उतरौला कस्बा की एक महिला से घर बनाने के लिए सरकारी जमीन का आवासीय पट्टा दिलाने के नाम पर एक जालसाज एक लाख रुपए ठग कर फरार हो गया। पीड़िता ने इसकी शिकायत कोतवाली उतरौला में की है। प्रभारी निरीक्षक संजय कुमार दुबे ने मामले की जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। पीड़िता ने बताया कि वह मोहल्ला सुभाष नगर में एक किराए के मकान में रहती है। करीब 6 माह पूर्व अनिल शुक्ला नाम का एक व्यक्ति सरकारी कर्मचारी बनकर हाथ में कागजात लिए उसके मकान पर सर्वे करने के बहाने आया। पूरा विवरण नोट किया निजी घर, मकान व जमीन न होने की जानकारी पर उसने पीड़िता को उतरौला ग्रामीण में घर बनाने हेतु दो बिसवा सरकारी जमीन का आवासीय पट्टा दिलाने के नाम पर डेढ़ लाख रुपए का मांग किया। पीड़िता ने डेढ़ लाख रुपए इकट्ठा कर पाने में असमर्थता जताई। बात चीत मे एक लाख रुपया दो किस्तों में अदा करने पर ज़मीन पट्टा कराना तयं हो गया। आवासीय पट्टा पाने के लिए पीड़िता ने अपनी जमा पूंजी का पचास हजार रुपया जालसाज को दे दिया। जालसाज पचास हजार रुपया लेकर आगे का कार्य करने की बात कह कर चला गया तथा फोन पर लगातार संपर्क बना रहा तथा फोन पर शेष धनराशि का इंतजाम करने की बात लगातार कहता रहा। पीड़िता तमाम जतन व अपने सगे संबंधियों से कर्ज लेकर शेष रकम पचास हजार का इंतजाम किया। करीब 20 दिन बाद अनिल शुक्ला पीड़िता के मकान पर गया। सभी काम पूरा होने का दावा किया और कहा कि शेष रकम दे दो उसके सात दिन बाद आपको आवासीय पट्टा का कागज मिल जाएगा। पीड़िता ने तयंशुदा राशि का शेष धनराशि पचास हजार रुपया जालसाज को दे दिया। इस तरह पीड़िता ने जलसास को पूरे एक लाख दिए। एक सप्ताह बीत जाने पर पीड़िता ने जलसाज को फोन कर आवासीय पट्टा का कागज मांगा। जालसाज बहाना बनाता रहा, और लगातार टालता रहा। कार्य में काफी विलंब होता देख पीड़िता ने बहुत दौड़ भाग कर पता लगाया तो पता चला कि इस नाम का कोई कर्मचारी उतरौला तहसील में नहीं है। उसको बार-बार फोन करने पर उसने पीड़िता का मोबाइल नंबर भी ब्लॉक कर दिया। ठगी का एहसास होने पर पीड़िता ने जलसाज के बारे में काफी खोजबीन किया। पता चला कि जालसाज संभवतः जनपद गोंडा के ग्राम चिड़ियापुर बाबागंज का रहने वाला है और फिलहाल गोंडा शहर में किसी कांशीराम कॉलोनी में रह रहा है।