शिकारपुर.(बुलंदशहर) शनिवार को सूरजभान सरस्वती विद्या मंदिर एवं सरस्वती विद्या मंदिर कन्या इंटर कॉलेज शिकारपुर बुलंदशहर में मातृशक्ति सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया इस कार्यक्रम में 768 मातृशक्ति अभिभावकों की उपस्थिति हुई कार्यक्रम का प्रारंभ विद्यालय की प्रबंध समिति के पदाधिकारी एवं मुख्य वक्ता अतिथि के रूप में नीतू सिंह अधिशासी अधिकारी शिकारपुर एवं श्रीमती ममता प्रांतीय उपाध्यक्ष सेवा भारती तथा विद्यालय के अध्यक्ष विजेंद्र दत्त शर्मा प्रबंधक अनिल कुमार मित्तल कोषाध्यक्ष सुशील कुमार मित्तल एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभात कुमार गुप्ता द्वारा सर्वप्रथम मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन कर दिया गया कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी विभाग के आचार्य मुकेश चंद शर्मा द्वारा किया गया इस मातृशक्ति सम्मेलन में विद्यालय की बहनों ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से सभी मातृशक्ति का मन मोह लिया मुख्य वक्ता शिकारपुर अधिशासी अधिकारी नीतू सिंह ने अपने मुखारविंद से मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा कि—- बच्चों की शिक्षा में सबसे अहम भूमिका माता की होती है यदि मां अपने बच्चे के प्रति अपने कर्तव्य एवं संस्कारों का आदान-प्रदान बच्चे के जीवन में भरदे तो उसके जीवन में उसकी मातृभाषा एवं उसके जीवन का सर्वांगीण विकास होना संभव है l इसलिए समय-समय पर मातृशक्ति को बच्चों की अच्छी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए इसी श्रंखला में प्रांतीय अध्यक्ष सेवा भारती ममता जी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी बेटियां हमसे क्यों दूर होती जा रही हैं– इस पर हमें विचार एवं मंथन करना चाहिएl जिसका कारण हम स्वयं हैं क्योंकि हमारी बेटियां अपनी संस्कृति को धारण नहीं कर रही है जिसका कारण है कि वह संस्कृति को भूलती जा रही हैं और उसी का परिणाम आज हमें देखने को मिल रहा है प्राचीन समय से ही भारतीय संस्कृति इतनी महान है कि जिससे में कोई भी संस्कृति भारतीय संस्कृति का सामना नहीं कर सकती इसलिए हमें अपने बच्चों को संस्कार युक्त शिक्षा देकर उन्हें संस्कारवान एवं संस्कृति की जानकारी देना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में अपना अहम योगदान देंl कार्यक्रम की प्रस्तावित की विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रभात कुमार गुप्ता ने दी अंत में विद्यालय के अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के भी अध्यक्ष विजेंद्र दत्त शर्मा ने अपने विचारों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि मातृशक्ति हो सकती है जो अपनी शक्ति से इतिहास को बदल सकती हैं ऐसे विचारों से ओतप्रोत कर अपनी वाणी को विराम दियाl और अंत में वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया इस अवसर पर विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा l