ऊना/शिमला
उद्योग से माल ढुलाई विवाद मामले में हरोली ब्लॉक इंडस्ट्री एसोसिएशन को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की पीठ ने याचिका का निपटारा करते हुए डीसी और एसपी ऊना को उद्योगों से निर्बाध माल ढुलाई सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। पीठ ने पूर्व में सुनाए एक फैसले का इस मामले में जिक्र करते हुए इसे लागू करने को कहा है। अदालत ने बीते 19 जुलाई को आदेश जारी करते हुए दो याचिकाओं का निपटारा किया है।
अदालत ने पारित आदेश में कहा है कि ट्रक यूनियनों को माल ढुलाई दरें तय करने और उद्योगों के परिवहन में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। परिवहन में हस्तक्षेप करने को अवमानना माना जाएगा। इसी के साथ डीसी, एसपी को निर्देश दिए हैं कि ऐसी गतिविधियां ध्यान में आती हैं तो तुरंत पीठ के ध्यान में लाया जाए। निजी प्रतिवादी (ट्रक यूनियनों) को वाहनों के संचालन या माल ढुलाई शुल्क के निर्धारण के मामले में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है।
आदेश में मैसर्ज मेट ट्रेड इंडिया लिमिटेड बनाम राज्य सरकार मामले का जिक्र करते हुए इस मामले सुनाए गए फैसले को लागू करने के लिए कहा गया है। इसके साथ डीसी और एसपी ऊना से इस मामले में दो सप्ताह के भीतर अनुपालना रिपोर्ट तलब की है। बता दें कि हरोली क्षेत्र के तहत आने वाले विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में माल ढुलाई को लेकर विवाद था। ट्रक यूनियन उद्योग पर उनके ट्रकों से माल ढुलाई का दवाब बना रहे थे।
उद्योगों की तरफ से सस्ते भाड़े पर बाहरी ऑपरेटरों से माल ढुलाई पर स्थानीय यूनियन बाधा पहुंचाती थी। इसी को लेकर एसोसिएशन ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और अब यहां एसोसिएशन को राहत मिली है। उधर, जजमेंट आने के बाद एसोसिएशन ने सभी सदस्यों के लिए एक सर्कुलर भी जारी कर दिया है। इसमें पीठ की जजमेंट का उल्लेख करते हुए बिना हस्तक्षेप परिवहन होने की बात कही है।