शिमला
मौसम का कहर लगातार जारी है। भारी बारिश और भूस्खलन से चार नेशनल हाईवे और 468 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं। गुरुवार रात को हमीरपुर की दरब्यार पंचायत में स्टेलपोश मकान गिरने से सो रहे एक ही परिवार के छह सदस्य मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाला। शिमला जिले से सबसे ज्यादा 220 और कुल्लू में 115 सड़कें बंद हैं। वहीं, राज्य में 552 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप हैं। 224 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित चल रही हैं। शिमला, कुल्लू व मंडी में सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं।
पौंग बांध से तीसरे दिन भी पानी छोड़ा
शुक्रवार को पौंग बांध से तीसरे दिन भी पानी छोड़ा गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई इलाकों के लिए शनिवार को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 30 जुलाई से मौसम में कुछ सुधार होने से राहत के आसार हैं। किन्नौर के नाथपा गांव की पहाड़ी से पिछले चार दिनों से लगातार चट्टानें गिरना जारी है। इससे गांव को खतरा पैदा हो गया है। शुक्रवार सुबह 5:15 बजे पहाड़ी से भूस्खलन होने पर नाले के साथ मौजूद गांव के पांच मकान खाली करवाए गए। कोटसारी में भूस्खलन से मकानों में दरारें आने से तीन परिवार बेघर हो गए हैं।
लोअर कोटी गांव में मकान क्षतिग्रस्त
वहीं लोअर कोटी गांव में प्रदीप ठाकुर का मकान भी क्षतिग्रस्त हुआ है। नाथपा गांव में पहाड़ी दरकने से ग्रामीणों ने खौफ के साये में रात गुजारी। कक्षस्थल में पहाड़ से चट्टानें गिरने से दोमंजिला मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। दंपती, बेटे और 6 मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई। नेशनल हाईवे पांच रामपुर के ब्रौनी खड्ड में भूस्खलन से फिर बंद हो गया है। इसके अलावा कुल्लू-मनाली, कुल्लू-आनी और चंबा-भरमौर एनएच भी ठप पड़ा है। उधर, किन्नौर प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए बाढ़ग्रस्त कांधार, खुडणा और शीलाभावी गांव में मकान खाली करवा दिए हैं।
चंडीगढ़-मनाली मार्ग दो स्थानों पर मलबा गिरने से बंद
सरपारा पंचायत घर और मंदिर में प्रभावितों के रहने का इंतजाम किया गया है। उधर, मंडी जिला में भारी बारिश के चलते चंडीगढ़-मनाली मार्ग दो स्थानों पर मलबा गिरने से बंद है। मंडी-पठानकोट हाईवे की सड़क पर ऐहजू, चौंतड़ा व बीड़ मार्ग पर भारी बारिश से जलभराव से दुकानों में पानी घुस गया। सरकाघाट की सुलपुर जबोठ पंचायत में बारिश में एक पेजयल योजना जबोठी खड्ड में बह गई है। बल्ह क्षेत्र में कलखर से रिवालसर मार्ग आठ घंटे बाधित रहा।
मनाली के बाहंग नाले में बाढ़ से पानी सड़क पर आ गया
शुक्रवार को मनाली सहित कई इलाकों में बारिश का दौर जारी रहा। मनाली के बाहंग नाले में बाढ़ से पानी सड़क पर आ गया। पार्वती घाटी के छरोड़नाला में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं पार्वती व तीर्थन घाटी में लोगों के घरों के आसपास दरारें पड़ने से खतरा बढ़ गया है। राजधानी शिमला में शुक्रवार को मौसम मिलाजुला रहा। सुबह के समय शहर में बादल बरसे। दोपहर को मौसम साफ हुआ। शाम को फिर बारिश हुई।
पुलिस लाइन सोलन के पास चौथी बार धंसा हाईवे का हिस्सा
वहीं, कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर सोलन बाईपास में पुलिस लाइन के पास चौथी बार ट्रक ले-बाय धंस गया है। हाल ही में हुई बारिश के बाद हाईवे को काफी क्षति हो गई है। इसी के साथ दर्जनों क्षेत्रों में सड़क धंस चुकी है। इससे वाहन चालकों को यहां से निकलने में दिक्कत पेश आ रही है। लोग जान जोखिम में डालकर हाईवे से गुजर रहे हैं। वहीं शहर के दोहरी दीवार पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। लगातार डंगे से भी पत्थर गिर रहे हैं। ऐसे में यहां पर खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए प्रशासन ने ऑटो और बस स्टैंड का स्थान भी बदल दिया है। वहीं कुमारहट्टी में वीरवार देर शाम भूस्खलन हुआ है। जिलेभर में शुक्रवार सुबह भी बारिश हुई है।
प्रदेश में अब तक 5,361.16 करोड़ रुपये का नुकसान
इस बार मानसून में 24 जून से 28 जुलाई तक प्रदेश में 5536.15 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। 184 लोगों की जान गई है। 211 लोग जख्मी हुए हैं। बाढ़ से 699 मकान ढह गए, जबकि 7093 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान भूस्खलन की 71 और अचानक बाढ़ की 51 घटनाएं सामने आई हैं।