November 24, 2024
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नैनीताल। मेट्रोपोल स्थित शत्रु संपत्ति में वर्षों पुराने और अवैध रूप से बनाए गए मकानों को ध्वस्त करने के बाद यदि शासन-प्रशासन चाहे तो नैनीताल शहर को एलिवेटड रोड और एक पार्किंग स्थल का तोहफा मिल सकता है। इससे यहां आने वाले सैलानियों के साथ स्थानीय लोगों को भी लाभ मिलेगा, साथ ही पर्यटक सीजन में जिला और पुलिस प्रशासन के सामने यातायात संबंधी समस्याएं भी हल हो सकेंगी। दरअसल पूर्व के वर्षों में जिला प्रशासन अतिक्रमण हटाने से पहले इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए होमवर्क कर चुका है जिसे धरातल पर उतारना बाकी है।

जिला प्रशासन ने शत्रु संपत्ति को अतिक्रमणकारियों से तो मुक्त कर दिया है लेकिन अब इस भूमि का उपयोग किस तरह से किया जाएगा इस पर शासन और प्रशासन स्तर से फैसला होना। अतिक्रमण हटाने के बाद यहां इतनी जमीन उपलब्ध हो जाएगी कि शहर की सबसे प्रमुख यातायात संबंधी समस्या को हल कराया जा सकता है।

मेट्रोपोल कंपाउंड से अतिक्रमण हटाने का मामला वर्षों पुराना है। सूत्रों के मुताबिक अधिकारियों को उम्मीद थी कि एक न एक दिन जरूर यह अतिक्रमण हटेगा। इसे देखते हुए पिछले वर्षों के दौरान जिला प्रशासन के निर्देश पर लोनिवि के प्रांतीय खंड ने शत्रु संपत्ति में अतिक्रमणकारियों के कब्जे वाली जमीन का सर्वे किया था।

सर्वे के बाद साफ हुआ कि यदि यह क्षेत्र अतिक्रमण मुक्त हो जाए तो यहां अंडा मार्केट के पास से चीना बाबा चौराहे तक एलिवेटड रोड बनाई जा सकती है। एलिवेटेड रोड बनने से मस्जिद तिराहे से हाईकोर्ट की ओर आने जाने वाले वाहन इसी डबल रोड से आ जा सकेंगे और इससे बीडी पांडे और मोहन-को चौराहे वाली रोड को वन से मुक्त किया जा सकेगा। इसका सीधा लाभ शहर के कारोबारियों, स्थानीय लोगों और सैलानियों को होगा और वह मोहन-को चौराहे वाली सड़क में आसानी से आवाजाही कर सकेंगे। अब देखना है कि शासन प्रशासन इस योजना को कैसे अंजाम दिलाता है।

मेट्रोपोल कंपाउंड को संवारने की योजना

जिला विकास प्राधिकरण के सचिव पंकज उपाध्याय का कहना है कि समूचे मेट्रोपोल कंपाउंड को संवारने की दिशा में जिला प्रशासन कवायद कर रहा है। अतक्रमणकारियों के कब्जे से मुक्त कराई गई जमीन और मेट्रोपोल कंपाउंड क्षेत्र में स्थित वर्षों पुराने होटल के जीर्णोद्धार की भी योजना है। इस योजना पर लगभग सात करोड़ रुपये खर्च आने का अनुमान है। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही इस प्रस्ताव को शासन को भेजा जाएगा ताकि धनराशि उपलब्ध होने के बाद योजना को अमली जामा पहनाया जा सके।

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