केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और विभिन्न दलों के नेताओं ने मंगलवार को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के निधन पर शोक जताया। खान ने चांडी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि इस अनुभवी कांग्रेस नेता ने सार्वजनिक जीवन और शासन में ‘एक अमिट छाप छोड़ी थी।’ राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में कहा, “वह एक आदर्श थे और मुझे विश्वास है कि उनका जीवन हमारे युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत साबित होगा।” खान ने यह भी कहा कि चांडी युवावस्था से ही सार्वजनिक मामलों में रुचि लेते थे और वह हमेशा “सद्भाव एवं शांति तथा लोकतांत्रिक एवं सौहार्दपूर्ण तरीके से विवादों के समाधान के लिए खड़े रहे।” उन्होंने कहा, “मैं पूर्व मुख्यमंत्री और जनता के आदर्श नेता श्री ओमन चांडी के निधन से बहुत दुखी हूं। वह पुथुप्पल्ली से रिकॉर्ड 53 वर्षों तक विधायक रहे।
यह उपलब्धि उनमें लोगों के अटूट विश्वास को दर्शाती है। शोक संतप्त परिवार और उनसे प्यार करने वाले लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं।” मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 1970 में चांडी के साथ विधायक बनने के पल को याद करते हुए कहा कि उनके निधन से केरल की राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय समाप्त हो गया। विजयन ने कहा कि विश्व राजनीति के इतिहास में केवल कुछ ही लोग बिना हारे पांच दशकों से अधिक समय तक विधायक बनने की उपलब्धि हासिल कर पाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह इस बात का प्रमाण है कि वह जनता के दिलों में क्या स्थान रखते थे। 1970 से केरल की मुख्यधारा की राजनीति में उनकी सक्रिय उपस्थिति रही। वह तीन बार मंत्री बने, दो बार मुख्यमंत्री पद पर काबिज हुए। उन्होंने वित्त, गृह विभाग और श्रम जैसे महत्वपूर्ण विभागों को कुशलतापूर्वक संभाला।”
विजयन ने कहा, “आधी सदी से अधिक समय तक कांग्रेस की राजनीति को धार देने में ओमन चांडी की भूमिका हमेशा उल्लेखनीय रही।’’ विजयन ने यह भी कहा कि चांडी ने कड़ी मेहनत और दृढ़ता को प्राथमिकता दी और अस्वस्थ होने के बावजूद अपने राजनीतिक कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे। कांग्रेस नेता एवं पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने चांडी के निधन को व्यक्तिगत, सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में उनके लिए ‘सबसे बड़ी क्षति’ बताया। एंटनी ने यहां पत्रकारों से कहा कि चांडी का निधन दक्षिणी राज्य, यहां के लोगों, कांग्रेस पार्टी और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के लिए एक बड़ी क्षति है। चांडी ने 1993 में के करुणाकरण को मुख्यमंत्री पद से हटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिससे एंटनी का दूसरी बार इस पद पर वापसी करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने चांडी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह दुनियाभर में मलयाली लोगों के लिए आशा का स्रोत थे। सतीशन ने कहा कि चांडी ने सत्ता की सीढ़ियां चढ़ने के लिए कभी भी लोगों को अवसर की तरह नहीं देखा और न ही कभी सत्ता का सुख अकेले लेना चाहा। फेसबुक पेज पर अपनी फोटो की जगह चांडी की फोटो लगाते हुए सतीशन ने कहा, ‘‘ओमान चांडी जैसा कोई और नहीं