November 24, 2024
चित्र संख्या 007

बहराइच। निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत शिक्षक संकुलों की क्षमता संवर्द्धन के उद्देश्य से जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पयागपुर के तत्वावधान में विकास खण्ड चित्तौरा के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय शिक्षक संकुल कार्यशाला का मुख्य अतिथि जिलाधिकारी मोनिका रानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया तथा मौजूद संकुल प्रभारियों को निपुण शपथ भी दिलाई। कार्यशाला के प्रथम दिन विकास खण्ड पयागपुर, विशेश्वरगंज, चित्तौरा, हुज़ूरपुर व तेजवापुर के शिक्षकों का निपुण विद्यालय बनाने हेतु क्षमता संवर्द्धन किया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी मोनिका रानी ने कहा कि आप सबके बीच आकर मुझे घर आने जैसा एहसास हो रहा है। डीएम ने कहा कि उन्होंने स्वयं सरकारी विद्यालयों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की है और उनका शुरूआती कैरियर भी शिक्षक के रूप में रहा है। डीएम ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के शिक्षण संस्था में कमोबेश 06 वर्षों तक शिक्षण का कार्य किया है। डीएम ने कहा कि विद्यालय एक स्कूल नहीं बल्कि पूजा स्थल के समान है। इस स्थान की पवित्रता को बनाएं रखें। विद्या के मन्दिर को हमेशा साफ-सुथरा रखें इससे नकारात्मक ऊर्जा के स्थान पर बच्चों में पॉज़ीटिव एनर्जी का संचार होगा।
डीएम ने कहा कि परीषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के समक्ष एक अलग तरह की चुनौती है। क्योंकि देखने में यह आता है कि गरीब परिवार के बच्चे ही सरकारी स्कूलों में आते हैं। क्षमता संवर्द्धन कार्यशाला के माध्यम से आपको यह सिखाया जाएगा कि विद्यालय आने वाले बच्चों को आपके माध्यम से उच्च गुणवत्ता की शिक्षा दिलाई जाए ताकि योग्यता के आधार पर परीषदीय विद्यालयों के बच्चे कान्वेन्ट स्कूलों के बच्चों से किसी मायनों में पीछे न रहे। डीएम ने कहा कि शिक्षक का कार्य मात्र शिक्षा देने तक ही सीमित नहीं है। एक शिक्षक कुम्हार की चाक और बच्चे उस पर रखी गीली मिट्टी के समान है। अब यह शिक्षक की जिम्मेदारी है कि वह गुरू और अभिभावक की भूमिका का निर्वहन करते हुए बच्चे के बौद्धिक विकास के साथ-साथ उसके चरित्र का भी निर्माण करें।
डीएम ने शिक्षकों का आहवान किया कि आप अपने कैरियर को एक अवसर के रूप में लें। समाज में शिक्षकों का वह सम्मान है जो दूसरे कैरियर में शीर्ष पर बैठे लोगों को भी नसीब में नहीं है। बच्चों को अपने बच्चे समझते हुए उन्हें गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करें ताकि जब वहीं बच्चें समाज में ऊंचा मकाम हासिल करेंगे तो आपको ऐसा एहसास होगा जैसे आपके बेटे या बेटी ने सफलता अर्जित की है।
डीएम मोनिका रानी ने शिक्षकों का आहवान किया कि शिक्षा प्रदान करने में डिजिटल क्रांति का भरपूर उपयोग करें ताकि कम समय में आप अधिक प्रभावी ढंग से बच्चों को ज्ञान दें सके और आप द्वारा दिया गया ज्ञान बच्चे की अस्थाई मेमोरी में सेफ हो सके। डीएम ने शिक्षकों से कहा कि निजी क्षेत्र के विद्यालयों में दी जा रही शिक्षा पर भी आप निगाह रखें, अगर वहॉं पर कोई अच्छी चीज़ बच्चों को सिखाई जा रही है तो उसे नवाचार के रूप में अपने विद्यालय में भी लागू करें। लेकिन आपका एक मात्र उद्देश्य बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा देना होना चाहिए।
इससे पूर्व उप शिक्षा निदेशक/प्राचार्य डायट उदय राज ने मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए क्षमता संवर्द्धन कार्यशाला के उद्देश्यों एवं उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कार्यशाला में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों, जिला समन्वयक, अकादमिक रिसोर्स पर्सन, स्टेट रिसोर्स पर्सन, स्टेट रिसोर्स ग्रुप एवं ब्लाक में कार्यरत शिक्षक संकुल, ए.आर.पी., एस.आर.जी. को आमंत्रित किया गया। कार्यशाला को बी.एस.ए.अव्यक्त राम तिवारी, जिला समन्वयक श्रवण मिश्रा, स्टेट रिसोर्स ग्रुप के सदस्यों व अन्य शिक्षकों ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए मौजूद लोगों को उपयोगी सुझाव दिये। कार्यक्रम के अन्त में उप शिक्षा निदेशक/प्राचार्य डायट उदय राज ने डीएम को स्मृति चिन्ह भेंट किया। इस अवसर पर बीडीओ चित्तौरा संदीप कुमार त्रिपाठी भी मौजूद रहे।

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