सुरहा ताल में पहुंचने लगे प्रवासी पक्षी
आशुतोष कुमार मिश्र
बलिया पहल टुडे
बलिया के सुरहा ताल प्रवासी पक्षियों के लिए प्रसिद्ध है। जो 34.32 वर्ग किमी में फैला हुआ है। इसे 1991 में सुरहा ताल पक्षी विहार भी घोषित किया जा चुका है जो गंगा और सरयू के दोआब में स्थित एक गोखुर झील है जिला मुख्यालय से लगभग 12 किमी दूर और बांसडीह तहसील मुख्यालय से तीन किलोमीटर जाकर सुरहा ताल का नजारा देखने लायक है जहां ठंड शुरू होते ही विदेशी पक्षियों का जमावड़ा लग जाता है। जिसे देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है। यहां अक्सर लोग इनका शिकार भी करते हैं जिसकी वजह से धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती जा रही है सुरहा ताल गंगा और सरयू नदी दोनों के बीच स्थित है इसे गोखुर झील भी कहा जाता जाता है। इस झील को पक्षी विहार भी कहते हैं
बता दें कि सर्दी शुरू होते ही परदेश से हजारों की संख्या में लगभग 14 किमी क्षेत्रफल में फैले सुरहा ताल में विदेशी पक्षियों के आने का क्रम शुरू हो जाता है यहां आने वाले पक्षी करीब एक-डेढ़ दशक पहले महफूज रहते थे धीरे-धीरे कुछ लोगों ने इनका शिकार करना अपना व्यवसाय बना लिया है इस बात का असर इनके आवक पर भी पड़ा और कुछ नस्लों के पक्षियों ने तो यहां का रुख करना ही बंद कर दिया। इस साल सर्दी के साथ हजारों मील की दूरी तय कर प्रवासी पक्षी पहुंच रहे हैं पक्षियों का शिकार रोकने के लिए प्रशासन ने इसे संरक्षी क्षेत्र घोषित कर दिया इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी काशी वन्य जीव प्रभाग रामनगर वाराणसी को सौंपा गया बावजूद, उनके शिकार होने का सिलसिला थम नहीं पा रहा है