसकर्मी भी जख्मी हो गए। भीड़ ने वाहनों पर पथराव किया। इससे पुलिस की गाड़ियों के अलावा कई डीटीसी बसें, कारें अन्य वाहनों को क्षति पहुंची। दूसरी और तीसरी एफआईआर में निरीक्षक नानगराम मीना और हवलदार मुकेश के आरोप लगभग एक तरह के हैं। निरीक्षक नानगराम मीना की तैनाती नांगलोई चौक से सुल्तानपुरी टी प्वाइंट के बीच थी। वहीं, मुकेश की तैनाती किराड़ी मोड़ पर थी। भीड़ ने पथराव किया तो निरीक्षक नानगराम मीना व हवलदार मुकेश के अलावा कई अन्य पुलिसकर्मी जख्मी हो गए। सभी घायल पुलिसकर्मियों को संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया। उप निरीक्षक को छोड़कर सभी पुलिसकर्मियों को प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई।

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