मथुरा। यमुना में आई बाढ़ के बाद अब जलस्तर में गिरावट तेजी से हो रही है। जलस्तर में आ रही कमी से एक तरफ प्रशासन ने जहां राहत की सांस ली है। वहीं, दूसरी तरफ अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियां फैलने की चिंता भी सता रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में गंभीर बीमारियां न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की 15 टीम लगाई हैं, जो मौके पर ही OPD कर रही हैं। बाढ़ से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया था। मथुरा- वृंदावन के अलावा देहात इलाके के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। अब यमुना के जलस्तर में लगातार गिरावट हो रही है। यमुना खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। यमुना के जल में हो रही गिरावट के कारण जहां जन जीवन सामान्य हो रहा है। वहीं मच्छर जनित बीमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है। यमुना में आई बाढ़ के कारण जिन इलाकों में पानी भरा है। वहां अब पानी कम होने के बाद सबसे बड़ा खतरा मच्छर जनित बीमारियों से है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों मेडेंगू,मलेरिया,डायरिया,घबराहट जैसी बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है। CMO डा अजय वर्मा ने बताया कि बीमारियों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय वर्मा ने बताया कि बीमारियों से बचने के लिए पानी को उबाल कर पिएं,फूल बाजू की शर्ट पहनें। इसके अलावा कटे रखे हुए फल न खाएं। घर के आस-पास साफ सफाई रखें।कूलर में भरे पानी को समय समय पर बदलें। गमला, टायर या किसी गड्डे में पानी को जमा न होने दें। बाढ़ के बाद प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियां न फैले इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट मोड़ पर है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अजय वर्मा ने बताया कि शहरी इलाकों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 15 जगह टीम तैनात की गई है। इस टीम में डॉक्टर,फार्मासिस्ट और कंपाउंडर हैं। यह टीम मौके पर ही ओपीडी कर मरीजों की जांच कर रही है। क्लोरिन की गोलियां वितरित की जा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बीमारियां न फैले इसके लिए नगर निगम भी लगातार प्रयास कर रहा है। जहां जहां यमुना का पानी कम हो रहा है उन इलाकों में विशेष सफाई अभियान चलाया जा रहा है। सफाई कर्मी कूड़े को एकत्रित नहीं होने दे रहे। जहां पानी जमा है उसकी निकासी की जा रही है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एंटी लार्वा का छिड़काव किया जा रहा है। अपर नगर आयुक्त क्रांति शेखर सिंह ने कहा कि यमुना में जल स्तर घटने के साथ लोग अपने घरों की ओर से लौटने लगे हैं। ऐसे में जल जनित और मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम करना जरूरी है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यह कार्य बड़े स्तर पर किए जा रहा है। यमुना का जल स्तर बढ़ने के कारण आई बाढ़ के चलते निचले इलाकों से हजारों लोगों को उनके घरों से निकाला गया था। इन लोगों के सामने विभिन्न प्रकार की समस्याएं हैं। इसमें इस समय सबसे बड़ी जरूरत इन लोगों को बीमारियों से बचाने की भी है। अपर आयुक्त ने बताया जहां जलभराव है वहां से मोटर द्वारा जल निकासी की व्यवस्था कराई जाएगी