मुंबई। शरद पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार गुट द्वारा पार्टी के नाम और चिह्न को लेकर किए गए दावे पर निर्वाचन आयोग ने उनकी प्रतिक्रिया को लेकर एक पत्र भेजा है, जिसका वे जवाब भेजेंगे।
हालांकि अजित पवार गुट के नेता प्रफुल्ल पटेल ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। एनसीपी में बगावत करते हुए अजित पवार गुट दो जुलाई को महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गया था।
सरकार में अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद जबकि आठ अन्य विधायकों को मंत्री पद प्रदान किया गया था। शरद पवार नीत राकांपा गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता क्लाईड क्रास्टो ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनाव आयोग ने अजित पवार के गुट द्वारा पार्टी के नाम और चिह्न पर दावा किए जाने को लेकर उनकी (शरद पवार गुट की) प्रतिक्रिया जानने के लिए एक पत्र भेजा है।
क्रास्टो ने कहा, ”हम तदनुसार जवाब देंगे।” प्रफुल्ल पटेल ने नागपुर में संवाददाताओं से कहा, ”मैं अपनी पार्टी के अंदरुनी मामलों से संबंधित मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।” उन्होंने कहा, ”शरद पवार हमारे आदर्श बने रहेंगे और हम चाहते हैं कि वह (शरद पवार) हमारे द्वारा लिए गए राजनीतिक फैसले को स्वीकार करें।
हम उन्हें मनाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ एक बहाना है। पटेल ने कहा, ”यह विपक्ष की कुंठा को दर्शाता है और वे जानते हैं कि लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास जो संख्या है, उसे देखते हुए अविश्वास प्रस्ताव का कोई मतलब नहीं है।
” उन्होंने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के लिए एक स्थिर विकल्प मुहैया कराना आसान नहीं होगा। पटेल ने कहा कि इस तरह की पहल 1977, 1989 और 1996 में भी विफल हो चुकी है, क्योंकि ये राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता की ओर ले जाती हैं।
पटेल ने यह भी कहा कि राकांपा और भाजपा के बीच दोस्ती मजबूत हुई है। उन्होंने कहा, ”हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पूर्ण रूप से समर्थन करते हैं। यह बहुत जरूरी है कि एक ऐसे चेहरे के साथ एक स्थिर सरकार दी जाए, जिसपर लोग विश्वास करते हों। यह वक्त की जरूरत है।