भदोही। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के जिला इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल सांसद डॉ.रमेश चंद बिंद से मिलकर प्रधानमंत्री के नाम संबोधित एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें आयकर अधिनियम 1961 की धारा 43बी एच के द्वारा किए गए संसोधन में एमएसएमई से समयावधि के संबंध में किए गए अनुबंध को मान्यता दिए जाने की मांग की गई।
एमएसएमई इकाइयों की सुविधाओं को दृष्टिगत रखते हुए आयकर अधिनियम 43 बी में संशोधन करते हुए उसको 43 बी (एच) के द्वारा एमएसएमई से जुड़ी इकाइयों को अधिकतम 15 दिनों के भीतर भुगतान किए जाने की व्यवस्था अनिवार्य कर दी गई है।जिसका स्थिति जन्य में पालन कर पाना संभव नहीं है। एमएसएमई से जुड़ी जो भी सुक्ष्म में इकाइयां हैं। उसको अपने माल का विक्रय करने के लिए बड़ी-बड़ी इकाइयों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। उनको अपने माल को बनाने के लिए व्यापारियों को अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया करानी पड़ती है। जिसमें समयावधि सीमा के साथ-साथ माल वापसी तक का भी अनुबंध करना पड़ता है। तब व्यापारी उनसे माल खरीदता है। एमएसएमई से माल खरीदने वाले व्यापारी को उसे माल की बिक्री उधर में करना पड़ता है उसे कारण भुगतान आने पर ही लघु इकाइयों को भुगतान कर पाता है। एमएसएमई के अंतर्गत समय अवधि 15 दिन एवं अनुबंध होने का की स्थिति में 45 दिनों में भुगतान पूर्ण न होने पर वर्ष के अंत में जो राशि देय रह जाएगी। उस पर वित्तीय वर्ष के आय में जोड़कर आय की गणना की जाएगी। इससे व्यापारियों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है।
इस मौके पर जिलाध्यक्ष जिला अध्यक्ष राधेश्याम गुप्ता, दिलीप गुप्ता, कमलेश जायसवाल, सौरभ चौरसिया, सभासद गिरधारी जायसवाल व विजय बिंद आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहें।