प्रख्यात इस्लामी विद्वान मुफ्ती मोहम्मद मासूम रजा खान हशमती की मौत
शाहिद हुसैन
सादुल्लाहनगर (बलरामपुर )/
प्रख्यात इस्लामी विद्वान मुफ्ती मोहम्मद मासूम रजा खान हशमती की मौत से
क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। जनाज़े की नमाज़ बुधवार दिन में दो बजे सादुल्लाह नगर खेल मैदान में पढ़ी गई। जनाजे में हजारों की तादाद में लोग शामिल रहे। जनाजे के बाद सादुल्लाह नगर -गौराचौकी मार्ग पर स्थित मदरसा अल जामे अतुल हशमतिया मुशाहिद नगर में सुपुर्दे खाक की गई । सोमवार की सुबह सुन्नी जगत के लिए एक दुखद खबर लेकर आई ।मदरसा अल जामेअतुल-हशमतिया पिपरा माहिम के प्रमुख अल्लामा मुफ्ती मुहम्मद मासूम रजा खान हशमती का निधन हो गया। उनकी नमाज़े जनाज़ा बुधवार, 24जनवरी को जुहर की नमाज़ के बाद मुबारक मोड़, सादुल्लाह नगर, जिला बलरामपुर के पास “ए.जी.हाशमी इण्टर कालेज खेल मैदान” में पढ़ी गई। जनाजे की नमाज से पहले फज्र की नमाज़ के बाद से लेकर दिन के 12:00 बजे तक मृतक हज़रत मासूमे मिल्लत की जियारत कराई गई। हजरत मासूमे मिल्लत के खलीफा और खादिम अलहाज कारी शरफुद्दीन खान हशमती ने बताया कि सोमवार को सुबह 9:00 बजे अपने घर पीलीभीत शरीफ में हजरते ने अपनी जिंदगी की आखिरी सांस ली इस वक्त हजरत की उम्र करीब 75 वर्ष थी. वे काफी दिनों से खराब स्वास्थ्य के साथ जी रहे थे। मासूमे मिल्लत के इंतकाल की सूचना मिलते ही गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सादुल्लाह नगर, उतरौला लखनऊ, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, नागपुर, मध्य प्रदेश और आसपास के क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बता दें कि सादुल्लाह नगर और गौरा चौकी के बीच मुशाहिद नगर, पिपरा माहिम शरीफ है, जहां अलजामेअतुल-हशमतिया स्थित है। यहीं से पूरे क्षेत्र में, शेर बेशऐ अहले-सुन्नत ने मसलके आला हजरत को मजबूत किया था, इसी मिशन पर हुजूर मासूमे मिल्लत ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। जनाजे में हज़ारों की संख्या में लोगों के साथ गोण्डा जनपद की पुलिस बल के साथ सादुल्लाहनगर थाने की पुलिस फोर्स मुस्तैदी से तैनात रहे ।