सोनभद्र। कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को जुलूस निकाल कर विरोध प्रदर्शन करते रसोईया संघ ने डीएम ऑफिस में अपनी मांग संबंधी पांच सुत्रीय मांग पत्र देकर बुलंद की आवाज। अध्यक्षता कर रही मन्नो देवी ने बताया कि, हम रसोइया कर्मी बहुत अल्प मानदेय और बेहद कठिन परिस्थितियों में अपने कार्य को वर्षों से कुशलता पूर्वक संपादित करती आ रही हैं। मिलने वाली मानदेय की राशि भी आज तक कभी भी नियमित रूप से नही मिली। वर्तमान समय में भी 4 माह का मानदेय बकाया है। न तो कोई स्वास्थ्य सुविधा है और न ही जीवन बीमा। नवीनीकरण के नाम पर मनमाने ढंग से निष्कासन आम बात हो गई है। धुंआ मुक्त प्रदेश में हम जुगाड़ की लकड़ी में खाना पकाने के लिए बाध्य हैं। गैस सिलेंडर नुमाइस की सामान भर हैं। खाना बनाने के साथ सफाई कर्मचारी से लेकर चपरासी तक के सारे काम करने पड़ते हैं। कोई आकस्मिक और बीमारी का कोई अवकास नही मिलता। बताया कि, हमारी निम्न मांगो पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर उन्हे पूरा करते हुए हम रसोईया कर्मियों को भी सामान्य जीवन जीने का हक प्रदान करने की कृपा की जाये। हमारी मांग है कि, 45 वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश के अनुरूप रसोईया कर्मियों के स्थाई करण, न्यूनतम वेतन, ईएसआई व ईपीएफ की सुविधा, सेवा निवृत्ति पर ग्रेड्यूटी और पेंशन की सुविधा की गारंटी की जाय। विगत 4 माह का बकाया तत्काल भुगतान किया जाय। पूरे 12 माह का मानदेय अनुमन्य किया जाय। सभी विद्यालयों को एक सर्कुलर जारी कर किए जाने वाले दुर्व्यवहार पर रोक लगाई जाए और उत्पीड़न की घटनाओं और यौन दुर्व्यहार के विरुद्ध त्वरित न्याय के लिए जेंडर सेल गठित की जाय। विद्यालयों में खाना बनाने के कार्य के अलावा कराई जा रही बेगार पर रोक लगाने के लिए आदेशित किया जाय। इस दौरान अध्यक्ष मन्नो देवी, सचिव ममता देवी, ट्रेड यूनियन एक्टू जिला अध्यक्ष कामरेड कलीम, सुनीता देवी, रीता देवी, माला देवी, वंदना देवी, पुष्पा देवी, गीता देवी सहित तमाम रसोईया मौजूद थे।