एत्मादपुर (आगरा) । दगाबाज किसी का सगा नहीं होता। किसान धर्मपाल सिंह के साथ भी यही हुआ। बैंक का कर्जा माफ कराने के बहाने घर से बुलाकर ले गए शातिर ने पहले तो रास्ते में षडयंत्र के तहत बीयर पिलाई और नशे में होने पर तहसील में ले जाकर धोखे से दस बीघा खेत के बैनामा पर हस्ताक्षर करा लिए। आला अधिकारी के आदेश पर संबंधित वकील समेत छह लोगों के खिलाफ एत्मादपुर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत हुआ है।
तहसील के थाना बरहन के ग्राम नजरपुर (मुर्थर अलीपुर) निवासी पीड़ित किसान धर्मपाल सिंह पुत्र रामसिंह का कहना है कि हरेंद्र पुत्र भजनलाल निवासी खुशालपुर से उसके पारिवारिक संबंध थे। 21 जून को हरेंद्र उसे जिला भूमि विकास बैंक में कर्जा माफी की कार्यवाही कराने के बहाने घर से बुलाकर ले गया। आरोप है कि हरेंद्र और कालीचरन पुत्र डालचंद निवासी नगला भूरा पोस्ट बसुन्धरा (एटा), गजेंद्र पाल सिंह पुत्र रामनरायन निवासी खांडा तहसील
एत्मादपुर, योगेश कुमार पुत्र वीरपाल सिंह निवासी मोहब्बतपुर पोस्ट उडेसर तहसील जसराना (फिरोजाबाद) और हरेंद्र के बहनोई ने षडयंत्र के तहत रास्ते में बीयर पिलाकर नशे में कर दिया। इसके बाद बैंक कर्जा माफी के कागजात के नाम पर तहसील में अधिवक्ता से मिलकर कुछ लिखे हुए और कुछ कोरे कागजों पर हस्ताक्षर कराकर उसकी 10 बीघा जमीन का बैनामा बजरिये दस्तावेज पंजीकृत करा लिया। बकौल पीड़ित, दो माह बाद उसे जानकारी हुई तो शिकायत करने पर हरेंद्र ने जमीन वापस करने का आश्वासन देकर उसे कानूनी कार्यवाही करने से रोक दिया। इसके बाद से आरोपी लगातार आनाकानी करते आ रहे। 28 जनवरी को तहसील परिसर के बाहर मिले हरेंद्र ने खेत वापस करने से इंकार कर दिया और जातिसूचक शब्दों में गाली गलौज के साथ जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में अपर पुलिस आयुक्त (पश्चिमी जोन) के आदेश पर हरेंद्र, कालीचरन, गजेंद्रपाल, योगेश कुमार, अधिवक्ता और हरेंद्र के बहनोई के खिलाफ एत्मादपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।