November 22, 2024
download (10)

नयी दिल्ली। रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष आठ कंपनियों पर शुद्ध कर्ज का बोझ वित्त वर्ष 2019-20 के लगभग 40,000 करोड़ रुपये से 43 प्रतिशत घटकर बीते वित्त वर्ष (2022-23) में 23,000 करोड़ रुपये रह गया है। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी एनारॉक ने बताया कि घरों की भारी मांग से रियल एस्टेट कंपनियों पर कर्ज घटा है। एनारॉक के अनुसार, देशभर में घरों की भारी मांग ने प्रमुख बड़े और सूचीबद्ध डेवलपर अपना कर्ज कम कर सके हैं। एनारॉक ने आवासीय रियल एस्टेट में कार्यरत शीर्ष आठ कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन का विश्लेषण किया। इन कंपनियों में डीएलएफ, मैक्रोटेक डेवलपर्स (लोढ़ा ब्रांड), गोदरेज प्रॉपर्टीज, प्रेस्टीज एस्टेट प्रोजेक्ट्स, शोभा, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, पूर्वांकर और महिंद्रा लाइफस्पेस डेवलपर्स लिमिटेड हैं।

शीर्ष आठ सूचीबद्ध रियल एस्टेट कंपनियों पर शुद्ध कर्ज वित्त वर्ष 2019-20 में 40,500 करोड़ रुपये से वित्त वर्ष 2022-23 में घटकर लगभग 23,000 करोड़ रुपये रह गया है। इन आठ कंपनियों पर कर्ज की औसत लागत 2019-20 के 10.3 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में नौ प्रतिशत रह गई। वित्त वर्ष 2020-21 में ब्याज दर 9.05 प्रतिशत थी जबकि 2021-22 में कर्ज लागत 7.96 प्रतिशत थी। एनरॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, “सकल कर्ज में गिरावट बिक्री और राजस्व में बढ़ोतरी के कारण होनी ही थी।” उन्होंने कहा कि वितरकों की बिक्री कोविड-19 से पूर्व के स्तर को भी पार कर चुकी है और नई ऊंचाइयों की तरफ बढ़ रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *