कृषि विभाग द्वारा विकासखंड स्तरीय किसान गोष्ठी एवं कृषि निवेश मेला का आयोजन विकासखंड परिसर रामनगर और मऊ में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद आर के सिंह पटेल ने किसानों का आह्वान किया कि अपने जनपद में परंपरागत फसलों जैसे ज्वार बाजरा श्री अन्न, उर्दू मूंग अरहर, तिल आदि की बुवाई करके अधिक लाभ प्राप्त करें । श्री अन्न या मोटे अनाज जिनमें ज्यादा कृषि निवेश और अधिक देखभाल की जरूरत नहीं पड़ती, प्रति इकाई क्षेत्रफल में अधिक लाभ देते हैं। उन्होंने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि प्राकृतिक खेती करके अपनी मिट्टी और पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए गुणवत्ता युक्त खाद्यान्न, सब्जी, फलोत्पादन करके कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त करें। गोष्ठी के दौरान सांसद ने आए हुए किसानों को पावर स्प्रेयर और रागी के मिनीकिट बीज वितरित किए। विधायक मऊ मानिकपुर अविनाश चंद्र द्विवेदी ने किसानों से कहा सभी किसान भाई कृषि, उद्यान, पशुपालन आदि विभागों से संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाएं। विधायक ने सभी किसानों से अपील की कि अपने-अपने गोवंश को छुट्टा ना छोड़ें। सरकार द्वारा ग्राम सभाओं में गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है जिनमें छुट्टा पशुओं को संरक्षित किया जाता है। सभी किसान भाई एवं जनसमूह जनसहभागिता के द्वारा छुट्टा पशुओं को गौशालाओं में संरक्षित कराएं एवं अपने अपने पशुओं को अपने घर पर रखें ताकि इस खरीफ सीजन में अधिक से अधिक क्षेत्रफल में बुवाई करके खेती का लाभ प्राप्त किया जा सके। भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष चंद्रप्रकाश खरे ने किसानों से कहा कि प्राकृतिक खेती के साथ-साथ मोटे अनाज जिन्हें हम लोग श्रीअन्न कहते हैं की खेती करें जिससे कि हमारा पर्यावरण संरक्षित रहे और मानव व पशु स्वास्थ्य भी बेहतर रहे। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद और कृषि रक्षा रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग से कई तरह की बीमारियां लोगों में हो रही हैं जिसका एकमात्र विकल्प प्राकृतिक खेती है। उप कृषि निदेशक राजकुमार ने कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के किसानों से आह्वान किया कि जो किसान भाई इस योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं वे अपने अभिलेख अपलोड, ई के वाई सी आदि काम पूरे करा लें तभी अगली किस्त प्राप्त होगी। भूमि संरक्षण अधिकारी चित्रकूट तुलसीराम प्रजापति ने भूमि संरक्षण विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में किसानों को विस्तार से बताया और भूमि व जल संरक्षण के समुचित उपयोग पर बल देने की बात कही। पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ रवि शंकर गौतम ने पशुपालन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के बारे में किसानों को अवगत कराया। जिला कृषि अधिकारी आर पी शुक्ल ने कहा कि सभी किसान भाई प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ें। कृषि और पशुपालन एक दूसरे पर आश्रित हैं इसलिए सभी किसान भाई अपने पशुओं को अपने घर पर ही संरक्षित करते हुए उनके द्वारा उत्पादित गोबर एवं गोमूत्र को अपने खेत में ही प्रयोग करें साथ ही फसल अवशेष एवं हरी खाद के द्वारा अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करें। गोष्ठी में लगभग 700 किसानों ने भाग लिया और वैज्ञानिक चर्चा की। इस अवसर पर कृषि व पशुपालन विभाग के अधिकारी कर्मचारी तथा विकास खण्ड के पदाधिकारी व अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।