नई दिल्ली
यमुना नदी में आई बाढ़ ने जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी के मद्देनजर राजघाट से शांतिवन तक रिंग रोड के विदेशों की तरह किए गए सौन्दर्यीकरण व हरा भरा करनेे के किए कार्य पर पानी फेर दिया है। यहां पर लगाई लाइटेंं खराब हो गई है और ट्रैक भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके अलावा रिंग रोड के दोनों किनारों और डिवाइडर पर लगाए गए पौधे सूख गए है।
पीडब्ल्यूडी ने राजधानी की सड़कों को विश्वस्तरीय और सुंदर बनाने की दिशा के साथ-साथ जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारी के मद्देनजर राजघाट से शांतिवन तक एक योजना को अमलीजामा पहनाया था। यहां लोगों को पैदल चलने के लिए फुटपाथ बनाए गए थे और इस पूरे क्षेत्र को हरा-भरा बनाए रखने के लिए पौधे लगाए गए थे। मगर यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद आई बाढ़ में यह क्षेत्र पूरी तरह बर्बाद हो गया।
यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने पर रिंग रोड पर आईटीओ से लेकर मजनूं का टीला तक जगह-जगह काफी दूरी तक कई फीट पानी जमा हो गया था और यहां पर कई दिनों तक पानी जमा रहा। इस कारण तमाम पौधे पानी में डूबे रहे और राजघाट से शांतिवन तक पेड़-पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा आईटीओ स्थित रिंग रोड फ्लाईओवर के नीचे भी पौधे पानी में डूब गए।
पौधरोपण की कवायद शुरू
पीडब्ल्यूडी ने जी-20 शिखर सम्मेलन की मुख्य बैठक होने का समय नजदीक आने के मद्देनजर कई जगहों से सूखे पौधों को हटाकर नए लगाने की कवायद शुरू कर दी है। उसने रिंग रोड पर आईटीओ फ्लाईओवर के नीचे के इलाके में पौधरोपण आरंभ कर दिए है, लेकिन अभी राजघाट से शांति वन तक नए पौधे लगाने की शुरूआत नहीं की है।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के अनुसार अभी यमुना नदी में जलस्तर सामान्य नहीं हुआ है और वह कई बार खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच चुका है। लिहाजा यमुना नदी का पानी रिंग रोड पर आने की आशंका बनी हुई है। इस कारण पौधे खराब होने का खतरा बना हुआ है।