November 22, 2024
Overloaded tractor trolley has become an enemy of life, a lot of fingers are being pointed at the police too.

Overloaded tractor trolley has become an enemy of life, a lot of fingers are being pointed at the police too.

ओवरलोड ट्रैक्‍टर ट्राली बनी जान की दुश्‍मन, पुलिस पर भी खूब उठ रही हैं अंगुलियां
देहरादून। खनन के अवैध खेल में ओवरलोड के नाम पर दो-चार ट्रैक्टरों पर जुर्माना की कार्रवाई कर सैकड़ों ट्रैक्टरों को पास कराया जा रहा है। ये ओवर लोड वाहन लोगो की जान की दुश्‍मन बने हुए हैं साथ ही यातायात नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं लेकिन कोई सुनने व देखने वाला नहीं है। इस पूरे गोरखधंघे में पुलिस पर भी खूब अंगुलियां उठ रही हैं।इसकी चर्चा इस धंधे से जुड़े लोगों के बीच इन दिनों खूब हो रही है। सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यदि ट्रैक्टरों पर ओवरलोड उप खनिज आ रहा है तो खनन माफियाओं पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है? वाहन चालकों की मानें तो मूल रूप से खनन के ठेका संचालक ही दोषी हैं। यदि नदी से ओवरलोडेड खनन नहीं मिलेगा तो चालक कैसे ओवरलोड लेकर चलेंगे? चर्चाओं की मानें तो हाल के दिनों में एक भी ठेका संचालक पर कार्रवाई नहीं हुई है। अब तक वसूली के मामले में कार्रवाई कैसे हुई?  वावजूद पुलिस की मिलीभगत से अवैध खनन का खेल लगातार जारी है। प्रतिदिन अवैध रूप से एक-एक थाना क्षेत्र में लाखों की वसूली की जा रही है। इसमें पुलिस और विभागीय अधिकारियों की संलिप्तता की भी चर्चा हो रही है। जिले में ओवरलोड खनन वाहनों के नाम पर अवैध वसूली की कई स्तर पर चर्चा है। सबसे ज्यादा ट्रैक्टर चालक रोज इसका शिकार होते हैं। इस धंधे में शामिल मूल धंधेबाज से लेकर असली गुनाहगार तक पुलिस और जिला प्रशासन की कार्रवाई की जद में नहीं आते हैं। कार्रवाई के नाम पर कुछ ट्रैक्टरों पर ओवरलोड का जुर्माना कर दिया जाता है। शिमला बाई पास चल रहे एन एच के काम के नाम पर  ओवरलोड वाहन थाना क्षेत्र की कमाई का मोटा जरिया बन गये है। खनन ठेका संचालकों की ओर से लगातार नियमों की अनदेखी कर अवैध कमाई के फेरे में ओवरलोड उप खनिज का उठान कराया जाता है। जिले के कई थानों की पुलिस खनिज लदे ट्रैक्टर वालों को रोक कर चालान होने पर भी ओवरलोड के नाम पर जुर्माना वसूली के लिए खनन व परिवहन को भेज देती है। अब तक एक भी ठेका संचालक पर कार्रवाई नहीं हुई है। ट्रैक्टर वालों की मानें तो खनन से चालान कटाने पर भी रास्ते में पुलिस का डर बना रहता है। पकड़े जाने पर जुर्माना भरने में महीनों की कमाई लग जाती है। यह हाल सिर्फ राजधानी देहरादून का नहीं है बल्कि पूरे राज्‍य में लगातार ऐसा हो रहा है। लेकिन जिम्‍मदेार लोग अपनी आंखे बंद किए बैठे हैं।

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