November 25, 2024
download (7)

 नई दिल्ली

राष्ट्रमंडल देशों के 50 सामाजिक उद्यमियों, पर्यावरण के क्षेत्र में काम करने वाले दिग्गजों, इनोवेटर्स और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की लिस्ट में चार भारतीय युवाओं शामिल किया गया है। 15 से 29 वर्ष की आयुवर्ग के ये सभी युवा उन पहलों में शामिल हैं जो सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने में ठोस योगदान देते हैं।

भारत से अक्षय मकर को एसडीजी13 क्लाइमेट एक्शन, सौम्या डाबरीवाल को एसडीजी 5 जेंडर इक्वलिटी, कौशल शेट्टी को एसडीजी 11 सस्टेनेबल सिटीज एंड कम्युनिटीज और श्रुतिका सिलसवाल को एसडीजी 4 क्वालिटी एजुकेशन के तहत शॉर्टलिस्ट किया गया है।

राष्ट्रमंडल महासचिव बैरोनेस पेट्रीसिया स्कॉटलैंड (Baroness Patricia Scotland) ने कहा, “मैं हर साल उन अभिनव और परिवर्तनकारी कार्यों से आश्चर्यचकित होती हूं जो ये युवा हम सभी के लिए एक बेहतर दुनिया बनाने के लिए कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘मुझे विशेष रूप से गर्व है कि राष्ट्रमंडल युवा वर्ष में 50 युवा लीडर्स को सम्मानित किया जा रहा है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि विकास युवाओं के नेतृत्व में होना चाहिए। जिन लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, वे साबित करते हैं कि युवा लोग सिर्फ निष्क्रिय दर्शक नहीं हैं, वे केवल यह देखने का इंतजार नहीं कर रहे हैं कि भविष्य क्या लाएगा? इसके बजाय, वे सक्रिय रूप से इसे आकार दे रहे हैं।”

इन चार भारतीयों के नाम कॉमनवेल्थ यूथ अवार्ड्स के लिए किए गए शॉर्टलिस्ट

  • अक्षय मकर क्लाइमेंजा सोलर के सीईओ हैं, जो एक मिशन-केंद्रित कंपनी है जो औद्योगिक क्षेत्र को डीकार्बोनाइज़ करने के लिए काम कर रही है और कंपनी कोका-कोला, टाटा ग्रुप और यूनिलीवर जैसी अग्रणी वैश्विक कंपनियों के साथ उनकी औद्योगिक गर्मी को डीकार्बोनाइज़ करने के लिए काम कर रही है।
  • सौम्या डाबरीवाल एक डेवलपमेंट प्रैक्टिशनर हैं और वारविक विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक हैं। घाना में स्वयंसेवा करते समय, उन्होंने लड़कियों को अपने पीरियड्स के दौरान 3 दिन/महीने स्कूल छोड़ने और असुरक्षित मासिक धर्म संरक्षण के तरीकों का इस्तेमाल करते हुए देखा। यह समझते हुए कि यह एक वैश्विक समस्या है उन्होंने प्रोजेक्ट बाला की शुरुआत की जो अभिनव मासिक धर्म स्वच्छता से संबंधित समाधान प्रदान करता है।
  • कौशल शेट्टी एक गैर-लाभकारी संगठन नोस्टोस होम्स के सह-संस्थापक और सीईओ हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं से विस्थापित लोगों के लिए स्थायी आपातकालीन आश्रयों का निर्माण करता है।
  • श्रुतिका सिलसवाल एक दलाई लामा फेलो हैं, और उत्तराखंड में सिंपल एजुकेशन फाउंडेशन में कार्यक्रमों की प्रमुख हैं। यह एक ऐसा संगठन है जो प्रासंगिक और टिकाऊ स्कूल उन्नयन कार्यक्रम चलाकर पांच स्कूलों में 200 से अधिक सरकारी स्कूल के बच्चों की मदद कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *