May 19, 2024

यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि पिछले एक दशक में भारत ने अपनी अंतरराष्ट्रीय इमेज को बहुत ही बहुआयामी निर्मित कर लिया है। भारत क्योंकि खनिज संपदा, हाइडल प्रोजेक्ट और वित्तीय संस्थानों के कारण एक मजबूत राष्ट्र बन कर उभरा है। भारत एशिया की आर्थिक तथा सामरिक शक्ति बन चुका है। इसके अलावा भारत एक शक्तिशाली युवा देश भी है जिसके श्रमबल की गुणवत्ता के सुधार की बड़ी संभावना है ।भारतीय बैंकों में बचत की दर काफी ऊंची है और इसके अलावा मध्यमवर्गीय बचत से भारत में समृद्धि और विकास की अपार संभावनाएं मौजूद है। विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा जो कि इन दिनों तीसरी जी-20 वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नर ओं की बैठक में भाग लेने के लिए गांधीनगर गुजरात आए हुए हैं उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने क्षेत्रीय समृद्धि को बढ़ावा देने और विकास के कार्यों को आगे बढ़ाने में सराहनीय कार्य किए हैं ।अजय बंगा ने कहा कि विश्व बैंक भारत के आर्थिक रूप से वृद्धि को लेकर वे काफी आशावादी हैं और भारत को इन प्रयासों में तेजी लानी होगी। उन्होंने कहा कि भारत करोना महामारी के समय पैदा हुई चुनौतियों से मजबूत बनकर उभरा है और भारत वैश्विक स्तर पर कायम आर्थिक सुस्ती के बीच बहुत अच्छे कार्य कर रहा है जिसे उसे आगे रखने में काफी मदद मिलेगी। भारतीय अर्थव्यवस्था वैश्विक स्तर पर काफी सुस्ती होने के बावजूद अपने घरेलू उत्पाद की वजह से सुरक्षित है। भारत को चीन प्लस 1 रणनीति का फायदा उठाना चाहिए 3 प्लस 1 रणनीति का मतलब है कि अब दुनिया के विकसित देशों की कंपनियां अपने निर्माण केंद्र के तौर पर चीन के साथ किसी अन्य देश को भी जोड़ना चाहती है और वर्तमान समय में भारत देश ही एक संभावित विकल्प बनकर उभरा है भारत को इस रणनीति का अवसर 10 वर्षों तक नहीं खुला रहेगा यह अवसर केवल 3 से 5 वर्ष तक ही खुला रह सकता है जिसका भारत को पूरा फायदा उठाना चाहिए।
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मार्टिन वुल्फ ने तो स्पष्ट रूप से कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था निश्चित रूप से दुनिया में तेजी से बढ़ती हुई एक ताकत बनकर उभर रहा है और यही संभावनाएं पश्चिमी देशों को भारत पर दांव लगाने के लिए आकर्षित कर रही है उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती जनसंख्या और उसकी बचत करने क्षमता को देखते हुए भारत आगामी एक या दो दशक में विश्व की तीसरी आर्थिक शक्ति बन सकता है ।अर्थशास्त्री तथा टिप्पणी कार मार्टिन वुल्फ़ ने कहा की आगामी दशकों में भारत की अर्थव्यवस्था और आबादी दोनों तेजी से बढ़ेगी और इसी के दम पर भारत चीन को बराबरी की टक्कर दे सकेगा इसके अलावा भारत के पश्चिमी देशों जैसे अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया ,फ्रांस ,कनाडा, इंग्लैंड, इजराइल और खाड़ी के देशों से आर्थिक संबंध काफी मजबूत हैं। पश्चिमी देश आने वाले समय में भारत को चीन की टक्कर देने वाला देश मान रहे हैं और अपना निवेश तथा समर्थन देने की पूरी संभावना तलाश रहे हैं। भारत पश्चिमी देशों के लिए आर्थिक निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य की तरह दिखाई दे रहा है जो भारत के लिए और उसके भविष्य के लिए बड़ा सकारात्मक पक्ष होगा। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड, विश्व बैंक और तमाम अर्थशास्त्रियों का मानना है कि भारत देश के बैंकों का बहीखाता बेहतर हो गया है और बैंकों की जमा पूंजी भी अच्छी खासी है इसके अलावा सकल वृद्धि भी एक बार फिर से बेहतर आकार ले रही है। भारत के रणनीति कूटनीतिक तथा आर्थिक व्यवसायिक संबंध विश्व के प्रमुख देशों से बहुत ही मुकम्मल हो गए हैं जिससे भारत को पश्चिमी देशों के इन्वेस्टमेंट का बड़ा केंद्र माना जा रहा है यदि पश्चिमी देश चीन के अलावा भारत को एक इन्वेस्टमेंट का बड़ा विकल्प मानती है तो भारत को विश्व की तीसरी आर्थिक महाशक्ति बनने से कोई नहीं रोक सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *