November 24, 2024
IMG-20230721-WA0171
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे
वाराणसी।पानी का स्तर काफी नीचे होता जा रहा है ऐसे में बरसात के पानी के संरक्षण से ही हम सभी गिरते जल स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय,कुमारगंज,अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर द्वारा रेन वाटर हार्वेस्टिंग कार्यक्रम में गोष्ठी कर वर्षा जल संचयन और पर्यावरण संरक्षण के बारे में किसानों को नई टेक्नोलॉजी से जागरूक किया गया।केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष ने डॉक्टर नरेंद्र रघुबनशी ने कहा कि बारिश के मौसम को देखते हुए किसान खेतों के पास तालाब बनवाकर जल का संचयन कर सकते हैं।जिले में बारिश शुरू हो गई है।बारिश का पानी बर्बाद ना हो इसके लिए किसानों को थोड़ी और मेहनत करने की जरूरत है।डा सिंह ने बताया कि कृषक खेतों के निकट ही तालाब का निर्माण करवाएं जिससे बारिश के पानी को तालाब में ही संचयन किया जा सकता और पानी को बर्बाद होने से रोका जा सकता है।गृह वैज्ञानिक डा प्रतीक्षा सिंह ने श्रीअन्न के महत्व और उपयोगिता के बारे में बताया। उन्होंने कहा की श्रीअन्न के सेवन से जहां पर मानव समुदाय को तमाम बीमारियों से निजात मिलेगी वही धरती मां भी स्वस्थ रहेगी।श्रीअन्न की खेती के लिए कम मात्रा में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों की जरूरत पड़ती और लागत में कमी आती है।वैज्ञानिक डा राहुल कुमार सिंह ने कहा कि वर्षा जल संरक्षण करके कृषक खेती को लाभदायक बना सकते हैं।धरती के अंदर जल स्तर को भी बनाए रख सकते हैं।जिसे पेड़-पौधों जीव-जंतुओं को भी अपना जीवन चक्र चलाने में मदद मिलती है।वही मिश्रित खेती के रूप में मछली पालन कर दुगनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। उद्यान वैज्ञानिक डॉक्टर मनीष पांडेय ने किसानो से बातचीत करते हुए कहा की पर्यावरण संरक्षण के साथ ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर किसान भाइयों को विचार करने की आवश्यकता हैं।राणा पियूष ने कहाँ की पानी का स्तर काफी नीचे होता जा रहा है ऐसे में बरसात के पानी के संरक्षण से ही हम सभी गिरते जल स्तर को नियंत्रित कर सकते हैं।इस अवसर किसानो को उर्द के बीज का निःशुल्क वितरण किया गया।कार्यक्रम में केंद्र के कर्मचारी अशोक, नागेंद्र सहित लगभग पाँच दर्जन किसान उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *