आगरा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा गरीबों के लिए राशन वितरण प्रणाली लागू की गई थी लेकिन गरीबों को चावल नसीब नहीं हो रहे और ग्राम प्रधान अपने बच्चों को सरकारी चावल खिलाकर पाल रहे हैं इनके पास राशन लेने के लिए पैसा नहीं है जबकि गाड़ियां और हथियार कमर में लगाकर चलते हैं फिर भी गरीब हैं अधिकारियों की आंखें बंद हैं के ग्राम प्रधान बनने के बावजूद भी उसका राशन कार्ड चल रहा है इससे पहले राशन कार्ड तो चल रही रहा था लेकिन प्रधान बनने के बावजूद भी सरकारी चावल पर परिवार पालने वाला ग्राम प्रधान कितना गरीब होगा इसका अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं अपने आपको हरिचंद बताने वाला ग्राम प्रधान मुड़ी जहांगीरपुर राजीव गिरी सरकारी चावल खाकर पालन पोषण कर रहा है उसकी पत्नी के नाम राशन कार्ड बना हुआ है जिसमें 5 यूनिट अंकित हैं अपने आपको वैसे तो गांव का राजा बताने वाला प्रधान उन गरीबों से नीचे है जो सरकारी राशन पर पेट पालते हैं इससे ही साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्राम प्रधान की क्या मानसिकता है वैसे तो इसके अत्याचार को क्षेत्र की जनता जानती है ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान हमेशा सरकारी चावल खाता रहा है ग्राम प्रधान का अधिकारियों द्वारा राशन कार्ड क्यों नहीं काटा गया गरीब होने के बावजूद भी सरकारी राशन लेने वाले ग्राम प्रधान के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई वीडियो खंदौली ने बताया कि ग्राम प्रधान का राशन कार्ड नहीं हो सकता क्योंकि गांव का मुखिया होता है जबकि शासन का आदेश है कि गरीबों के लिए राशन वितरण किया जाएगा ग्राम प्रधान राजीव गिरी गरीब नहीं है उसे तो अपना कार्ड पहले ही कटवा देना चाहिए 5 ग्राम पंचायत अधिकारी मुड़ी जहांगीरपुर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान का राशन कार्ड नहीं हो सकता अगर ऐसा है तो गलत है सरकारी राशन गरीबों के लिए आता है लेकिन जिस प्रकार कागजातों में हर महीने फ्री का राशन प्रधान के कार्ड पर जा रहा है तो गलत है ।
ब्लॉक खंदौली के ग्राम पंचायत मुड़ी जहांगीरपुर का प्रधान राजीव गिरी की धर्मपत्नी के नाम पर राशन कार्ड एवं बेटे का नाम मनरेगा कार्ड में।
अब गरीब क्या कमाए..? क्या खाएं..?