अमेरिका सहित पश्चिमी देशों में महिलाओं को उच्च पद दिया जाना कोई नई बात नहीं है वर्तमान में फ्रांस की प्रधानमंत्री महिला ही हैं और अमेरिका में ही उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के अलावा बहुत सारे महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर भारतीय मूल की महिलाएं पूर्व में पदस्थ की गई हैं पर इस बार अमेरिका तीनों सेना प्रमुख लीजा फ्राचेटी मनोनीत होने वाली हैं। यह संभवत अमेरिकी इतिहास की पहली नौसेना प्रमुख महिला होंगी। 38 साल की नौसेना की सेवा के पश्चात उन्हें यह महत्वपूर्ण पद प्रदान किया जा रहा है। इसके पूर्व लीजा नौसेना में कई पदों को पूरी निष्ठा के साथ संपादित कर चुकी हैं। उन्हें अमेरिकी नौसेना की शक्तिशाली एवं मजबूत उपप्रधान माना जाता हैं। अब उन्हें नौसेना का सर्वोच्च पद प्रदान किया जाएगा। वॉशिंगटन डीसी की समाचार एजेंसियों के हवाले से बताया गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने एडमिरल लीजा को अमेरिका जैसे देश की भारी भरकम नौसेना का नेतृत्व करने के लिए चुना है। एजेंसी ने आगे बताया है कि यदि अमेरिकी सीनेट उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे देती है तो वह अमेरिका में किसी भी सैन्य सेवा की प्रमुख बनने वाली पहली महिला अधिकारी होंगी। इसके पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉर्ड ऑस्टिन ने अमेरिकी नौसेना पेसिफिक बेड़े के एडमिरल सैमुअल पेपरों को इस पद के लिए अनुशंसा की थी पर उन्हें यूएस इंडोपेसिफिक कमांड का प्रमुख नामजद कर दिया गया है। वैसे इन दोनों की नियुक्ति की अधिकारिक सूचना सार्वजनिक नहीं की गई है। वर्तमान में लीजा नौसेना की उप प्रमुख हैं लीजा 1985 में अमेरिकी नौसेना में कमीशंड हुई थी। लीजा इसके पूर्व अमेरिकी नौसेना बल में कोरिया के कमांडर के अलावा नौसेना संचालन की निर्देशक योजनाओं और नीति की निर्देशक के रूप में सफलतापूर्वक काम कर चुकी है। उन्होंने दो कैरियर स्ट्राइक ग्रुप की कमांडर की भूमिका भी निभाई है और उसके पश्चात 2022 में उनकी नियुक्ति सेना के उप प्रमुख के रूप में की गई थी।
उल्लेखनीय है कि भारत जैसे विकासशील देश में भारत के प्रधानमंत्री ने श्रीमती सीतारमण को रक्षा मंत्री का पद सौंपा था पर यह पदस्थापना पॉलिटिकल पदस्थापना थी। भारत में भी अब महिला अधिकारियों की नियुक्तियां सैन्य बल में बड़ी संख्या में की जा रही हैं महिलाओं को सेना में शामिल किए जाने की वैश्विक पहल की जाने लगी है उसी के परिणामस्वरूप अमेरिका के राष्ट्रपति ने लीजा की नौसेना प्रमुख के रूप में नियुक्तियों को प्राथमिकता दी है। जो वाइडन ने लीजा की प्रशंसा करते हुए कहा है की एडमिरल लीजा एक कमीशंड अधिकारी के रूप में देश में 38 वर्षों की समर्पित सेवा प्रदान करेंगी जिसमें नौसेना संचालन के उप प्रमुख के रूप में वर्तमान भूमिका भी शामिल है। राष्ट्रपति ने आगे कहा की लीला अपने पूरे कैरियर के दौरान परिचालन और नीति दोनों क्षेत्र में बतौर निर्देशक व्यापक विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया है और वह अमेरिकी नौसेना में चार सितारा एडमिरल का पद हासिल करने वाली दूसरी महिला अधिकारी हैं। यदि अमेरिकी सीनेट इसे पारित करता है तो लीजा नौसेना संचालन प्रमुख और संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के रूप में सेवा देने वाली पहली महिला के रूप में फिर से एक इतिहास बनाएंगी। इसके अलावा अमेरिका के फोर्स कमांड के डिप्टी कमांडर वाइस एडमिरल जेम्स किल्बी को अगला नौसेना उप प्रमुख नामित किया जाएगा। इसके अलावा नेवी के पेसिफिक बल के कमांडर सैमुअल पेपारो को इंडो पेसिफिक कमांड के कमांडर के रूप में प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी सेना का नेतृत्व करने के कमांडर ग्रुप में नियुक्त किया जाएगा। अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा मंत्री ने राष्ट्रपति की इस नामांकन की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि प्रत्येक एडमिरल यह सुनिश्चित करेगा कि हमारी अमेरिकी नौसेना और इंडोपेसिफिक में संयुक्त बल ऐतिहासिक रूप से सशक्त बल बनकर कर उभरेगी और इन सब सैन्य अधिकारियों के नेतृत्व में दुनिया भर में शक्ति प्रदर्शन करने सामुद्रिक स्वतंत्रता की रक्षा करने और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरा प्रयास करेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने लीजा की नियुक्ति कर महिला सशक्तिकरण के लिए एक आवश्यक कदम उठाया है और यह अमेरिकी इतिहास में पहली बार होगा कि किसी भी सेना के अंग में लीजा पहली नौसेना प्रमुख बनाई जाएंगी।
यह बात अहम है कि अमेरिका में 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति जो वाइडन फिर से राष्ट्रपति के रूप में अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने वाले है। इन परिस्थितियों में राष्ट्रपति जो अनेक नियुक्ति की घोषणा करने वाले हैं इसमें लीजा की नियुक्ति भी एक कड़ी के रूप में देखी जा रही है। उनके प्रतिद्वंदी डोनाल्ड ट्रंप बहुत सारे कोर्ट के मामलों में उलझे हुए हैं और आने वाले समय में ट्रंप को कानूनी रूप से कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इन परिस्थितियों में वर्तमान राष्ट्रपति जो वाइडन एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में अमेरिका में अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे। यही कारण है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने संबंध भारत से मजबूत करना चाहते
है क्योंकि भारतीय मूल के अमेरिका गए लोगों की जनसंख्या में भागीदारी लगभग 10% है और इनके सहयोग तथा सपोर्ट से कोई भी राष्ट्रपति अपनी जीत का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।