बहराइच l स्टेट मेडिकल कॉलेज में शनिवार सुबह खुशियों का माहौल रहा। मेडिकल कॉलेज में पहली बार कूल्हे का सफल प्रत्यारोपण हुआ। असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जयदीप पटेल की टीम ने एक युवक के कूल्हे का प्रत्यारोपण कर उसे नया जीवन दिया। साथ ही युवक का खर्च लाखों के बजाए हजारों में सिमट कर रह गया।
जिला मुख्यालय पर स्टेट मेडिकल कॉलेज संचालित है। मेडिकल कॉलेज नित्य नए कीर्तिमान गढ़ता जा रहा है। इसी के तहत शनिवार की सुबह भी मेडिकल कॉलेज और जिले के लोगों के लिए खुशियां लेकर आया। हुआ यूं कि श्रावस्ती जिले के भिनगा थाना क्षेत्र के अमरहवा गांव निवासी बृजेश कुमार (26) पुत्र राम तीरथ 3 वर्ष से कूल्हे की बीमारी से परेशान थे। कुल्हा खराब होने के चलते वह अपने पैर से चल नहीं पा रहे थे। आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने के चलते वह लखनऊ या प्राइवेट अस्पताल में इलाज भी नहीं करवा पा रहे थे। ऐसे में दो सप्ताह पूर्व मेडिकल कॉलेज में शुरू हुए अमृत फार्मेसी का लाभ युवा बृजेश कुमार को मिला। बृजेश कुमार के परिवार के लोगों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क साधा। प्राचार्य डॉक्टर संजय कुमार खत्री की देखरेख में शनिवार को मेडिकल कॉलेज में युवक के कूल्हे का प्रत्यारोपण शुरू हुआ। जिला मुख्यालय पर स्टेट मेडिकल कॉलेज संचालित है। मेडिकल कॉलेज नित्य नए कीर्तिमान गढ़ता जा रहा है। इसी के तहत शनिवार की सुबह भी मेडिकल कॉलेज और जिले के लोगों के लिए खुशियां लेकर आया। हुआ यूं कि श्रावस्ती जिले के भिनगा थाना क्षेत्र के अमरहवा गांव निवासी बृजेश कुमार (26) पुत्र राम तीरथ 3 वर्ष से कूल्हे की बीमारी से परेशान थे। कुल्हा खराब होने के चलते वह अपने पैर से चल नहीं पा रहे थे। आर्थिक स्थिति काफी कमजोर होने के चलते वह लखनऊ या प्राइवेट अस्पताल में इलाज भी नहीं करवा पा रहे थे। ऐसे में दो सप्ताह पूर्व मेडिकल कॉलेज में शुरू हुए अमृत फार्मेसी का लाभ युवा बृजेश कुमार को मिला। बृजेश कुमार के परिवार के लोगों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से संपर्क साधा। प्राचार्य डॉक्टर संजय कुमार खत्री की देखरेख में शनिवार को मेडिकल कॉलेज में युवक के कूल्हे का प्रत्यारोपण शुरू हुआ। असिस्टेंट प्रोफेसर अर्थों डॉ जयदीप पटेल की टीम ने बृजेश कुमार के कूल्हे का सफल ऑपरेशन करते हुए प्रत्यारोपण किया। डॉ जयदीप पटेल ने बताया कि कूल्हे का प्रत्यारोपण करते हुए उसके स्थान पर दूसरा लगा दिया गया है। युवक को मेडिकल कॉलेज की ओर से नया जीवन मिला है। उन्होंने बताया कि ब्लड सर्कुलेशन ना होने के चलते कुल्हा गल रहा था, आने वाले समय में कुछ भी हो सकता था। उन्होंने बताया कि तीन से चार दिन में युवक अपने पैरों से पुनः चलने लगेगा। मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ जयदीप पटेल ने बताया कि युवा आज के समय में अल्कोहल, जिम करने के बाद पाउडर और स्ट्रायड का उपयोग अधिक करते हैं। इसी के चलते कूल्हे में कमी होने पर ब्लड सर्कुलेशन बंद हो जाता है और कूल्हा गलने लगता है। मेडिकल कॉलेज में प्रदेश का पांचवा अमृत फार्मेसी खुला है। यहां पर सभी तरह की दवाई 40 से लेकर 60% तक की छूट पर मिलती है। इसका लाभ सभी को मिल रहा है। इसी का है कि सरकार की ओर से शुरू की गई अमृत फार्मेसी के इलाज से युवक हजारों रुपए में ठीक हो गया जबकि बाहर लखनऊ में कूल्हा प्रत्यारोपण का इलाज होता तो तीन से चार लाख रुपए का खर्चा आता।