दशकों से बंद पड़ी छाता चीनी मिल का भूमिपूजन 10 जुलाई को, तैयारियां शुरू हुई 

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दशकों से बंद पड़ी छाता चीनी मिल का भूमिपूजन 10 जुलाई को, तैयारियां शुरू हुई
                                                 छाता-( मथुरा)। जिले की एकमात्र चीनी मिल को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा बजट पास होने पर उसे शुरू करने की तैयारी तेज हो गई है।  चीनी मिल की आधारशिला 10 जुलाई को रखी जाएगी।14 वर्षो से बंद पड़ी छाता चीनी मिल के प्रारंभ होने से छाता क्षेत्र के किसानों की दशा एवं दिशा सुधरेगी।इसी संबंध में मिल के नवनियुक्त अधिशासी निदेशक एफए सिद्धिकी और सीए सीवी मिश्रा ने  मिल परिसर का निरीक्षण किया।
नई चीनी मिल के शिलान्यास का जायजा लेने पहुंचे गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण ने पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में नौ लाख हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल बढ़ा है। नई मिले लगवाई जा रही है। इससे किसानों को लाभ मिल रहा है।किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उन्हें उन्नत बीज, कीटनाशक और उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जा रहे हैं।जनवरी 2009 में बसपा शासन काल में चीनी मिल बंद कर दी गई थी।इसके पीछे कारण था कि गन्ने के रेट बढ़ने एवं चीनी के दाम घटने से मिल लगभग 90 करोड़ के घाटे में चल रही थी।।मिल बंद होने के समय कर्मचारियों को वीआरएस देकर उनको घर भेज दिया गया।छाता चीनी मिल बंद होने पर मथुरा के किसानों ने अलीगढ़ स्थित मिल में अपनी गन्ना फसल को भेजना प्रारंभ कर दिया। लेकिन किसानों को समय से गन्ना पर्ची न मिलने एवं भुगतान में देरी के कारण स्थानीय किसानों का धीरे धीरे गन्ना उत्पादन से मोह भंग होता चला गया।इससे जनपद में गन्ने की पैदावार बुरी तरह प्रभावित हुई. इस संबंध में मिल के नवनियुक्त अधिशासी निदेशक एफए सिद्धिकी एवं सीए सीवी मिश्रा ने  छाता चीनी मिल परिसर का जायजा लिया।उन्होंने बताया कि 10 जुलाई को छाता चीनी मिल का शिलान्यास कार्यक्रम तय हो गया है। 10 जुलाई को गन्ना मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण द्वारा छाता चीनी मिल की आधारशिला रखे जाने के कार्यक्रम के लिए व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
किसानों को दी जाएगी। गन्ना पैदावार की जानकारी कैबिनेट मंत्री प्रतिनिधि नरदेव चौधरी ने बताया कि 10 जुलाई को छाता चीनी मिल का भूमि पूजन विधिविधान से होगा। इस अवसर पर भव्य कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों को आमंत्रित किया जाएगा।कार्यक्रम में किसानों को गन्ना बीज और पैदावार की तकनीकी जानकारी दी जाएगी।

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