देश में जब कही आतंकवादी घटनाएं होती है तो कुछ लोगों द्वारा यह तर्क दिया जाता है कि आतंकवाद का कोई धर्म नही होता है। तथा आतंकवादी गतिविधियों में ऐसे लोग शामिल होते है जो गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा या अन्य तरह की समस्याओं से पीड़ित है जो आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हो जाते है। लेकिन लोगों की यह दलील पूरी तरह फर्जी और बेबुनियाद है। क्योकि जो लोग देश विरोधी मानसिकता रखते है उनको न तो शिक्षा से मतला है और नही पैसा से उनके दिमाग में जो धार्मिक उन्माद, चरमपंथ और कट्टरता कूट कूट कर भर दिया गया है उसकी वजह से इस तरह की गतिविधियों में लोग शामिल हो जाते है और देश में ही रहकर देश को बर्बाद करने का ख्वाब देखने लगते है। देश विरोधी ताकतों को मजबूती तब और मिल जाती है जब देश के ही कुछ नेता, पत्रकार और संगठन उनको भटका हुआ और बेचारा सिद्ध करने पर अपना माथा पीटते है जिससे आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को यह एहसास हो जाता है कि हमारे भी समर्थन में लोग इसलिए यह कार्य करने में कोई दिक्कत नही है लेकिन चरमपंथ और धार्मिक कट्टरता के नशे में चूर लोगों को यह पता नही है कि भारत में बड़े बड़े कट्टर आक्रमणकारी आये और अपना बोरिया बिस्तर बांधकर चले गये, और देश में रहकर देश के साथ गद्दारी करने वालों की क्या औकात कि देश की एकता और अखंडता को बिगाड़ सके। हालांकि कुछ गद्दार है जो कभी कभार अपने मंसूबों में सफल हो जाते है लेकिन ऐसे लोगों की क्या मजाल जो भारत के खिलाफ साजिश करके सही सलामत रह सके। इसके लिए तो देश की तमाम ऐजेंसियां है जो देश में भारतीय के रूप में रह रहे गद्दारों को पहचानने में देर नही करती हैं और देश के विरोध में साजिश करने वालों का ईलाज भी हो जाता है।
देश विरोधी ताकतों में न केवल गरीब और अशिक्षित लोग ही शामिल है बल्कि इसमें धार्मिक कट्टरता और चरमपंथी के शिकार शिक्षित और सम्पन्न लोग भी भारत में आतंकवाद का प्रभाव प्रसारित करने में जुटे है। इसका उदाहरण आये दिन देखने को मिलता है जहां देश के विभिन्न जगहों से आतंकवादी और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाता है। गिरफ्तार गद्दारों का जब यदि इतिहास खंगाला जाता है तो पता चलता है कि यह तो केवल एक सच्चा भारतीय होने का चोला ओढ़कर देश विरोधी ताकत के रूप में काम कर रहा था और न केवल खुद बल्कि इनका पूरा ग्रुप है जो देश के विभिन्न जगहों पर ऐसे ही ‘स्लीपर सेल’ बनकर रेकी करते हुए धीरे धीरे अपने काम को अंजाम देने के लिए अग्रसर होते है। इस तरह देश के अंदर ही रहकर देश को बर्बाद करने वालों की मंशा के पीछे केवल और केवल धार्मिक कट्टरता और चरमपंथ है। जो किसी तथाकथित ‘आका’ द्वारा कंट्रोल किया जाता है। इस तरह के धार्मिक कट्टरवाद और चरमपंथ के आगे देशभक्ति और मानवता को लोग पीछे छोड़कर केवल झूठे ख्वाब देखकर खुद अपना और अपने परिवार और रिश्तेदारों का भविष्य खराब कर देते है। देश विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सरकार को किसी भी तरह की ढिलाई नही बरतनी चाहिए क्योकि यदि इन गद्दारों के साथ रहम किया जायेगा तो देश को बर्बाद करके ही दम लेंगे। क्योकि इन गद्दारों और आतंकवादियों का केवल एक मतलब है कि जैसे पूरा विश्व आतंकवाद से पनाह मान लिया है वैसे भारत भी आतंकवाद से पनाह मानकर सरेंडर हो जाये लेकिन भारत में देशद्रोही ताकतों और गद्दार आतंकवादियों से निपटने के लिए सरकारी तंत्र और सुरक्षा ऐजेंसियों काफी मजबूत है लेकिन फिर भी गद्दारों और संभावित गद्दारों पर ऐजेंसियों को लगातार नजर बनाये रखने की जरूरत है।
देश में जब कोई आतंकवादी पकड़ा जाता है तो देश के ही कुछ गद्दार किस्म के नेता, पत्रकार, बुद्धिजीवी सरकार और सिस्टम को ज्ञान देने लगते है और आतंकवादी को गरीब, बेचारा, अशिक्षित और भटका हुआ बनाकर उन गद्दारों के लिए ढाल का काम करते है। भारत में एक आतंकवादी के समर्थन में देश के कई नेताओं ने आधी रात को न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसे देश हमेशा याद रखेगा। यह विचारणीय तथ्य है कि जो आतंकवादी देश के खिलाफ साजिश में शामिल है वही देश के कुछ नेता केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए गद्दार और आतंकवादी के समर्थन में कोर्ट का दरवाजा खटखटाते है।
भारत में जब भी आतंकवादी हमला हुआ और मासूम लोगों की मौत हुई, इसके पीछे इन्ही कुछ गद्दार नेताओं की तुष्टीकरण की गंदी राजनीति और तुच्छ मानसिकता की वजह से हुआ। और आतंकवादी तथा देश विरोधी ताकतों का मनोबल ऊंचा हुआ। अभी हाल ही में पूणे से एक चिकित्सक को गिरफ्तार किया गया जो आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के लिए काम करता था। उसके माध्यम से न जाने कितने आतंकवादी स्लीपर सेल के रूप में काम कर रहे है। एनआईए ने चिकित्सक को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया और जांच में जुटी है। इस तरह का भयावह दृश्य यदि भारत में देखने को मिल रहा है तो सच में भारत के हर एक नागरिक को राष्ट्रहित को पहली प्राथमिकता देना जरूरी है। क्योकि अब न केवल गरीब, अशिक्षित और भटके लोग ही आतंकवादी गतिविधि में शामिल हो रहे है बल्कि शिक्षित, सम्पन्न और चरमपंथी मानसिकता वाले भी भारत को बर्बाद करने पर तुले है। एनआईए ने मान भी लिया है कि भारत में भी खूंखार आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की इंट्री हो गई है और देश में तमाम जगह पर इसके ‘स्लीपर सेल’ के लोग कार्य कर रहे है हालांकि आईएनए कुछ जगहों पर लोगों को गिरफ्तार भी करने में सफलता प्राप्त की है। और जो लोग भी देश विरोधी ताकतों के साथ मिलकर और देश के साथ गद्दारी करके कट्टरवाद और चरमपंथ को बढावा दे रहे है उन सभी पर देश की तमाम जांच एजेसियों की निगाहें है और कोई भी गद्दार गलत कार्य करके बच नही सकता है।
देश में जिस तरह तमाम जगह सुनने और देखने को मिल रहा है कि वहां से वह व्यक्ति आतंकवादी गतिविधि में शामिल था पकड़ा गया। तब एक चिंता की लकीर भी माथे पर पड़ जाती है कि आखिर किस वजह से लोग भारत में केवल अपने थोड़े से लाभ के लिए देश को बर्बाद करने पर जुटे हुए है? जो लोग देश विरोधी कार्य में लगे है उनको यह ध्यान में होना चाहिए कि धार्मिक कट्टरता और चरमपंथ की घुट्टी पीकर देश की बर्बादी का ख्वाब देखना बंद करें। क्योकि भारत कोई कमजोर देश नही है जो चंद गद्दार आतंकवादी, कुछ गद्दार नेताओं, कुछ गद्दार पत्रकारों और कुछ गद्दार बुद्धिजीवियों के द्वारा फैलाये जा रहे अफवाह में पड़ जायेगा। इसलिए देश की बर्बादी का ख्वाब देखने वालों गद्दारों को यह स्मरण होना चाहिए कि भारत वह देश है जहां देश की आन बान और शान के रक्षा के लिए देश का एक एक बच्चा तैयार है। रही बात कुछ गद्दारों की तो उनके ईलाज के लिए सरकार का सिस्टम ही काफी है। लेकिन देश में आतंकवादी गतिविधि को पूरी तरह रोकने के लिए खुफिया और तमाम जांच एजेसियों को काफी सक्रिय रहने की जरूरत है। क्योकि कुछ लोग अपने हित के चक्कर में राष्ट्रहित को तिलांजलि देकर निकल लेते है। जिस तरह भारत में वर्तमान समय में नक्सलवाद, आतंकवाद पर लगाम लगी है। ठीक ऐसे ही सख्ती हमेशा रहे। देश के तमाम पत्रकार और नेताओं को भी चाहिए कि उनका भी कार्य ऐसा हो जो कि राष्ट्रहित को पहली प्राथमिकता दें। देश के कुछ ऐसे लोग जो केवल ख्वाबों में जी कर अपने को गलत कार्यों में लगा देते है। भारत की एकता और अखंडता बनाये रखने में देश के हर एक नागरिक का कर्तव्य है। न कि किसी के बहकावे में आकर अपने ही मातृभूमि के खिलाफ साजिश और गलत कार्य में शामिल हो। यदि देश में धार्मिक कट्टरवाद, चरमपंथ, क्षेत्रवाद या जातिवाद को लेकर आपस में मनमुटाव करते रहेंगे तो देश कभी भी आगे नही बढ़ पायेगा। इसलिए जरूरत है कि हम सभी भारत के लोग आपसी प्रेम, भाईचारा, सौहार्द को बनाये रखकर राष्ट्रहित सर्वोपरि के परम सूत्र पर कार्य करें।