November 25, 2024
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उरई। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर पर दहेज प्रतिषेध विषयक एक संगोष्ठी का किया गया आयोजन। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी/जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने उपस्थित जनसमूह को बताया कि दहेज लेना व देना दोनों अपराध है कृपया इससे बचें। दहेज एक सामाजिक बुराई है जिसके कारण समाज में महिलाओं के प्रति अकल्पनीय यातनाएं और अपराध उत्पन्न हुए हैं तथा भारतीय वैवाहिक व्यवस्था दूषित हुई है। दहेज शादी के समय दूल्हे के घर वालों को लड़की के परिवार द्वारा नगद या वस्तु के रूप में दिया जाने वाला भुगतान है। आज सरकार न केवल दहेज प्रथा को मिटाने के लिए बल्कि बालिकाओं के उत्थान के लिए कई कानून और योजनाएं संचालित कर रही है ताकि इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सके। आज जहां दहेज से मुक्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सामूहिक विवाह योजना संचालित की जा रही है जहां सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वैवाहिक कार्यक्रम संपन्न किए जाते हैं तथा दंपति को 35000 रुपया अपने परिवार के उत्थान के लिए भी दिया जाता है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक संदीप सिन्हा ने कहा कि बेटियों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा सतत प्रयास किया जा रहा है तथा बालिकाओं के कल्याण के लिए जहां एक ओर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी योजनाएं संचालित की जा रही है वहीं उनको स्वावलंबी बनाने के लिए स्वयं सहायता को ऋण देने की व्यवस्था बैंक द्वारा की जा रही है। इस दौरान कार्यक्रम में अंशुल अग्रवाल शाखा प्रबंधक इंडियन बैंक ने कहा कि आप बैंक में आकर बालिकाओं के उत्थान के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बेटियों का खाता खोल सकते हैं जिससे उनकी पढ़ाई व शादी में बहुत मदद मिलेगी। जिला दहेज प्रतिषेध अधिकारी डॉक्टर अमरेंद्र कुमार पौत्स्यायन ने कहा कि दहेज संबंधी किसी भी शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 112, 181, 1098 डायल कर अथवा जिला प्रोबेशन कार्यालय में अपनी शिकायत या वन स्टॉप सेंटर में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं तथा उस पर प्रभावी कार्यवाही की जाएगी। दहेज लेना या देना या दहेज के लिए उकसाना दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 के अंतर्गत अपराध है जिसके लिए 5 साल तक की कैद अथवा 15000 रू० या दहेज की रकम जो भी अधिक हो जुर्माना का प्रावधान है प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से दहेज की मांग पर 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा तथा 10000 रू० का जुर्माना का प्रावधान है। इस दौरान कार्यक्रम में वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रबंधक अंजना मनो सामाजिक परामर्शदाता रागनी केस वर्कर प्रवीणा रिचा चाइल्ड हेल्पलाइन से परामर्शदाता रागनी कुसुमलता दीप्ति राजा भारद्वाज महिला कल्याण विभाग की ओर से आदर्श आलेख राहुल हर्षित तथा समस्त महिला कल्याण विभाग परिवार व सामाजिक कार्यकर्ता व पुलिस विभाग से लोग उपस्थित रहे।

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