September 21, 2024

हाईग्रेड फीवर का प्रकोप: रोगी 300 के पार…एक की मौत, डेंगू के 19 रोगी मिले, रोगियों में दिख रहे हैं ये लक्षण

कानपुर
हाईग्रेड फीवर का सबसे बुरा असर पहले शरीर के पॉवर हाउस लिवर पर आ रहा है। इसके बाद सांस तंत्र पर असर पड़ता और और रोगी वायरल न्यूमोनाइटिस का शिकार हो जा रहा है। फिर गुर्दे और आंतें प्रभावित हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस का नया स्ट्रेन है, जो मिश्रित लक्षण दे रहा है।
कानपुर में हाईग्रेड फीवर के रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मंगलवार को बुखार के 307 रोगी मिले। इनमें से गंभीर हालत में आए 10 रोगियों को इमरजेंसी में भर्ती किया गया, जबकि एक की मौत हो गई। इस बीच डेंगू के भी 19 संक्रमित मिले हैं। इनमें 13 संक्रमित अकेले हरचंदखेड़ा, सरसौल के हैं। हैलट ओपीडी से 20 सैंपल और जिला मलेरिया विभाग ने 42 सैंपल डेंगू की जांच के लिए भेजे हैं।

यूएसडीपी पोर्टल में मंगलवार को डेंगू के 19 और बुखार के 107 रोगियों की सूची जारी की गई। हैलट की मेडिसिन विभाग की दो ओपीडी में नए और पुराने कुल छह सौ रोगी आए। इनमें दो सौ रोगी बुखार के थे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्या डॉ. रिचा गिरि ने बताया कि एक रोगी को खून की उल्टी हो रही थी। उसे भर्ती करके सैंपल जांच के लिए भेजा गया। इसके अलावा कुछ रोगियों के शरीर पर चकत्ते थे और कुछ रोगियों का प्लेटलेट्स काउंट कम था।
छिबरामऊ का है एक डेंगू संक्रमित
डायरिया, पेट दर्द के रोगी रहे हैं। ओपीडी में आए 10 रोगियों को भर्ती किया गया। इसके अलावा रोगी सीधे इमरजेंसी में आए हैं। डेंगू रोगियों में सबसे अधिक 13 हरचंदखेड़ा में मिले। इसके अलावा विकासनगर, सनिगवां, रामादेवी और बिल्हौर के एक-एक संक्रमित मिला। एक डेंगू संक्रमित छिबरामऊ का है। उसने जांच शहर में कराई थी। नौबस्ता के रहने वाले अशरफ (52) की हाई ग्रेड फीवर के बाद मौत हो गई। उसका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था। हालत बिगड़ने पर हैलट रेफर किया गया। वहां डॉक्टरों ने ब्रॉट डेड घोषित कर दिया।

सबसे अधिक लिवर पर हमला कर रहा बुखार
हाईग्रेड फीवर का सबसे बुरा असर पहले शरीर के पॉवर हाउस लिवर पर आ रहा है। इसके बाद सांस तंत्र पर असर पड़ता और और रोगी वायरल न्यूमोनाइटिस का शिकार हो जा रहा है। फिर गुर्दे और आंतें प्रभावित हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस का नया स्ट्रेन है, जो मिश्रित लक्षण दे रहा है। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के संचार रोग के नोडल अधिकारी डॉ. बीपी प्रियदर्शी का कहना है कि बुखार के इतने अधिक रोगियों के लिवर पर पहली बार असर आया है।
मेडिकल कॉलेज की उप प्राचार्य डॉ. रिचा गिरि ने बताया कि बुखार के रोगी पेट दर्द, जी मिचलाना सरीखे लक्षण लेकर आ रहे हैं। वायरल न्यूमोनाइटिस के रोगी भी आ रहे हैं, जिन्हें निमोनिया हो जाता है। उल्टी में खून आना खतरनाक लक्षण होता है। सीनियर फिजीशियन डॉ. जेएस कुशवाहा ने बताया कि लिवर प्रभावित रोगी पहली बार इतनी बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
खतरनाक हो रहा बुखार (पांच दिन के आंकड़ों के आधार पर)
इमरजेंसी में भर्ती -572 रोगी
लिवर प्रभावित -300 रोगी
वायरल न्यूमोनाइटिस -142 रोगी
गुर्दा प्रभावित -72 रोगी

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