November 22, 2024
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लखनऊ

शहरों में अवैध निर्माण पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए सरकार अब नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इसके तहत विकास प्राधिकरण की सीमा में मकान बनाने के लिए बैंक से लोन तभी मिलेगा, जब विकास प्राधिकरण से नक्शा पास होगा। यानि अब विकास प्राधिकरणों से नक्शा पास कराए बिना कोई भी बैंक लोन नहीं देंगे। सभी विकास प्राधिकरणों में यह व्यवस्था जल्द लागू होगी । इसके लिए आवास विभाग ने राज्य स्तरीय बैकिंग कमेटी को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है । नई व्यवस्था के लागू होने से जहां अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी, वहीं नक्शा पास करने के नाम पर घालमेल के खेल पर पाबंदी लगेगी।

बता दें कि मौजूदा व्यवस्था में शहरों में सिर्फ आर्किटेक्ट से नक्शा बनवाकर उसपर मुहर लगवाकर लोग बैंकों में लोन के लिए आवेदन दाखिल कर देते हैं । बैंक भी सिर्फ जमीन की स्थिति और दस्तावेजों का परीक्षण करके लोन स्वीकृत कर देते हैं। धन की व्यवस्था होने पर तमाम लोग विकास प्राधिकरणों से बिना नक्शा पास कराए ही मकान बना लेते हैं । इससे शहरों में हर वर्ष अवैध निर्माणों की संख्या बढ़ती जा रही है। जबकि सरकार द्वारा अवैध निर्माण रोकने के लिए कड़े कानून बनाए गए हैं। इसके बावजूद अवैध निर्माणों पर प्रभावी अंकुश नहीं लग पा रहा है।

इसके मद्देनजर ही आवास विभाग ने बैंकों की मदद लेकर अवैध निर्माण रोकने के उद्देश्य से यह नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है । इस संबंध में आवास विभाग ने बैंकों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। अब बैंकर्स अपने उच्च प्रबंधन से आवास विभाग के प्रस्ताव पर मंजूरी लेकर बैंकों में लागू कर देंगे ।
सख्त कानून के बाद भी नहीं रूक रहे अवैध निर्माण
दरअसल सरकार ने अवैध निर्माण रोकने के लिए सख्त कानून भी बना रखा है। पर बैंक, विकास प्राधिकरण में पंजीकृत आर्किटेक्ट और विकास प्राधिकरण कर्मियों की मिलीभगत के चलते यह कानून प्रभावी नहीं हो पा रहा है। वजह यह है कि बैंकों द्वारा आर्किटेक्ट के मुहर लगे नक्शे को ही विकास प्राधिकरण द्वारा पास नक्शा मानकर लोन स्वीकृत कर दिया जाता है। इसका फायदा उठाते हुए भूस्वामी भी प्राधिकरण कर्मियों से मिलकर बिना नक्शा पास कराए ही अवैध निर्माण करा लेता है। इससे साल दर साल अवैध निर्माणों की संख्या बढ़ती जा रही है।

विकास प्राधिकरणों की बढ़ेगी आय
सूत्रों का कहना है कि नई व्यवस्था के लागू होने से लोन लेने के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य हो जाएगा। इसका असर विकास प्राधिकरणों की आय पर भी पड़ेगा । जब अधिक नक्शा पास होंगे तो विकास शुल्क समेत कई अन्य तरह के शुल्क भी जमा होंगे। इससे प्राधिकरणों की आय बढ़ेगी। जिससे शहरों में विकास कार्य तेज होंगे।

स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट भी होगा अनिवार्य
इसके अलावा आवास विभाग शहरी क्षेत्रों में बन रहे बहुमंजिली इमारतों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के लिहाज से स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट को अनिवार्य करने पर भी विचार कर रहा है । सभी बहुमंजिली इमारतों का सेफ्टी ऑडिट कराया जाएगा। इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरणों द्वारा तैयार कराए गए मानक संचालन प्रक्रिया को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।

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