शनिवार अमिला, करपिया बंजारी, हेमई, चिरैयाडाड़ से उठे मातमी जुलूस ताजियादारों ने अमिला नगर मध्य चौक स्थित इमामे चौक से नारे तकबीर अल्लाहू अक्बर या हुसैन या हुसैन की सदा बुलन्द करते व नौहा पढ़ाते मातम करते हुए कर्बला में दफन हुआ।
मोहर्रम इस्लामी वर्ष यानी हिजरी सन का पहला महिना माहे मोहर्रम जो कर्बला में हुए शहीदों की शहादत के लिए जाना जाता है जब नबी मुहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और इमाम हसन समेत 72 लोगों ने उस दौर के सबसे बड़े अहंकारी व मगरुर दहशतगर्द यजीद के आतंक से आजाद करने के लिए कर्बला के मैदान में हक व इंसानियत के जंग करते हुए 10 मोहर्रम को शहीद हुए।
स्थानीय नगर पंचायत मध्य चौक स्थित ईमाम चौक पर अमिला नगर के पठानटोला- मास्टर हाजी मुहम्मद असलम, इश्तेयाक अहमद, शमीम अहमद व टेढीगली अमिला – उर्मल्ली, एजाज़ अहमद, मोनू अहमद ग्राम सभा कर्पिया मलिक बंजारी अबरार अहमद, शमसेर अली, जमाल अहमद चिरैयाटांड़ अमिला – बेचन अहमद, अलीअब्बास, मुर्तजा अहमद हेमई अमिला – नबी अहमद, मुहम्मद हुसैन, अलाउद्दीन, अब्दुल गफ्फार ताजियादारों ने नौहाख्वानी व मातम के साथ ताजिया को अमिला मध्य चौक स्थित ईमाम चौक पर मिलना करा कर नौहा पढ़ते व मातम करते हुए कर्बला में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।