तीन दिनों से कमेड़ा में बंद ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे खोलने का काम जारी है। यहां सड़क निर्माण के लिए पहाड़ी कटिंग के लिए दोनों ओर से जेसीबी लगी है। बुधवार को बारिश के बाद भी हाईवे निर्माण का काम जारी रहा। वहीं जखेड़ गदेरे में पानी अधिक होने से एनएच की ओर से यहां पुलिया बनाने की भी तैयारी है। एनएचआईडीसीएल के डीजीएम शैलेंद्र कुमार ने कहा कि हाईवे शुक्रवार सुबह तक बहाल कर दिया जाएगा। गदेरे में ज्यादा पानी होने के कारण अभी यहां अस्थायी पुलिया बनाई जाएगी ताकि पैदल आवाजाही हो सके।
देवाल- बुरकोट गदेरे में मलबा आने से लोहाजंग-वाण सड़क बंद हो गई है जिससे वाण गांव तक वाहन नहीं जा सकेंगे। इस गदेरे पर बना मोटर पुल वर्ष 2018 की आपदा में बह गया था। पांच साल बाद भी यहां मोटर पुल नहीं बना है। वाण के हीरा पहाड़ी ने कहा कि सरकार से कई बार पुल बनाने की मांग कर चुके हैं लेकिन अभी तक निर्माण नहीं हुआ। उन्होंने डीएम से मोटर पुल स्वीकृत करने की मांग की। संवाद
कर्णप्रयाग/थराली- ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कर्णप्रयाग में उमा माहेश्वर आश्रम के पास करीब 10 घंटे बाद वाहनों की आवाजाही के लिए खुल गया। मंगलवार रात को 12 बजे हाईवे पहाड़ी से मलबा व पत्थर गिरने से बंद हो गया था। इस दौरान वहां कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, देहरादून सहित गोपेशवर, जोशीमठ और बदरीनाथ जाने वाले कई यात्री वाहन फंसे रहे। लोगों ने होटलों व अपने वाहनों में रात गुजारी। बुधवार सुबह करीब 10 बजे तक एनएच ने जेसीबी से हाईवे से मलबा हटाया और यातायात बहाल किया। उसके बाद यात्री व स्थानीय वाहन अपने गंतव्यों को रवाना हुए। दूसरी ओर थराली में बारिश से कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाइवे नारायणबगड़, हरमनी, मल्योपहाड़, बुसेड़ी और बैनोली बैंड में 5 घंटे तक बंद रहा। संवाद
जोशीमठ- हाईवे से मलबा हटाने के दौरान पहाड़ी से जेसीबी पर बोल्डर गिर गए। तभी जेसीबी ऑपरेटर ने जेसीबी से कूद मार दी और वह बाल-बाल बच गया। हालांकि बाद में अन्य जेसीबी लगाकर हाईवे सुचारु कर दिया गया।
बुधवार सुबह पांच बजे बदरीनाथ हाईवे जोशीमठ से एक किमी पहले कूड़ा निस्तारण केंद्र के पास मलबा आने से बंद हो गया। हाईवे जेसीबी से खोल दिया गया, लेकिन कुछ देर बाद फिर मलबा आ गया। मलबा हटाने के लिए फिर जेसीबी लगाई गई लेकिन इसी दौरान पहाड़ी से बोल्डर जेसीबी पर गिर गए। तभी ऑपरेटर ने जेसीबी से कूद मार दी और बाल-बाल बच गया। बाद में यहां तीन जेसीबी लगाकर हाईवे खोला गया। सुबह कुछ घंटे क्षेत्र में संचार सेवा भी ठप रही।
गोपेश्वर- बरसात शुरू होने के दौरान प्रशासन की ओर से कई बैठकों का दौर चला जिसमें हाईवे के साथ ही ग्रामीण सड़कों को तुरंत खोलने के निर्देश दिए गए लेकिन प्रशासन के निर्देश और दावे बरसात में हवाई साबित हो रहे हैं। बरसात से चमोली जिले में 49 सड़कें बंद हैं जिससे 150 से अधिक गांव के लोगों की आवाजाही ठप हो गई है। ऐसे में ग्रामीण पैदल ही कई किमी चलने के लिए मजबूर हैं।
-जिले में विरही-निजमुला मार्ग काली चट्टान के समीप कई दिनों से मलबा आने से लगातार बंद हो रहा है। कभी स्थानीय लोग तो कभी विभाग की ओर से मार्ग खोला जा रहा है। वहीं नंदप्रयाग-नंदानगर, नंदानगर-भेंटी, सेरा-मोख और नंदानगर-सुतोल सहित अन्य सड़कें बंद पड़ी हैं।
खतरे की जद में सरतोली मार्ग का पुल
– चमोली-सरतोली मार्ग पर मजोठी गांव के पास बने पुल पर कभी भी हादसा हो सकता है। नालियां नहीं होने से बारिश का पानी पुल पर बह रहा है जिससे पुल की एप्रोच रोड को खतरा बना हुआ है। इस सड़क पर हर दिन कई वाहनों की आवाजाही होती है। ऐसे में यदि पुल खतरे की जद में आता है तो यहां बड़ा हादसा हो सकता है।