यमुना खादर के इलाके में आई बाढ़ में फंसे 1500 लोगों को एनडीआरएफ, पीएसी और पुलिस की टीमों ने नाव के जरिये बाहर निकाला । अभी भी बड़ी संख्या में लोग पानी से चार फुट तक घिरे मकानों की छत पर मदद का इंतजार कर रहे हैं। बाढ़ का दायरा बढ़ते चले जाने के बीच राहत की बात यह है कि बागपत-लोनी सीमा पर यमुना के जिस तटबंध (पुश्ते) के टूट जाने से यह आपदा आई, 50 घंटे बीत जाने के बाद उसे पत्थर और रेत से भरे कट्टे डालकर भर दिया गया। इससे पानी का बहाव थम गया है। उम्मीद है कि रविवार को खादर में पानी उतर सकता है।
जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि शनिवार की शाम सात बजे तक पानी एक फुट कम हो गया था। उन्होंने बताया कि ट्रॉनिका सिटी में पानी भर जाने की वजह से 120 परिवारों के मजदूरों को रोका गया था। उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। पहले अंदाजा लगाया गया था कि पचायरा की तरफ जाएगा लेकिन अचानक बहाव लोनी की पूजा कालोनी, बदरपुर, नवादा की तरफ बढ़ते हुए अलीपुर ट्रॉनिका सिटी की तरफ चला गया । स्थिति का जायजा लेने के लिए आपदा प्रबंधन अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व विवेक श्रीवास्तव के साथ ही लोनी के उपजिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर हैं।