सादुल्लाहनगर (बलरामपुर) /रसोई को स्वादिष्ट बनाने के लिए आमजन संक्रमित बीमारी से बेखबर और लापरवाह होते नजर आ रहे हैं । स्थानीय कस्बे में सप्ताह में तीन दिन बाजार लगती है जिसमें बाजार में दूर दराज के व्यापारी अपने माल को मुंह मांगे कीमत पर बेचते हैं जिनमें मछली और बकरे का मांस बड़ी मात्रा में खपत होता है ।पूरे बाजार में पचास कुंतल से भी ज्यादा मांस की बिक्री होती है। ग्राहक बजबजाती गंदगी में बेचते व्यापारी और मांस को खरीदते समय जिस लापरवाही का सबूत देते हैं उससे अनेक बुद्धिजीवी वर्ग को संक्रमण रोग फैलने का खतरा साफ दिखाई देता है। स्थानीय इंटर कालेज के खेल मैदान के एक किनारे जो कि मुख्य मार्ग और आबादी से लगी हुई भूमि पर भयानक गंदगी के बीच शिक्षित और सम्मानित लोगों को मांस खरीदते देख अशिक्षित और संक्रमण रोगों से अनभिज्ञ लोगों की लालसा उसी स्थान से मांस खरीदने की बढ़ जाती है । अनेक बुद्धिजीवी वर्ग ने इस गम्भीर समस्या से लोगों को जागरूक करने की कोशिश भी को लेकिन नाकाम साबित हुई। केन्द्र सरकार की स्वच्छ भारत मिशन की सभी योजनाओं पर सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के क्रम में ग्राम सभाओं को धन भी आवंटित भी किया जाता है जिससे कूड़ा -कचरा एक स्थान पर ही फेंकने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाय परंतु ग्राम सभा गूमा फातमा जोत में सफाई के नाम पर कुछ भी दिखाई नहीं देता । विदित हो कि साप्ताहिक मंगलवार और शुक्रवार की बाजार इस ग्राम सभा में ही संचालित होती है ।गंदगी में रख कर मांस और मछली की बिक्री से बड़ी संख्या में लोगों ने विरोध जताया है।