नई दिल्ली
मई महीने में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के सामने भाजपा और जेडीएस को करारी हार झेलनी पड़ी थी। हालांकि, अब दोनों दलों ने विधानसभा में मिलकर कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ने का एलान किया है। इसके साथ अब अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भी राज्य में दोनों दलों के गठबंधन की अटकलों को बल मिल गया है।
कर्नाटक की राजनीति में अभी क्या हुआ है?
दरअसल, गुरुवार रात जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के विधायक दल की बैठक हुई। इस विधायक दल की बैठक में पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा भी शामिल हुए थे। बैठक के बाद शुक्रवार को जेडीएस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी ने राज्य के हित में विपक्ष के रूप में भाजपा के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी सुप्रीमो देवगौड़ा ने उन्हें पार्टी के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है।
2024 लोकसभा चुनाव के लिए दोनों दलों की तैयारी क्या है?
एचडी कुमारस्वामी का यह बयान आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जेडीएस के एनडीए के साथ गठबंधन की संभावना की खबरों के बीच आया है। कुमारस्वामी ने कहा कि इस बारे में बात करने के लिए और लोकसभा चुनावों में अभी समय है। देखते हैं संसद का चुनाव कब होता है। पार्टी को संगठित करने की सलाह दी गई है। साथ ही उन्होंने कहा कि देवगौड़ा ने पार्टी के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने के लिए मुझे अधिकृत किया है।भाजपा गठबंधन को लेकर क्या कर रही है?
पिछले हफ्ते कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता बसवराज बोम्मई ने भाजपा और जेडीएस के साथ आने के लिए बातचीत के संकेत दिए थे। इसके बाद से ही कयास लगाए जाने लगे कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले जेडीएस एनडीए में शामिल हो सकती है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चर्चा के नतीजे भविष्य के राजनीतिक घटनाक्रम को तय करेंगे। जेडीएस के एनडीए में शामिल होने की संभावना पर बोम्मई ने कहा कि यह हमारे नेतृत्व और जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा के बीच चर्चा पर निर्भर करेगा। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कुछ भावनाएं व्यक्त की हैं और उस दिशा में चर्चा जारी रहेगी।
हाल ही में भाजपा और जेडीएस नेताओं की ओर से लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के बीच सहमति बनने के पर्याप्त संकेत मिले हैं। भाजपा के दिग्गज नेता बीएस येदियुरप्पा ने भी कहा था कि उनकी पार्टी और जेडीएस मिलकर राज्य में कांग्रेस सरकार से लड़ेंगे। कुमारस्वामी ने बयान दिया था कि परिस्थितियां बनने पर चुनावी समझ बनाने पर फैसला होगा।भाजपा–जेडीएस के साथ आने की वजह क्या है?
लोकसभा चुनाव में विपक्ष की चुनौतियों से निपटने के लिए भाजपा की योजना एनडीए का आकार बढ़ाने और जरूरी बदलावों के जरिए राज्यों के संगठन को चाक चौबंद करने की है। इस रणनीति के तहत पार्टी नेतृत्व ने पिछले महीने राजग का कुनबा बढ़ाने की योजना पर काम किया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि दो दिन हुई मैराथन बैठक में इन्हीं गुत्थियों को सुलझाने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव सुनील बंसल और संगठन महासचिव बीएल संतोष के साथ माथापच्ची की थी। सूत्रों ने यह भी बताया कि कर्नाटक में जेडीएस एनडीए में शामिल होने के लिए तैयार है। हालांकि, इन दोनों ही मामलों में कई पेंच हैं, जिन्हें सुलझाया जाना बाकी है।
जेडीएस की राज्य इकाई कर रही विरोध
जेडीएस कर्नाटक में भाजपा से गठबंधन के लिए तैयार है। पार्टी ने मांड्या, हासन, बंगलूरू ग्रामीण और चिकबल्लापुर सीट मांगी है। हालांकि, भाजपा की राज्य इकाई यह कह कर इस गठबंधन का विरोध कर रही है कि बिना जेडीएस के ही पार्टी पिछला प्रदर्शन दोहराने में कामयाब रहेगी। बीते चुनाव में भाजपा को 28 में से 25 तो जेडीएस को महज एक सीट मिली थी। इस पर अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व लेगा।
विधानसभा चुनाव में मिली हार भी एक वजह
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद भाजपा ने दक्षिण भारत में अपनी रणनीति में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी अब दक्षिण भारत के अलग–अलग राज्यों में नए साथियों की तलाश में है। हालांकि, कर्नाटक में एचडी देवगौड़ा के राजी होने के बावजूद पार्टी अंतिम निर्णय नहीं कर पा रही।